INS Arighat: दुश्मन के हर हथकंडे को विफल करेगा, परमाणु हथियारों से लैस दूसरी पनडुब्बी तैयार, जानें इसकी खासियतें
INS Arighat: भारतीय नौसेना को नई ताकत देने और उसकी मारक क्षमता को और बढ़ाने के लिए देश की दूसरी परमाणु पनडुब्बी INS अरिघाट पूरी तरह से तैयार है। INS अरिघाट या S-3 को आज रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भारतीय नौसेना को सौंपेंगे। इस पनडुब्बी को 2017 में लॉन्च किया गया था और तब से इसका परीक्षण चल रहा था। अब इसे कमीशन किया जाएगा। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह विशाखापट्टनम में इस पनडुब्बी को नौसेना को सौंपेंगे। इस कार्यक्रम में नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश त्रिपाठी, भारतीय सामरिक कमान के प्रमुख वाइस एडमिरल सूरज बेरी और DRDO के शीर्ष अधिकारी शामिल होंगे। इसके आधिकारिक रूप से शामिल होने के बाद, भारत के पास दो SSBN परमाणु पनडुब्बियां होंगी। इससे पहले 2016 में स्वदेशी परमाणु पनडुब्बी ‘INS अरिहंत’ को युद्ध बेड़े में शामिल किया गया था।
750 किमी तक मार करने वाली मिसाइल से लैस
अरिघाट शब्द संस्कृत भाषा से लिया गया है, जिसका अर्थ है दुश्मनों का संहारक। भारत की इस दूसरी परमाणु पनडुब्बी को विशाखापट्टनम स्थित शिपयार्ड में बनाया गया है। अरिहंत पनडुब्बी को K-15 बैलिस्टिक (परमाणु) मिसाइल से लैस किया गया है, जो समुद्र से 750 किमी तक मार कर सकती है। इतना ही नहीं, भारतीय नौसेना की इस अत्याधुनिक पनडुब्बी को K-4 मिसाइल से भी लैस किया जाएगा, जो 4000 किमी तक मार कर सकती है।
पनडुब्बी का वजन लगभग छह हजार टन
इस परमाणु पनडुब्बी का वजन लगभग छह हजार टन है। अरिघाट की लंबाई लगभग 110 मीटर और चौड़ाई 11 मीटर है। INS अरिघाट सामरिक बल कमान का हिस्सा बनेगी और सामरिक बल से जुड़े होने के कारण नौसेना ने इस परमाणु पनडुब्बी के कमीशनिंग के बारे में कोई आधिकारिक जानकारी साझा नहीं की है।
अरिघाट पनडुब्बी अत्यधिक उन्नत है
रक्षा सूत्रों का कहना है कि देश की दूसरी परमाणु पनडुब्बी ‘INS अरिघाट’ भारत की समुद्री सीमाओं की रक्षा के लिए पूरी तरह तैयार है। यह भारत की दूसरी स्वदेशी परमाणु पनडुब्बी है, लेकिन ‘अरिघाट’ कई मामलों में अपनी श्रेणी की अरिहंत से कहीं ज्यादा उन्नत है। वहीं, भारतीय सेना की तीसरी परमाणु पनडुब्बी ‘INS अरिदमन’ का निर्माण भी जारी है। इसके निर्माण के बाद भारत के युद्ध बेड़े में 16 डीजल (SSK) पारंपरिक पनडुब्बियां होंगी और भारत के पास तीन परमाणु पनडुब्बियां (SSBN) भी होंगी।
गौरतलब है कि इससे पहले भारत की SSN यानी परमाणु शक्ति संचालित पनडुब्बी को 2022 में दस साल के लीज समाप्त होने के बाद रूस वापस भेज दिया गया था। 2004 में, भारत ने चार SSBN (‘शिप, सबमर्सिबल, बैलिस्टिक, न्यूक्लियर’) पनडुब्बियों का निर्माण करने के लिए एडवांस्ड टेक्नोलॉजी वेसल (ATV) परियोजना शुरू की थी। इस परियोजना की चौथी पनडुब्बी (कोड नाम S-4) का भी निर्माण चल रहा है।