PM Modi की रैली में हुआ बम धमाका, दोषियों की फांसी की सजा घटाकर 30 साल की कैद
2013 में, पटना के गांधी मैदान में PM Narendra Modi की चुनावी रैली के दौरान हुए बम धमाकों के दोषियों की सजा को लेकर बड़ा निर्णय लिया गया है। पटना हाई कोर्ट ने बुधवार को इस मामले में चार दोषियों की फांसी की सजा को घटाकर 30 साल की जेल की सजा में बदल दिया है। इस निर्णय की अध्यक्षता जस्टिस आशुतोष कुमार की डिवीजन बेंच ने की।
किसकी सजा घटाई गई?
पटना हाई कोर्ट ने इस मामले में विशेष अदालत द्वारा दिए गए दो अन्य दोषियों की उम्रकैद की सजा को भी बरकरार रखा है। जिन चार लोगों की फांसी की सजा घटाई गई है, उनमें हैदर अली, नoman अंसारी, मोहम्मद मुजिबुल्ला अंसारी और इम्तियाज़ आलम शामिल हैं। इसके अलावा, उम्रकैद की सजा पाने वाले दो दोषी उमर सिद्दीकी और अजहरुद्दीन कुरैशी की सजा भी कायम रखी गई है।
पहले क्या सजा दी गई थी?
पटना के गांधी मैदान में बम धमाकों के मामले में, नवंबर 2021 में विशेष NIA अदालत ने नौ दोषियों में से चार को फांसी की सजा, दो को उम्रकैद, दो को 10 साल की सजा और एक को 7 साल की सजा सुनाई थी।
पूरा मामला क्या था?
2013 में, Narendra Modi की ‘हंक़र रैली’ के दौरान गांधी मैदान में लगभग छह सिलसिलेवार बम धमाके हुए थे। पहला धमाका पटना रेलवे स्टेशन पर हुआ था, जबकि बाकी धमाके गांधी मैदान के अंदर और आसपास हुए थे। इन धमाकों में छह लोगों की मौत हो गई थी और कई लोग घायल हो गए थे।
इस मामले में उच्च न्यायालय द्वारा किए गए इस निर्णय से इस घटना के दोषियों को मिली सजा में महत्वपूर्ण बदलाव हुआ है। यह कदम न्यायिक प्रक्रिया का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है जो यह सुनिश्चित करता है कि दोषियों को उनके किए गए अपराध के अनुसार सजा मिले।