सत्यखबर, चण्डीगढ़
कांग्रेस के राज्यसभा सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने लगातार 2 दिन से कांग्रेस पार्टी और विपक्ष की तरफ से देश के किसान के मुद्दे पर अविलम्ब चर्चा के लिये काम रोको प्रस्ताव दिया। दोनों दिन सभापति ने कार्यस्थगन प्रस्ताव का नोटिस खारिज कर दिया। जिसपर पूरा विपक्ष खड़ा हो गया और जब किसान के हक में विपक्ष ने आवाज उठाई तो संसद की कार्यवाही स्थगित कर दी गई। जिसके बाद मीडिया से बात करते हुए सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि दुर्भाग्य की बात है कि अहंकार में डूबी सरकार के पास किसान की बात सुनने का समय नहीं है।
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इस सरकार के पास फोन टैपिंग करके अपने प्रतिद्वंदियों, ज्यूडीशियरी, मीडिया की बात सुनने का पूरा समय है। सरकार बताए क्या फोन टैपिंग कराना सकारात्मक राजनीति है। सरकार बताए क्या किसान को निशाने पर रखना सकारात्मक राजनीति है। सरकार बताए क्या गरीब आदमी को महंगाई की चोट मारना सकारात्मक राजनीति है।
दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि देश के किसान पर चर्चा का समय भारत की संसद में नहीं मिलेगा तो क्या जिम्बाब्वे की संसद में मिलेगा। दुर्भाग्य की बात है कि सरकार आज भी अहंकार में दिखाई दे रही है। 8 महीने से किसान सडक़ों पर हैं। 400 से ज्यादा किसानों ने कुर्बानी दे दी। क्या सरकार में इतनी संवेदनशीलता नहीं होनी चाहिए कि किसान को बुलाकर बातचीत करें। सरकार अहंकार में इतनी मगन है कि किसानों के मुद्दे पर विपक्ष की तरफ से एक बात भी सुनना नहीं चाहती। हम संसद में भी किसानों के हक की हर लड़ाई लड़ेंगे
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