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कुश्ती संघ भंग होने पर ढीले पड़े बजरंग पुनिया व साक्षी मलिक के तेवर

सत्य खबर , चंडीगढ़ । Bajrang Punia and Sakshi Malik’s attitude weakened after wrestling association was dissolved

भारतीय कुश्ती संघ को भंग किए जाने के बाद अब हरियाणा के पहलवान बजरंग पुनिया ने जहां पद्मश्री वापिस लेने की घोषणा की है वहीं साक्षी मलिक ने मां ने भी कुश्ती छोडऩे की साक्षी की घोषणा पर फिर से विचार करने की बात कही है। बता दें कि केंद्रीय खेल मंत्रलाय ने रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (WFI) की नई कार्यकारी भंग कर दी। कुछ दिन पहले ही बृजभूषण के करीबी संजय सिंह इसके प्रधान बने थे। चुनाव के विरोध में कुश्ती छोड़ने वाली साक्षी मलिक की मां सुदेश मलिक ने इसका स्वागत करते हुए कहा कि फेडरेशन में अब चरित्रहीन नहीं चरित्रवान लोग लाएं जाएं। उन्होंने यह भी कहा कि साक्षी अब कुश्ती छोड़ने के फैसले पर दोबारा विचार कर सकती है।

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वहीं, पद्मश्री लौटाने वाले रेसलर बजरंग पूनिया ने कहा कि पहलवान तिरंगे के लिए खून-पसीना बहाते हैं। सैनिकों और खिलाड़ियों से ज्यादा मेहनत कोई नहीं करता। हमें देशद्रोही कहा गया। हम देशद्रोही जैसे नहीं हैं। हमें पुरस्कार जीतने पर मिला। हम उसे वापस ले सकते हैं। हम सम्मान वापस ग्रहण करेंगे। बजरंग ने WFI कार्यकारिणी के विरोध में दिल्ली में PM आवास के बाहर फुटपाथ पर अपना पद्मश्री अवार्ड रख दिया था।

 

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बजरंग पूनिया ने आगे कहा कि यह सही फैसला है। बहन-बेटियों के साथ अत्याचार हुआ। जब हम मेडल जीतते हैं तो देश के होते हैं। कोई जात-पात नहीं देखते। एक साथ एक थाली में खाते हैं। फेडरेशन खिलाड़ियों की मदद के लिए होती है, न कि उन्हें परेशान करने के लिए। बृजभूषण ने हर राज्य में अपने लोग रखे हुए हैं। हमारी सच्चाई नहीं दिखाई गई।

वहीं इसे हरियाणा के खिलाडिय़ों की जीत बताया जा रहा है। दरअसल हरियाणा की खाप पंचायतें भी पहलवानों के पक्ष में कूद गई थी तथा यह सरकार के लिए वर्ष 2024 के चुनाव में भारी पड़ सकता था। इसलिए सरकार के इस कदम को सही ठहराया जा रहा है।

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