ताजा समाचार

ED के तर्क कठिन कर सकते हैं Arvind Kejriwal की अंतरिम जमानत, जानें जांच एजेंसी के आफिडेविट में 10 महत्वपूर्ण बिंदुओं के बारे में

New Delhi: सुप्रीम कोर्ट में मनी लॉन्ड्रिंग मामले की सुनवाई के दौरान जेल में बंद मुख्यमंत्री Arvind Kejriwal को चुनाव प्रचार के लिए अंतरिम जमानत दिए जाने का संकेत जरूर मिला, लेकिन शायद फैसले से पहले ED ने जो हलफनामा पेश किया है. शुक्रवार। , इससे यह निर्णय कठिन हो सकता है।

पीजी डिग्री हो तो मिल सकता है अध्यापन का सुनहरा मौका – जानिए एनटीईटी 2025 की डेडलाइन और जरूरी योग्यता
NTET 2025 Registration: पीजी डिग्री हो तो मिल सकता है अध्यापन का सुनहरा मौका – जानिए एनटीईटी 2025 की डेडलाइन और जरूरी योग्यता

ED के हलफनामे में दिए गए तर्क

  1. ED ने कहा है कि आज तक किसी भी नेता को चुनाव प्रचार के लिए अंतरिम जमानत नहीं दी गई है, भले ही जेल में बंद व्यक्ति खुद उम्मीदवार रहा हो, जबकि Kejriwal तो उम्मीदवार भी नहीं हैं. अपराधियों के जेल से चुनाव लड़ने और जीतने के कई उदाहरण हैं, लेकिन उन्हें इस आधार पर कभी जमानत नहीं मिली। वैसे भी चुनाव प्रचार न तो संवैधानिक अधिकार है और न ही मौलिक अधिकार।
  2. Kejriwal की कानूनी टीम ने ED के हलफनामे के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री में शिकायत दर्ज की है और कहा है कि यह कानूनी प्रक्रियाओं की अवहेलना है और अदालत की मंजूरी के बिना पेश किया गया है। ED ने दाखिल हलफनामे में कहा है कि इससे कानून का उल्लंघन करने वाले हर अपराधी को राजनेता बनने और साल भर कैंपेन मोड में रहने का प्रोत्साहन मिलेगा.
  3. कोई राजनेता आम आदमी से ऊपर होने और विशेष दर्जे का दावा नहीं कर सकता। सुप्रीम कोर्ट शुक्रवार को Kejriwal की अंतरिम जमानत पर आदेश दे सकता है. Kejriwal की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि मामले की सुनवाई इतनी जल्दी पूरी होने की उम्मीद नहीं है. ऐसे में कोर्ट लोकसभा चुनाव के मद्देनजर Kejriwal को अंतरिम जमानत देने पर विचार कर सकता है.
  4. हालांकि, कोर्ट ने Kejriwal के सामने शर्त रखी थी कि अगर उन्हें चुनाव प्रचार के लिए जमानत दी जाती है तो वह मुख्यमंत्री के तौर पर काम नहीं करेंगे और न ही किसी फाइल पर हस्ताक्षर करेंगे. ED ने चुनाव प्रचार के लिए Kejriwal को अंतरिम जमानत देने का विरोध करते हुए कहा है कि वोट देने का अधिकार, जिसे अदालत ने वैधानिक और संवैधानिक अधिकार माना है, हिरासत के दौरान मौजूद नहीं है।
  5. जन प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 62(5) जेल में बंद व्यक्ति के मतदान के अधिकार में कटौती की बात करती है। गौरतलब है कि पिछले पांच वर्षों में लगभग 123 चुनाव हुए हैं और यदि चुनाव प्रचार के लिए अंतरिम जमानत दी जाती है, तो किसी भी राजनेता को गिरफ्तार नहीं किया जा सकता है और जेल में नहीं रखा जा सकता है क्योंकि चुनाव साल भर चलने वाली गतिविधि है।
  6. ED का कहना है कि संघीय व्यवस्था में किसी भी चुनाव को दूसरे से अधिक महत्वपूर्ण नहीं कहा जा सकता. प्रत्येक राजनेता हर स्तर पर यह तर्क दे सकता है कि यदि जमानत नहीं दी गई तो उसे अपूरणीय क्षति होगी।
  7. ED ने कहा है कि फिलहाल कई नेता सिर्फ पीएमएलए कानून के तहत जेल में हैं. उनके मामलों की जांच के बाद सक्षम प्राधिकारी ने उनकी हिरासत को उचित ठहराया है. कई नेता पीएमएलए के अलावा अन्य अपराधों के लिए जेल में होंगे। ऐसे में Arvind Kejriwal को विशेष ट्रीटमेंट देने और उनकी विशेष मांगों को मानने का कोई कारण नहीं है.
  8. जांच एजेंसी ने उन्हें बहस के लिए पूरा समय न दिए जाने का मुद्दा भी उठाया है. बताया जा रहा है कि कोर्ट ने Kejriwal की ओर से तीन दिन तक चली बहस सुनने के बाद अंतरिम जमानत पर विचार करने का फैसला लिया, जबकि ED ने अभी बहस शुरू ही की थी.
  9. कोर्ट को मामले में दोनों पक्षों को पूरी तरह सुनने के बाद ही अंतिम फैसला देना चाहिए. यहां कोई मेडिकल इमरजेंसी नहीं है जिसके लिए ट्रायल पूरा होने से पहले ही अंतरिम जमानत पर विचार करने की जरूरत पड़े. ED ने कहा है कि Kejriwal ने पहले जारी समन पर जांच एजेंसी के सामने पेश न होने की वजह पांच राज्यों में चुनाव बताई थी.
  10. ED ने हलफनामे के साथ समन के जवाब में Kejriwal द्वारा ED को भेजे गए जवाबों की सभी प्रतियां भी संलग्न की हैं। अगर अदालत Kejriwal को अंतरिम जमानत दे देती है तो आम आदमी पार्टी के स्टार प्रचारक होने के आधार पर प्रचार के लिए समन की अनदेखी करने के उनके मामले को न्यायिक मंजूरी मिल जाएगी. जो नेता चुनाव प्रचार के लिए अंतरिम जमानत लेकर चुनाव प्रचार करना चाहते हैं, उनमें से एक का अलग वर्ग बन जाएगा.

आपको बता दें कि Kejriwal को एक्साइज पॉलिसी घोटाले में ED ने 21 मार्च को गिरफ्तार किया था. वह फिलहाल दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद हैं।

Delhi DEVI Bus Inauguration: रेखा गुप्ता सरकार का बड़ा दांव, क्या DEVI बसें बनाएंगी दिल्ली को प्रदूषण मुक्त?
Delhi DEVI Bus Inauguration: रेखा गुप्ता सरकार का बड़ा दांव, क्या DEVI बसें बनाएंगी दिल्ली को प्रदूषण मुक्त?

Back to top button