सत्यखबर
एयरपोनिक तकनीकि से की गई इस खेती में लॉकडाउन के तीन महीनों में एक किलो 300 ग्राम केसर का उत्पादन हुआ। खास बात यह है कि यह युवा अब इस केसर को पांच लाख रुपये किलोग्राम के भाग में बेच भी रहे हैं। नवीन बताते हैं कि सबसे अच्छी गुणवत्ता के केसर का बीज 2500 रुपये किलोग्राम के हिसाब से आता है। हालांकि केसर की खेती में अभी तक प्रयोग चल रहे हैं।
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केसर की खेती के लिए 10 से 20 डिग्री सेल्सियस तापमान के साथ सूर्य से हल्की रोशन की आवश्यकता होती है। मगर हिसार के दो युवाओं ने लैब में ऐसा केसर विकसित किया है जिसमें एलईडी लाइट के माध्यम से सूर्य की कमी को पूरा किया जा सकता है। कोथकला निवासी इंजीनियर प्रवीन और होटल मैनेजमेंट करने वाले नवीन ने लॉकडाउन में 13 लाख रुपये से अपने घर की छत पर लैब तैयार की। जिसमें केसर के बीज लगाकर उचित रोशनी, तापमान दिया तो केसर अंकुरित हो गया।
तापमान बनाने के लिए लगाया चिलर
हिसार के आजाद नगर में 15 वाई 15 के आकार वाले कमरे में छत पर लैब तैयार की गई है। इस प्रोजेक्ट को अगस्त से नवबर 20 महीने में पूरा कर लिया। उन्होंने ट्रायल के दौरान 100 से ज्यादा किलो केसर के बीज की खेती की। केसर की खेती के लिए दिन में 20 डिग्री सेल्सियस और रात्रि में 10 डिग्री सेल्सियस तापमान रखना होता है। लैब में इस तापमान को बनाने के लिए चिलर लगवाया गया है। इसके साथ ही सूर्य की रोशनी की इस फसल पर सीधे नहीं पड़नी चाहिए, इसलिए नवीन ने अपनी लैब को छत पर बनाया है। हालांकि अब दोनों युवाओं ने शोध में एलईडी लाइट से रोशनी देने पर भी सफलता पाई है।
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