सत्यखबर,हिसार(विनोद सैनी)
हिसार की एडीजे गुरुविद्र की अदालत ने दो लोगों की गोलिया मार कर हत्या और छह लोगों को घायल करने के मामले में 12 लोगो को उम्र कैद की सजा सुनाई है। अदालत ने कैद के साथ 1 लाख 89 हजार जुर्माना भी लगाया है। अदालत में चले अभियोजन के अनुसार नारनौद के गांव बड छप्पर में फरवरी 2010 में शामलाती भूमि पर कुरडी को कब्जाने के दौरान हुए विवाद में दो लोगो की गोली कर हत्या करने और अन्य छह लोगो की हत्या के प्रयास के मामले में 12 को आज अदालत ने सजा सुनाई है। आपको बता दे कि इस मामले में 15 आरोपी थे। इनमें से दो ओम प्रकाश व चांद की मौत हो चुकी है। और एक जूवानाइल है।
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अधिवक्ता महेद्र सिंह नैन बताया कि अदालत ने हत्या व हत्या के प्रयास के मामले में 12 लोगो को ऊम्र कैद की सजा सुनाई है। पीडित पक्ष के अधिवक्ता महेंद्र सिंह नैन के अनुसार अदालत ने मामले में आरोपी बडछप्पर के रहने वाले परशराम और उसका पुत्र कृष्णा माला इसका भाई उर्फ मोहनी भोलू और विजेंद्र उर्फ कालू के अलावा गांव का गंगादत कलम सिंह देवी राम सुरेंद्र उर्फ छंगा जींद निवासी सोनू और रोहतक के गांव निडाना को दोषी करार दिया था और अदालत ने उन्हें आज सजा सुनाई है। उन्होंने बताया कि फरवरी 2010 को रामकेश की शिकायत पर नारनौंद थाने में धारा 148, 149, 307, 302, और शस्त्र अधिनियम के तहत केस दर्ज किया गया था।
यह था पूरा मामला
आपको बता दे कि नारनौंद थाने में दी शिकायत में बड़छप्पर निवासी रामकेश ने बताया था कि गांव बड़छप्पर पर में हाईस्कूल के सामने शामलात भूमि है। रामकेश ने बताया था कि उस भूमि के साथ उसके परिवार की कड़ी लगती है। रामकेश का आरोप था कि उसके गांव के ही परसराम और ओमप्रकाश उसकी कड़ियों व शामलात भूमि पर कब्जा करना चाहते हैं। रामकेश ने शिकायत में बताया था कि भूमि को लेकर पंचायत हुई थी, जिसमें इन्हें भूमि पर कब्जा करने से मना किया गया था। रामकेश का अरोप था कि 27 फरवरी 2010 की रात करीब 10 बजे परसराम, ओमप्रकाश, विजेंद्र उर्फ काकू, माला, मोहनी, भीलू, कृष्ण, सुरेंद्र, देवीराम, नवीन, सोनू, चांद, गंगादत्त, परसराम का बहनोई व चार-पांच अन्य ने शामलात भूमि व उसकी कड़ियों पर कब्जा करना चाहा। उस दौरान उनके हाथ में पिस्तौल व डंडे, जेली व कस्सी थे। रामकेश ने बताया था कि जब उसे इस बात का पता चला तो वह अपने भाई बलराज, पिता भवासी राम, चचेरे भाई संजय, मनोज उर्फ विनोद, कुलदीप, सुरेंद्र, पृथ्वी, परवेल ने उन्हें रोकने का प्रयास किया तो उस दौरान वहां मौजूद कमल ने ललकारा मारते हुए मजा चखाने की बात कही। रामकेश का आरोप था कि कमल के ललकारा मारते ही सभी आरोपियों ने उन पर हमला कर दिया।
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