सत्यखबर, दिल्ली
बता दे की हरियाणा प्रदेश की राजधानी चंडीगढ़ व देश की राजधानी दिल्ली जाने वाली रोडवेज बसों को अब जल्द ही हरी झंडी मिलने की उम्मीद है। साथ ही दूसरे प्रदेशों में जाने वाली बसों को भी अनुमति मिल सकती है। इसकी संभावनाएं तलाशी जा रही हैं।अब तक रोडवेज बस चंडीगढ़ की बजाय पंचकूला तक ही जाती थी। जबकि, दिल्ली बॉर्डर पार करके जाने की अनुमति नहीं थी। पिछले दिनों दिल्ली में हुई परीक्षाएं देने के लिए गए युवाओं को भी रोडवेज नहीं चलने के कारण दिक्कतों का सामना करना पड़ा था। ऐसी स्थिति में उन्हें खुद के वाहनों में सफर करना पड़ा था। वहीं दिल्ली व चंडीगढ़ जाने वाली सवारियों की संख्या भी काफी है। जो रोडवेज बस के चलने का इंतजार कर रही है। उम्मीद की जा रही कि 16 सितंबर से यह व्यवस्था पटरी पर लौट सकती है।
बता दें कि कोरोना महामारी के दौरान रोडवेज का पहिया थम गया था। इसके बाद 3 जून को फिर से प्रदेशभर में रोडवेज बसें चलाई गई। शुरुआत में काफी कम सवारियों ने रोडवेज में यात्रा की। लेकिन, अब इनकी संख्या बढ़ने लगी है। फिलहाल झज्जर डिपो की बात करें तो नियमित रूप से 50 रोडवेज बसें चल रही हैं। जबकि, करीब 10-15 रोडवेज बसें सवारियों की संख्या को देखते हुए बढ़ानी पड़ती हैं। इन बसों में हर रोज 6-7 हजार लोग यात्रा करते हैं। हालांकि, शुरुआत में सवारियां नहीं होने के कारण कुछ बस एकाध सवारी को लेकर भी अपने रूट पर दौड़ती नजर आई थी। झज्जर डिपो से रोहतक, गुरुग्राम, रेवाड़ी, बहादुरगढ़ आदि रूट पर चलने वाली बसों में सबसे अधिक सवारियां देखने को मिल रही हैं। ग्रामीण क्षेत्रों के रूटों पर सवारियों की संख्या कम रहती है। नियमों की भी हो रही अनदेखी
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