Andolan-2 के 300 दिन, रविवार को फिर दिल्ली कूच करेंगे किसान, आज हो सकती है सरकार से बातचीत
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Andolan-2: किसान आंदोलन एक बार फिर उग्र रूप लेता जा रहा है। केंद्र सरकार के खिलाफ अपनी मांगों को लेकर किसान संगठनों ने आंदोलन को और तेज करने की योजना बनाई है। दिल्ली के बॉर्डर क्षेत्रों पर हजारों की संख्या में किसान जुटे हुए हैं। इनका कहना है कि रविवार को वे एक बार फिर दिल्ली कूच करेंगे।
दिल्ली बॉर्डर पर किसानों का जमावड़ा
पंजाब और हरियाणा से बड़ी संख्या में किसान दिल्ली की ओर बढ़ रहे हैं। हालांकि, हरियाणा सरकार ने बॉर्डर पर सख्ती बरतते हुए किसानों को रोकने की कोशिश की है। वहीं, दिल्ली के गाजीपुर और सिंघु बॉर्डर पर पहले से ही कई किसान संगठन जुटे हुए हैं।
सरकार और किसानों के बीच बातचीत की संभावना
इस बीच, सरकार और किसान संगठनों के बीच बातचीत का प्रस्ताव है। माना जा रहा है कि शनिवार को सरकार और किसान नेताओं के बीच वार्ता हो सकती है। किसान नेता अपनी प्रमुख मांगों को लेकर सरकार से चर्चा करेंगे।
300 दिन का आंदोलन: किसानों का अडिग रुख
शंभू बॉर्डर पर किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा, “हमारा ‘दिल्ली आंदोलन-2’ आज 299 दिन पूरे कर चुका है और रविवार को यह 300 दिन का हो जाएगा। हमारी भूख हड़ताल खनौरी बॉर्डर पर 12वें दिन में प्रवेश कर चुकी है। लेकिन केंद्र सरकार बातचीत के मूड में नहीं दिख रही। एनडीए सरकार हो या पंजाब सरकार, किसानों की समस्याओं को लेकर कोई गंभीरता नहीं है।”
पंजाब से दिल्ली तक विरोध मार्च
शुक्रवार को संयुक्त किसान मोर्चा और किसान मजदूर मोर्चा के बैनर तले पंजाब से किसानों का एक बड़ा समूह शंभू बॉर्डर से दिल्ली की संसद तक मार्च करने के लिए निकला। हालांकि, पुलिस ने उन्हें रास्ते में रोक दिया और दिल्ली में प्रवेश की अनुमति नहीं दी।
किसानों की प्रमुख मांगें
किसानों की मुख्य मांगें निम्नलिखित हैं:
- फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी।
- बिजली दरों में बढ़ोतरी न हो।
- किसानों के कर्ज माफ किए जाएं।
- किसानों और खेत मजदूरों के लिए पेंशन योजना लागू की जाए।
केंद्र सरकार पर आरोप
किसानों का आरोप है कि केंद्र सरकार ने अब तक उनकी मांगों को लेकर सकारात्मक कदम नहीं उठाए हैं। पंधेर ने कहा, “सरकार हमें केवल झूठे वादों से बहलाना चाहती है। हम तब तक नहीं रुकेंगे, जब तक हमारी सभी मांगें पूरी नहीं होतीं।”
रविवार को दिल्ली कूच की योजना
किसानों ने साफ कर दिया है कि रविवार को वे बड़ी संख्या में दिल्ली कूच करेंगे। आंदोलन के लिए दिल्ली पुलिस और प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं। बॉर्डर पर बैरिकेड्स लगाए गए हैं और अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है।
किसानों का अडिग रुख और आंदोलन का भविष्य
किसान नेताओं ने कहा है कि उनका आंदोलन शांतिपूर्ण रहेगा लेकिन वे अपनी मांगों से पीछे नहीं हटेंगे। इस आंदोलन के भविष्य को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं, लेकिन एक बात स्पष्ट है कि किसान किसी भी स्थिति में झुकने को तैयार नहीं हैं।
किसानों का कहना है कि यह आंदोलन न केवल उनकी आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाने के लिए है, बल्कि उनके आत्मसम्मान और अधिकारों की लड़ाई भी है। रविवार को होने वाले प्रदर्शन पर पूरे देश की नजरें टिकी हुई हैं।