सत्यखबर जुलाना (जयबीर सिंह) – देश के इतिहास में यह पहला मौका है जब 17वीं लोकसभा के लिए हुए चुनाव में जीत दर्ज करवाने वाली महिलाओं का आंकड़ा सर्वाधिक है आजादी के बाद से पार्लियामेंट पहुंचने वाली महिलाओं का यह आंकड़ा कई सुखद एहसास भी दिलाता है। अब महिलाएं अथवा नारी शक्ति हर क्षेत्र में अपनी विशेष पहचान बनाने लगी है निश्चित रूप से लोकतंत्र में महिलाओं की भागीदारी का बढऩा जंहा उसके स्वाभिमान को भी दर्शाता है। महिलाओं ने पार्लियामैंट में पहुंचकर देश के रक्षा जैसे अहम मंत्रालय की जिम्मेदारी को बखूबी तरीके से निभाया है। पारदर्शी चुनाव प्रक्रिया लोकतंत्र का आधार है।
आजादी के बाद वर्ष 1951 में 22 महिलाएं चुनाव जीतकर पार्लियामेंट में पहुंची थी। इसी प्रकार वर्ष 1957 में भी यह आंकड़ा बरकरार रहा। वर्ष 1962 में 31,वर्ष 1967 में 21,वर्ष 1971 के पार्लियामैंट चुनाव में 43 महिलाएं चुनाव जीतकर पार्लियामैंट में पहुंची। इसी प्रकार वर्ष 1989 में 29, वर्ष 1991 के चुनाव में 39 महिलाएं चुनाव जीतकर संसद में पहुंची। वर्ष 1996 में 40, वर्ष 1998 में 43, वर्ष 1999 में 49 तथा वर्ष 2004 में 45, वर्ष 2009 में 51 महिला।
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