हरियाणा

समुद्री लुटेरों के कब्जे से दो माह आठ दिन बाद छूटा अंकित हुड्डा अपने वतन लौटा

सत्यखबर रोहतक (दिनेश कौशिक) – घाना से नाइजीरिया जा रहे शिप एमटी अपेक्स आईएमओ को 19 अप्रैल को समुद्री लुटेरों ने लागोस आईलैंड के पास से अपहरण कर लिया था। अपहरण के समय शिप पर 15 का स्टाफ मौजूद रहा, जिनमें 5 भारतीय मूल के कर्मचारी भी शामिल हैं। अपहरण की जानकारी परिजनों को 24 अप्रैल को मिली। इनमें रोहतक के आसन गांव का अंकित हुड्डा भी शामिल है।

रोहतक से ग्रेजुएशन करने के बाद अंकित ने नाइजीरिया की एक मर्चेंट शिप कंपनी में नाविक के तौर पर नौकरी हासिल कर ली थी। अंकित के पिता का देहांत कई वर्ष पहले हो चुका था मां का इकलौता बेटा जीने का सहारा था। अंकित अकेले मां ही नही अपने मामा व मौसी के घर का भी इकलौती सन्तान है। क्योंकि मामा व मौसी की भी कोई संतान नहीं है। फिरौती देने के बाद अंकित रिहा हो कर अपने देश व घर वापिस लौट आया है। अंकित से उस समय के दर्दनाक पल साझा किए।

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अंकित हुड्डा ने बताया कि रोहतक से ग्रेजुएशन करने के बाद नाइजीरिया की एक मर्चेंट शिप कंपनी में नाविक के तौर पर नौकरी हासिल कर ली थी, एक साल की ट्रेनिग लेने के बाद शिप को ज्वॉइन किया घाना से नाज़रिया जाते समय शिप एमटी अपेक्स आइएमओ को 19 अप्रैल को लागोस आइलैंड के पास समुद्री लुटेरों ने हाईजैक कर लिया था। इस जहाज में लगभग 15 लोग थे। जिसमे हम पांच भारतीय थे। पहले समुद्री लुटरों ने शिप के मालिक से फिरौती की मांग की।

वे हमें बहुत ही टॉर्चर करते थे। समुंदर का पानी पीने को देते थे खाने को सिर्फ एक दिन में एक बाउल नूडल पांच लोगों को देते है। हमे रोज मारते पीटते थे। आंखों पर कपड़ा बांध देते। 69 दिन वे बहुत ही दर्दनाक सदमे की तरह याद रहेगा। मेरे पिता का देहांत कई वर्ष पहले हो चुका था मां का इकलौता बेटा जीने का सहारा हूँ। अकेले मां ही नही अपने मामा व मौसी के घर का भी इकलौती सन्तान हूँ। क्योंकि मामा व मौसी की भी कोई संतान नहीं है।

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