हाईकोर्ट को ही धोखा दे दिया प्रेमी जोड़े ने, जानिए कैसे
The loving couple betrayed the High Court, know how
सत्य खबर, चण्डीगढ़ । पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में धोखाधड़ी का एक अलग ही मामला सामने आया है। इसमें प्रेमी जोड़े की तरफ से अदालत में सुरक्षा के लिए याचिका लगाई गई थी। याचिका पर नोटिस जारी करते हुए अदालत ने पंचकूला पुलिस से मामले में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने के आदेश दिए थे। पंचकूला पुलिस ने अदालत को बताया कि जिस लड़की की तरफ से मां-बाप से खतरा बताकर याचिका लगाई गई है। उसकी माता 22 साल और पिता 14 साल पहले मर चुके हैं। इस पर अदालत ने इसे धोखाधड़ी मानते हुए कड़ा संज्ञान लिया है और याचिकाकर्ताओं से इस पर अगली सुनवाई पर जवाब देने को कहा है।
जस्टिस संदीप मुदगिल ने सुनवाई के दौरान टिप्पणी की है कि उनके पास सुरक्षा के लिए एक और प्रेमी जोड़े की भी याचिका आई है। दोनों के फोटो में दिख रहा है कि विवाह समारोह में इस्तेमाल की जा रही मालाएं एक जैसी हैं और फूलों की न होकर बनावटी हैं। जो कि अनुच्छेद 21 और अनुच्छेद 226 के प्रावधानों के दुरुपयोग की तरफ इशारा करती हैं। भारत का संविधान, जिसमें जोड़े हिंदू विवाह अधिनियम 1955 की धारा 5 और 7 में निहित आवश्यक बातों का पालन किए बिना कथित तौर पर जल्दबाजी में विवाह करने के बाद सुरक्षा की मांग कर रहे हैं।
अदालत ने पंचकूला पुलिस से भी कहा है कि आजकल कई लोग अपना जीवनयापन करने के लिए शादी कराने का धंधा खोलकर बैठ गए हैं। जो कि रीति-रिवाज और धार्मिक दायित्वों को नजरअंदाज कर रहे हैं। यह लोग दुकान खोलकर कानून, नैतिकता और सामाजिक मूल्यों का पालन किए बिना केवल अपनी दुकान चला रहे हैं। जिससे बड़े पैमाने पर हमारे समाज के सामाजिक ताने-बाने को नुकसान पहुंच रहा है। ऐसे मामलों में सख्त से सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।
अदालत ने मामले की गंभीरता को लेते हुए कहा कि इसमें याचिकाकर्ता की तरफ से जानबूझकर धोखाधड़ी की गई है। ऐसा संभव नहीं है कि लड़की को अपने माता-पिता की मौत का न पता हो। पुलिस रिपोर्ट के मुताबिक उत्तर प्रदेश के खतौली नगर निगम की तरफ से लड़की की मां का मृत्यु प्रमाण पत्र 2 अगस्त 2002 और पिता का मृत्यु प्रमाण पत्र 29 अप्रैल 2010 को जारी किया गया था, जो कि पुलिस ने अदालत को सौंप दिया है।