सत्य खबर
हम किसानों के साथ हैं। किसानों के विरोध में नहीं हैं। हां या ना से बात नहीं बनती। बात चर्चा से बनती है। दो कदम वे चलें दो कदम हम चलें तो उम्मीद है समाधान जरूर निकलेगा। किसानों की बात चली है तो एसवाइएल का मुद्दा उठाना कोई अपराध नहीं है। कृषि मंत्री जेपी दलाल सेक्टर 13 स्थित अपने आवास पर पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि हरियाणा के किसानों को एसवाइएल का पानी जरूर मिलना चाहिए। हरियाणा विशेष कर दक्षिण हरियाणा के लिए एसवाइएल जीवन रेखा है।
हरियाणा को उसका हक मिले। यह हक संविधान ने दिया है। सुप्रीम कोर्ट में इसका फैसला हो चुका है। सभी दलों के नेताओ से भी प्रार्थना है वे जिस प्रकार पंजाब के सारे नेता और दल एसवाईएल के मुद्दे पर एकजुट हो गए थे। उसी प्रकार हरियाणा के नेताओं और राजनीतिक दल एकजुटता दिखाएं।
पत्रकारों से बातचीत मेें कृषि मंत्री ने कांग्रेस को भी घेरा और कहा कि एक नेत्री कहती हैं कि पानी का समान बंटवारा हो। उनको यह भी याद रखना चाहिए कि हुड्डा के कार्यकाल में भिवानी को उसके हक का पानी नहीं मिला। मैं तो यह कहूंगा कि दक्षिण हरियाणा में एसवाइल का पानी नहीं आया तो यह क्षेत्र बंजर हो जाएगा। यह चिंता का विषय है। यह सही समय है हर किसी को एसवाइएल के लिए आगे आना चाहिए। एक सवाल के जवाब में मंत्री ने कहा कि लोहारू बाढ़डा, तोशाम में ज्यादा पैदावार हुई है।
कांग्रेस के छह साल के मुकाबले हमारे छह साल में एमएसपी भाव मिला, मंडी ज्यादा चली, किसान को छह-छह हजार रुपये दिए। 85 फीसदी सब्सिडी दी। 50 लाख पशुओं का वैक्सीलेशन कराया। एक लाख पशुधन क्रेडिट कार्ड बनवाएं। किसान हितैषी फैसले लेने में हरियाणा सरकार से ज्यादा किसी प्रदेश में काम नहीं हुआ है। राजस्थान, पंजाब में बाजरे की खरीद तक नहीं की गई। हरियाणा सराकर ने साढे सात लाख मीट्रिक टन बाजरा खरीदा है।
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उन्होंने कहा कि पहले की सरकारें आयात पर ज्यादा ध्यान देती थी। हमारी सरकार स्वदेशी को बढ़ावा दे रही है। हमारे यहां गन्ने का भाव पंजाब से कहीं ज्यादा है। हरियाणा सरकार किसानाें की मदद के लिए तैयार है। आज किसानों के लिए सबसे अहम पानी का मुद्दा है। इसलिए एसवाइएल का पानी जरूर मिले। पानी बचाने के लिए हम कई योजनाएं लेकर आए रहे हैं। भूजल योजना के तहत पानी के प्रबंधन पर काम किया जाएगा। भूजल ऊपर लाने के लिए रिचार्जेबल ट्यूबवेलों में पानी डलवाया जाएगा ताकि भूजल ऊपर आ जाए।
कृषि मंत्री ने कहा कांग्रेस के टुकड़े होने हैं। कांग्रेसी चुनाव हारते जाएंगे कांग्रेस में विद्रोह होता जाएगा। एक सवाल के जवाब में मंत्री ने कहा किसान आंदोलन के खिलाफ हम नहीं हैं। जल्द समाधान निकलेगा। दो कदम वे चले दो कदम हम चले। एक अन्य सवाल के जवाब में वह बोले जो भाजपा को छोड़ेगा वह कारवां से बिछड़ जाएगा। यह विरोध परायोजित है। एसवाइएल की आवाज उठाना अपराध नहीं है। हरियाणा का किसान एसवाइएल का विरोध नहीं करेगा। हम किसान को किसान समझ कर उनके हक के लिए काम करेगे। हमें पानी चाहिए और इसकी लड़ाई हम कहीं तक ले जाने के लिए तैयार है। एसवाइएल का पानी हमें जरूर मिलेगा।
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