सत्यखबर
पुरे देश में कोरोना ने अपना कहर मचा रखा है. पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने पत्र लिखकर प्रधानमंत्री मोदी को कोरोना हालात से लड़ने के लिए कुछ सलाह दी थी। उन्होंने पत्र में लिखा था, ‘देश में अभी वैक्सीन सप्लाई सीमित है, ऐसे में विश्व की कोई भी विश्वसनीय प्राधिकरण की ओर से यदि किसी वैक्सीन को हरी झंडी दी जाती है तो हमें भी उसे आयात करना चाहिए। हम ऐसा भारत में बिना उसके ट्रायल के कर सकते हैं। इस समय भारत में आपातकाल है। इमरजेंसी में उसके इस्तेमाल के समय ही देश में साथ ही साथ उसका ट्रायल भी किया जा सकता है।
‘पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह द्वारा कोरोना वायरस संक्रमण के हालातों से जूझने के लिए दिए गए सलाह पर स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने पलटवार किया है। स्वास्थ्य मंत्री ने सोमवार को पत्र को अपने ट्विटर हैंडल पर पोस्ट किया।
इसमें उन्होंने लिखा, ‘इतिहास आपके लिए बेहतर होता यदि इस तरह का रचनात्मक सहयोग व कीमती सलाह पर आपकी पार्टी कांग्रेस ने काम किया होता।’ पत्र के अंत में स्वास्थ्य मंत्री ने पूर्व पीएम मनमोहन सिंह द्वारा लिखे गए पत्र में कई गलतियों का भी जिक्र किया। उन्होंने मनमोहन सिंह को संबोधित करते हुए लिखा,’आपने वैक्सीन के आयात को लेकर जो सलाह दी है वह कदम पहले ही उठा लिया गया। आपने यह सुझाव 18 अप्रैल को दिया जबकि 11 अप्रैल को ही विदेेशी प्राधिकरणों से इसके लिए मंजूरी मिल गई।’ स्वास्थ्य मंत्री ने लिखा, ‘इस पत्र को आपके लिए तैयार करने वालों ने लगता है पूरी जानकारी नहीं दी। वैक्सीन विकसित करने में फंडिंग और अन्य रियायतों पर जो सुझाव आपने अब दिया है यह कदम पहले ही उठा लिया गया था।’ स्वास्थ्य मंत्री ने यह भी लिखा कि सरकार द्वारा वैक्सीन के उत्पादन को बढ़ाने के लिए अनेकों संस्थाओं को वित्त पोषित किया गया है। आपने कोरोना वैक्सीनेशन को लेकर चिंता प्रकट की है लेकिन आपकी कांग्रेस पार्टी के शीर्ष नेता ऐसा नहीं मानते हैं। अब तक कांग्रेस के बड़े नेताओं की ओर से वैज्ञानिकों की तारीफ तक नहीं की गई है।’
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