सत्यखबर, चढ़ीगढ़
बता दे की कृषि अध्यादेशों के लोकर किसान आंदोलित हैं। इस मुद्दे पर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल का कहना है कि यह अध्यादेश केंद्र से जुड़ा हुआ विषय है। इसमें प्रदेश का कोई योगदान नहीं है। प्रदेश तो केंद्र का कानून फालोअप करेगी। एडीशनल प्रोविजन स्टेट की ओर से करेंगे। किसी भी व्यक्ति के ऊपर कोई कठिनाई आती है, चाहे वह किसान हो या फिर आढ़ती। प्रदेश सरकार के पास उनके समाधान के रास्ते खुले हुए हैं। एक्ट की लिमिट में रहकर सारी सुविधाओं का काम करेंगे। किसी के बिजनेस पर आंच नहीं आएगी। किसी दबाव में काम नहीं करेंगे। टकराव दूर करेंगे।
मनोहर लाल ने कहा कि धान की खरीद चलती रहेगी। मंडीकरण में कोई बदलाव नहीं होगा। एमएसपी पर ही फसलें खरीदेंगे। धान, मूंग, बाजरा व मक्का एक-एक दाना एमएसपी पर ही खरीदा जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले जैसी सुविधा थी मंडियों में बिना बताए चालान होते थे। अब वह चीजेंं मुक्त की गई हैं। अब अगर कोई फसल को खेत से ही खरीदेगा तो उस पर मार्केट फीस नहीं लगेगी। किसान नेता जो शंका पैदा कर रहे हैं, वह किसानों की समस्या नहीं, बल्कि उनकी है
सीएम ने कहा कि उन्होंने केंद्र सरकार से कहा है कि खरीद का समय एक अक्टूबर होता है। हमारी तैयारी 25 सितंबर से करने की है, इसलिए उनकी अनुमति चाहिए। अनुमति मिल जाएगी तो 25 सितंबर से ही करेंगे। वरना एक अक्टूबर से होगी। इस बार हमने खरीद केंद्र नए सेंटर बनाए हैं। डेढ़ सौ से दो सौ मिलर्स के स्थानों पर यह खरीद की जाएगी, ताकि फिजिकल डिस्टेंसिंग रह सके। सीएम ने कहा कि हरियाणा के आढ़तियों के कुछ विषय हैं। उनकी समस्याओं का समाधान किया जा रहा है। उन्हें कोई दिक्कत नहीं आने देंगे।
कृषि अध्यादेश के विरोध पर सीएम ने कहा कि इसे कांग्रेस के लोग हवा दे रहे हैं। दूसरे प्रांत का मक्का और बाजरा हम नहीं बिकने देंगे, क्योंकि उनका लास हम भरपाई करते हैं। हरियाणा के किसान का बाजरा व मक्का पूरा खरीदा जाएगा। कांग्रेस की सरकार राजस्थान व पंजाब में है। वहां पर वह अपनी सरकारों के विरुद्ध आंदोलन क्यों नहीं करते।
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