सत्य खबर, पलवल
पूर्व मंत्री करण सिहं दलाल ने कहा कि हरियाणा सरकार ने पंचायत संशोधन कानून बनाया है जिसमें महिलाओं को कुल 50 फीसदी पदों तक ही सीमित कर दिया है। बाकी 50 फीसदी पदों पर महिलाऐं चुनाव नहीं लड़ सकेगीं। सरकार का यह निर्णय असंवैधानिक है। देश के किसी भी राज्य में ऐसा कानून नहीं है। जबकि हरियाणा सरकार ने गैरकानूनी तरीके से ऐसा किया है। उन्होंने कहा कि पंचायत संशोधन कानून को लेकर महामहिम राज्यपाल को एक पत्र लिखकर इस कानून को रद्द करने की मांग की है।
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पूर्व मंत्री करण सिहं दलाल ने अपने निवास स्थान पर प्रेस वार्ता को सम्बोधित करते हुए कहा कि राज्य सरकार ने पंचायत संशोधन कानून में सेक्शन 9 के अंर्तगत भाग 3 में महिलाओं के लिए केवल 50 फीसदी पद आरक्षित किए है। जबकि 50 फीसदी पदों पर महिलाऐं चुनाव नहीं लड़ सकती है। जो असंवैधानिक है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार महिलाओं के लिए 50 फीसदी सीटें आरक्षित कर सकती है लेकिन अन्य 50 फीसदी सीटों पर चुनाव लडऩे की प्रक्रिया से सरकार नहीं रोक सकती है। अनुसूचित जाति व जनजातियों के लिए रिर्जव सीटें चुनाव लडऩे के लिए है लेकिन अनुसूचित जाति व जनजातियों को जनरल सीटों पर चुनाव लडऩे से नहीं रोका जा सकता है।
उन्होंने कहा कि भाजपा व जजपा पार्टी ने जानबूझकर यह गलत कानून पारित किया है। पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में यह मामला जाते ही इस कानून पर रोक लगेगीं। प्रदेश में होने वाले पंचायत चुनाव सही समय पर नहीं हो पाएगें। करण सिहं दलाल ने सरकार पर पलटवार करते हुए कहा कि भाजपा सरकार गांवों में विकास करना नहीं चहाती है। पंचायत चुनाव में देरी के कारण ग्राम पंचायतों को विकास के लिए राशी नहीं मिल पाएगीं। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने गलत कानून बनाकर संविधान की अवेहलना की है,सरकार ने महिलाओं को 50 फीसदी आरक्षण तक सीमित कर महिलाओं के साथ अन्याय किया है। उन्होंने कहा कि नए कृषि कानूनों को लेकर सरकार गंभीर नहीं है। भाजपा का अंहकार साफ झलक रहा है। सरकार के मन में मजदूर,किसानों के प्रति बेईमानी है। सरकार नए कृषि कानूनों को लागू कर पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाना चहाती है।
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