सफीदों :महाबीर मित्तल
किसी भी पार्टी के लिए कर्मठ कार्यकर्ता रीढ़ की हड्डी की तरह से होते हैं और उन्ही कार्यकर्ताओं की कर्मठता के आधार पर ही कोई पार्टी अपने मुकाम पर पहुंचती है। उन्ही में से एक कर्मठ कार्यकर्ता असंध विधानसभा क्षेत्र के गांव जयसिंहपुरा के प्रकाश सिंघड़ हैं। वे पिछले 12 सालों से देश के पूर्व प्रधानमंत्री चौ. देवीलाल के विचारों को आगे बढ़ाने में लगे हुए हैं। फर्क सिर्फ इतना है कि पहले वे इंडियन नैशनल लोकदल में हुआ करते थे और आज वे सांसद दुष्यंत चौटाला के नेतृत्व वाली नवगठित पार्टी जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) में है। चौ. देवीलाल परिवार को समर्पित प्रकाश सिंघड़ ने अपनी मोटरसाइकिल को पहले हरे रंग में पूरी तरह से रंगवाया हुआ था लेकिन अब उन्होंने मोटरसाइकिल के अगले हिस्से को पीला करवा दिया है। उनका समर्पण भाव इस कदर दिखता है कि उन्होंने पिछले 12 सालों से अपने केश व दाढ़ी नहीं कटवाई है और नंगे पैर रहते हैं। उनका मानना है कि जब तक सांसद दुष्यंत चौटाला इस प्रदेश के मुख्यमंत्री नहीं बन जाते वह तब तक वे अपने बाल व दाढ़ी नहीं कटवाएंगे और इसी प्रकार से नंगे पांव रहेंगे। प्रकाश सिंघड़ की आस्था ताऊ देवीलाल के विचारों पर आधारित है। उनका मानना है कि चौ. देवीलाल के विचारों पर केवल वे ही नहीं बल्कि प्रदेश की अन्य पार्टियां भी चल रहीं हैं। ताऊ देवीलाल ने बुढ़ापा पैंशन की शुरूआत की, गांवों में 36 बिरादरियों के लिए चौपालें बनवाई और किसानों का कर्जा माफ किया था। उसी विचारधारा पर अनुसरण करते हुए प्रदेश के अनेक राजनीतिक दल पैंशन बढ़ाने, चौपालें बनवाने और किसानों का कर्जा माफ करने की बातें करती है। जब उनसे पूछा गया कि उन्होंने इंडियन नेशनल लोकदल को क्यों छोड़ा और अपनी आस्था दुष्यंत में क्यों जताई इस पर उन्होंने कहा कि अजय सिंह चौटाला, विधायक नैना चौटाला और उनके दोनों पुत्रों दुष्यंत चौटाला व दिग्विजय चौटाला के साथ सरासर धोखा किया गया और उनको पार्टी द्वारा दरकिनार किया गया। इन सब बातों से दुखी होकर उन्होंने पार्टी छोडऩे का फैसला लिया और सांसद दुष्यंत चौटाला के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करने की शपथ उठाई। उन्होंने कहा कि इनैलो गरम दल का टोला है और जेजेपी नर्म दल है जो प्रदेश की 36 बिरादरी को साथ लेकर चल रहा है। इनैलो में केवल 15 आदमी शेष रह जाएंगे और अन्य सभी दुष्यंत चौटाला में आस्था जताने की खुली घोषणा करने वाले हैं। उन्होंने कहा कि उन्हे सांसद दुष्यंत चौटाला में साक्षात ताऊ देवीलाल का स्वरूप दिखता है और ताऊ के सपनों को केवल और केवल दुष्यंत चौटाला ही पूरे कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि वे पार्टी के गठन के उपरांत हरियाणा प्रदेश के जींद, कैथल, करनाल व पानीपत का दौरा करके प्रचार कर चुके हैं। आगामी रणनीति के बारे में उन्होंने बताया कि अब उनका पूरा का पूरा फोकस आगामी 28 जनवरी को होने वाले जींद विधानसभा के उपचुनाव पर है और वे 28 जनवरी तक जींद में ही डेरा डालेंगे और वहां रहकर जेजेपी उम्मीदवार के पक्ष में लगातार चुनाव प्रचार करेंगे। उनका मानना है कि 2019 नया साल है। इस नए साल में दुष्यंत चौटाला के रूप में प्रदेश को नया व युवा मुख्यमंत्री मिलेगा और इसका आगाज जींद विधानसभा के उपचुनाव में पार्टी प्रत्यााशी की एकतरफा जीत से हो जाएगा। निजी जीवन के बारे में पूछने पर उन्होंने बताया कि अपने परिवार से बढक़र उनके लिए ताऊ देवीलाल के विचार हैं। प्रचार व यात्राओं का खर्चा वे खुद वहन करते हैं और किसी से कोई चंदा या सहायता नहीं लेते हैं। उनके पास 10 एकड़ जमीन है और वे इस जमीन को ठेके पर देेकर धनार्जन करते हैं। उस राशी में से करीब 50 प्रतिशत राशी प्रचार व यात्राओं पर खर्च करते हैं। उन्होंने अपने निवास पर ताऊ देवीलाल का मंदिर बनाया हुआ है और उसमें सुबह व सांय को ज्योत प्रज्ज्वलित करके पूजा-अर्चना की जाती है। वे चौ. देवीलाल का आशीर्वाद प्राप्त करके ही प्रचार पर निकलते हैं। प्रकाश सिंघड़ की इस मुहिम में उनका साथ उनके बड़े भाई 85 वर्षीय जिले सिंह, खातला गांव के कंवरभान व 70 प्रतिशत अपंग संदीप दलाल पूरा साथ दे रहे हैं।
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