सत्यखबर
गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि न तो मोदी जी मान रहे है न किसान मान रहे हैं। हम तो कहते है की कानून जब तक वापस नहीं होते, तब तक हम मानेंगे नहीं। कृषि कानूनों के विरोध में चलाए जा रहे आंदोलन में 200 से ज्यादा किसान शहीद हो गए है, लेकिन सरकार हठधर्मी पर अड़ी हुई है।
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गुरनाम सिंह चढूनी सोमवार सुबह डबवाली क्षेत्र के खुइयां मलकाना टोल प्लाजा पर पहुंचे। इस अवसर पर उन्होंने किसान संगठनों द्वारा चलाई जा रही लंगर सेवा की सराहना की। करीब आधा घंटा तक चढूनी यहां रूके, इसके बाद संगरिया, हनुमानगढ़ के लिए रवाना हो गए।
पत्रकारों से रूबरू होते हुए बोले कि काले मन से काले कानून बनाये गए है। उन्हाेंने कहा कि प्रधानमंत्री ने एक कॉल की दूरी की बात कही, लेकिन किसी को समझ नहीं आया कि इसका मतलब क्या है। चढूनी ने कहा कि हम दिल्ली में बैठे है अभी तक तो किसी की कॉल नहीं आयी। सरकार के साथ 11 दौर की वार्ता हो चुकी है लेकिन कोई हल नहीं निकाला।
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