सत्यखबर, नरवाना (सन्दीप श्योरान) :-
जहां आज के माहौल में अधिकतर को अपने-अपने काम की पड़ी है, दूसरी तरफ समाज में कुछ ऐसे लोग भी हैं जो अपना काम छोड़कर समाजसेवा में अपना समय लगाते हैं। उन्हीं में से एक ऐसा नाम भी है जो गरीब और जरूरतमंद बच्चों को शिक्षित करने की सोच रखता है। वह शख्सियत है नरवाना के स्वभाव से सरल, मृदुभाषी समाजसेवी रमेश गर्ग, जिन्होंने ठाना है कि पैसे के अभाव में कोई भी बच्चा अशिक्षित ना रहे। औपचारिक तौर पर तो उन्होंने अपने स्कूल को एक संस्था द्वारा संचालित दिखाया है, लेकिन कक्षा पहली से चौथी कक्षा तक के अपने गौरव पब्लिक स्कूल में पढऩे वाले सभी बच्चों से ना केवल वे कोई फीस बगैरा लेते, बल्कि उनको फ्री में वर्दी, किताबें तथा अन्य पाठन सामग्री का खर्चा खुद वहन करते हैं। उनका कहना है इसमें वह अकेला कुछ नहीं कर रहा, बल्कि ये सारा कुछ लोगों के आशीर्वाद से हो रहा है। समाजसेवी रमेश गर्ग के इस निश्शुल्क स्कूल को खुले तीन वर्ष हो गए हैं और उन्होंने सैंकड़ों अभिभावकों की दुआओं को पाकर अपने को सौभाग्यशाली व्यक्ति माना है।
धार्मिक व सामाजिक संस्थाओं में भी रमेश गर्ग का रहता है योगदान
नरवाना में ऐसी धार्मिक व सामाजिक संस्था एकाध ही होगी, जिनमें रमेश गर्ग का योगदान ना रहता हो। यहां तक अनेकों ऐसी संस्थाएं उन्हें मुख्यातिथि के रूप में आमंत्रित करती हैं, जहां जितना बन सके वे उन संस्थाओं को आर्थिक सहयोग करते हैं। उनके इसी योगदान के बलबूते पर वे नरवाना की आर्य समाज की शिक्षण संस्थाओं में विभिन्न पदों पर कार्य करते आये हैं, जो वर्षों से नरवाना क्षेत्र में शिक्षा का प्रसार कर रही हैं।
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