सत्यखबर अंबाला (अंकुर कपूर) – हन्नीप्रीत को वीआईपी ट्रीटमेंट देने वाली अंबाला की सेंट्रल जेल एक बार फिर विवादों के घेरे में हैं। इस बार मामला सेंट्रल जेल में कैद एक बंदी की मौत से जुड़ा है। दरअसल जितेंद्र नाम का व्यक्ति जिसे पुलिस ने NDPS एक्ट में पकड़ा था अंबाला की सेंट्रल में बंद था। जिसे आज जेल प्रशासन इलाज के लिए अंबाला के सिविल अस्पताल लेकर पहुंचा लेकिन यहाँ जितेंद्र की संदिघ्ध परिस्थितियों में मौत हो गयी। जिसके बाद मौके पर पहुंचे परिजनों ने अस्पताल में जमकर बवाल काटा।
अचानक हुई जितेंद्र की मौत से गुस्साए परिजनों ने जेल प्रशासन पर आरोप लगाए कि उनके बार बार कहने पर भी जेल प्रशासन ने जितेंद्र का इलाज नहीं करवाया। वहीँ इस दौरान परिजन मृतक का पोस्टमार्टम न करवाने की जिद पर अड़ गए और मोर्चरी से स्ट्रेचर पर शव को खींच कर बाहर ले आये। इस दौरान जितेंद्र के परिजनों और पुलिस के बीच तीखी बहस भी हुई और उन्होंने आरोप लगाए कि पहले तो उनके भाई को झूठे मामले में फसाया गया और अब पुलिस और जेल प्रशासन की लापरवाही के चलते ही उनके भाई की जान गई।
सिविल अस्पताल में बवाल काट रहे परिजनों को समझाने पहुंची पुलिस को जबरदस्त विरोध का सामना करना पड़ा। मौके पर पहुंचे पुलिस अधिकारीयों की माने तो जेल प्रशासन जब बंदी को इलाज के लिए लेकर आया तो उसकी हालत खराब थी और जब तक उसका इलाज करवाते तब उसकी मौत हो चुकी थी।
वहीँ डॉक्टरों की माने तो जब जेल से बंद को अस्पताल लाया गया तब वो बीमार था। लेकिन उसकी मौत किन कारणों से ये पोस्टमार्टम से ही स्पष्ट हो पायेगा।
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