सत्यखबर, हरियाणा
हरियाणा में 45 नगर परिषद व नगर पालिकाओं के चुनाव लगातार लटकते जा रहे हैं। शहरों में प्रधान की कुर्सी के आरक्षण को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है। सरकार प्रधान पद को लेकर होने वाले ड्रा को भी टाल चुकी है। हालांकि 22 जून को इन 45 नगर परिषद व नगर पालिकाओं में प्रधान पद को लेकर ड्रा हो चुका है। विभाग के तत्कालीन अतिरिक्त मुख्य सचिव एसएन रॉय की ऑब्जेशन के चलते नये सिरे से ड्रा की डेट तय हुई थी। दरअसल, 22 जून को 45 नगर परिषद व नगर पालिकाओं में अध्यक्ष पद को लेकर ड्रा हुआ था। ड्रा के जरिये निकायों में अध्यक्ष पद को महिलाओं, अजा महिला, पिछड़ा वर्ग व पिछड़ा वर्ग की महिला के लिए आरक्षित किया गया था। आरक्षण के बाद बाकी सीटों को सामान्य कैटेगरी के लिए रखा गया था। हालांकि सामान्य कैटेगरी की सीटों पर दूसरी जातियों के चुनाव लड़ने पर रोक नहीं रहती। ड्रा के बाद नोटिफिकेशन भी जारी हो गया और इसी हिसाब से लोगों ने चुनावों को लेकर तैयारियां भी शुरू कर दी। इसके बाद अचानक से 22 सितंबर को इन सभी 45 निकायों में नये सिरे से ड्रा की चिट्ठी जारी हो गई। भाजपा व जेजेपी के अलावा कई अन्य नेताओं ने भी इस बाबत मुख्यमंत्री मनोहर लाल से मुलाकात की। निकाय चुनाव लड़ने के इच्छुक नेताओं ने सीएम से मुलाकात कर दोबारा से ड्रा का विरोध किया। नेताओं ने ड्रा के बाद चुनाव की तैयारियां शुरू कर दी थी।
नये सिरे से ड्रा का फैसला इसलिए लिया गया क्योंकि 22 जून को हुए ड्रा के समय छह नगर परिषदों/नगर पालिकाओं में वार्डबंदी का काम पूरा नहीं हुआ था। इन निकायों की सीमा का विस्तार होने के चलते वार्डबंदी नये सिरे से हुई। इसी आधार पर नये सिरे से ड्रा की डेट तय हुई। सूत्रों का कहना है कि सीएम ने विभिन्न प्रतिनिधियों की मांग के बाद इस पूरे मामले में एजी से कानूनी राय लेने को कहा। एजी इस बारे में अपनी राय देंगे कि पहले हुए ड्रा के हिसाब से ही चुनाव करवाए जा सकते हैं या फिर नये सिरे से ड्रा करवाया जाए। उनसे यह भी पूछा है कि अगर इसमें किसी तरह की कानूनी अड़चन है तो उन छह निकायों में ही ड्रा करवाया जा सकता है, जिनमें वार्डबंदी का काम अब पूरा हुआ है। अब इस मामले में 29 सितंबर को सुनवाई होगी।
ये भी पढ़ें… पानीपत : डंपर, बाइक और तीन कारों में भिड़ंत, दो की मौत
45 निकायों को कार्यकाल जून में पूरा हो चुका। वर्तमान निकाय प्रशासकों के हवाले हैं। पहले यह माना जा रहा था कि दिवाली के आसपास चुनाव हो सकते हैं, लेकिन अब दिवाली के बाद ही ‘शहरों की सरकार’ का गठन होने के आसार हैं। राज्य चुनाव आयोग द्वारा निकाय चुनावों को लेकर तैयारियां की जा चुकी हैं।
Aluminium scrap repurposed products Aluminium scrap end-of-life solutions Scrap metal salvage