मध्य प्रदेश के नतीजों में मामा के लिए संजीवनी बनी ‘लाड़ली बहना’
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सत्य खबर/मध्य प्रदेश:
‘Ladli Behna’ became lifeline for maternal uncle in Madhya Pradesh results
एमपी में विधानसभा चुनाव की तस्वीर लगभग पूरी तरह साफ हो गई है. यहां शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में बीजेपी भारी बहुमत से जीतती नजर आ रही है. वहीं, कांग्रेस 2018 के आंकड़ों से काफी पीछे चल रही है. कई बड़े नेता अपनी सीट बचाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं. 2023 के लिए बीजेपी का ये आंकड़ा 2013 चुनाव जैसा ही लग रहा है. मध्य प्रदेश में बीजेपी ने 2013 में रिकॉर्ड 165 सीटें जीती थीं. उस वक्त मोदी लहर के चलते बीजेपी ने ये रिकॉर्ड बनाया था. हालांकि, इस बार बीजेपी की लहर के पीछे सबसे बड़ी और मुख्य वजह लाडली ब्राह्मण योजना है. इसे इस बार बीजेपी की जीत का बड़ा कारण माना जा रहा है.
इस योजना ने शिवराज सिंह की राजनीति के लिए भी संजीवनी का काम किया है. पिछले 15 साल में पहली बार बीजेपी ने मध्य प्रदेश में शिवराज का चेहरा सामने नहीं रखा. अब इस प्रचंड जीत के बाद आलाकमान के लिए शिवराज को नकारना आसान नहीं होगा.
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इस योजना ने किया कमाल
मध्य प्रदेश में लाडली ब्राह्मण योजना 15 मार्च 2023 को शुरू की गई थी। इस योजना में घर की प्रत्येक महिला को एक हजार रुपये प्रति माह सहायता राशि देने का प्रावधान है। मध्य प्रदेश सरकार के मुताबिक यह योजना राज्य में महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य और पोषण को बनाए रखने के उद्देश्य से लागू की गई है।
जानिए लाडली योजना कैसे बनी गेमचेंजर?
कर्नाटक चुनाव में बीजेपी की हार के बाद शिवराज सिंह चौहान महिलाओं को लुभाने में जुट गए हैं. इसके लिए उन्होंने सबसे पहले लाडली ब्राह्मण योजना को जमीन पर उतारने का फैसला किया. इतना ही नहीं, शिवराज सिंह ने इस योजना की जमकर ब्रांडिंग भी की.
शिवराज सरकार के सभी मंत्री और विधायकों ने घर-घर जाकर महिलाओं को इस योजना से जोड़ा. इस योजना का सरकारी स्तर पर प्रचार-प्रसार करने के लिए शिवराज सिंह की ओर से हर सीट पर एक रैली आयोजित की गई.
इस योजना से जुड़ी हैं 1.25 करोड़ महिलाएं
मध्य प्रदेश सरकार के मुताबिक, वर्तमान में राज्य की 1.25 करोड़ महिलाएं लाडली ब्राह्मण योजना से जुड़ी हैं। सरकार के मुताबिक पहली बार महिलाओं के खाते में 10 जून 2023 को 1,000 रुपये भेजे गए थे. अब यह 1250 रुपये की रकम भेजी जा रही है.
शिवराज ने लाडली बहन को बनाया बड़ा मुद्दा
इस पूरे चुनाव में शिवराज ने लाडली ब्राह्मण को बड़ा मुद्दा बनाया और प्रचारित किया कि अगर बीजेपी गई तो कमल नाथ इस योजना को बंद कर देंगे. वहीं कांग्रेस को पूरे चुनाव में अपनी काट नहीं मिल पाई. बीजेपी की लाडली ब्राह्मण योजना के जवाब में कांग्रेस ने नारी शक्ति योजना की घोषणा की, लेकिन पार्टी इस योजना का जोर-शोर से प्रचार नहीं कर पाई. इतना ही नहीं, योजना का स्वरूप भी लाडली ब्राह्मण जैसा था, जिस पर मतदाताओं को भरोसा नहीं था.
राज्य में 76 प्रतिशत महिलाओं ने मतदान किया
ऐसा पहली बार देखने को मिला है, जब मध्य प्रदेश में 76 फीसदी महिलाओं ने वोट किया. चुनाव आयोग के मुताबिक, राज्य में महिला मतदाताओं की कुल संख्या 2.72 करोड़ है. आंकड़ों पर नजर डालें तो इस चुनाव में करीब 2 करोड़ महिला मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया. अगर इस आंकड़े की तुलना 2018 के विधानसभा चुनाव से करें तो यह पिछली बार से 18 लाख ज्यादा है. इसका मतलब है कि 2018 की तुलना में इस बार 18 लाख ज्यादा महिला मतदाताओं ने मतदान किया.
यहां पुरुषों से ज्यादा महिलाओं ने किया मतदान
चुनाव आयोग के मुताबिक, मध्य प्रदेश में 34 सीटें ऐसी थीं, जहां महिलाओं ने पुरुषों से ज्यादा वोटिंग की. जानकारों का कहना है कि बीजेपी के कोर वोटरों के साथ महिला वोटरों ने कांग्रेस का खेल बिगाड़ दिया है.
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