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CM Bhagwant Maan का नया ठिकाना होगा जालंधर की 176 साल पुरानी हवेली, क्या है ब्रिटिश कनेक्शन?

पंजाब के CM Bhagwant Maan जल्द ही जालंधर की एक 176 साल पुरानी हवेली में रहने वाले हैं। यह शानदार हवेली लगभग 11 एकड़ में फैली हुई है और इसे फिर से सजाया और संवारा जा रहा है। इस हवेली में झील, खेती और अन्य सभी आधुनिक सुविधाएं मौजूद हैं।

जालंधर में मुख्यमंत्री Bhagwant Maan के लिए एक भव्य घर तैयार किया जा रहा है। यह घर पुराने डिविजनल कमिश्नर की हवेली में बनाया जा रहा है। इस हवेली का निर्माण 1848 में ब्रिटिश कमिश्नर सर जॉन लॉरेंस के निवास के लिए किया गया था। पिछले 176 वर्षों में 140 से अधिक कमिश्नर इस हवेली में रह चुके हैं। वर्तमान डिविजनल कमिश्नर प्रदीप कुमार सभरवाल ने इस हवेली में एक दिन भी नहीं बिताया है, बल्कि वे जेपी नगर में अपने निजी आवास में रहते हैं। इससे पहले गुरप्रीत सप्रा यहां रहते थे, लेकिन उनके जाने के बाद से यह हवेली खाली पड़ी है। यह हवेली शहर के पुराने बरादरी इलाके में स्थित है।

इस हवेली की खासियत क्या है?

CM Bhagwant Maan का नया ठिकाना होगा जालंधर की 176 साल पुरानी हवेली, क्या है ब्रिटिश कनेक्शन?

  • इस 11 एकड़ की हवेली में एक एकड़ की झील भी शामिल है, जहां कभी मोटर बोटिंग भी होती थी।
  • हवेली के मुख्य हॉल में ब्रिटिश युग की दो बंदूकें भी टंगी हुई हैं।
  • इसके अलावा हवेली में चार ड्रॉइंग रूम, चार बेडरूम, तीन ऑफिस रूम, बाहरी बरामदा और सपोर्टिंग स्टाफ के लिए 10 फ्लैट्स भी हैं।
  • हवेली के परिसर में खेती भी की जाती है, जहां अनाज और सब्जियां उगाई जाती हैं।

सूत्रों के अनुसार, सीएम Bhagwant Maan इस ऐतिहासिक हवेली में रहने के इच्छुक हैं। यह भी कहा जा रहा है कि इस हवेली की विशेषताओं को सुरक्षित रखने के लिए इसे संरक्षण विशेषज्ञों द्वारा संरक्षित किया जाना चाहिए।

उपचुनाव के दौरान किया गया वादा

यह ध्यान देने योग्य है कि सीएम Bhagwant Singh Maan ने जालंधर पश्चिम में उपचुनाव के दौरान लोगों से वादा किया था कि वह जालंधर में किराए के मकान में रहेंगे। इसके बाद जालंधर कैंट क्षेत्र में उनके लिए एक शानदार बंगला चुना गया था, जहां उन्होंने अपनी पत्नी और बच्चे के साथ गृह प्रवेश किया और वहीं से लोगों की समस्याएं सुनीं। यह घर जालंधर कैंट के दीप नगर के पास था, जो शहर से काफी दूर था। लेकिन अब सीएम मान ने शहर के बीचों-बीच इस नई हवेली को चुना है, जो कि सरकारी आवास होने के कारण बिना किराए का होगा और इससे उन्हें लोगों की शिकायतें सुनने में भी आसानी होगी।

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