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Punjab crime: प्रेम विवाह से नाराज ससुर ने दामाद की हत्या की, कुल्हाड़ी से किया वार – शादी को हुए थे तीन साल

Punjab crime: पंजाब के भाई की पिशौर गांव में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई, जहां 27 वर्षीय गुरदीप सिंह की हत्या उसके ससुर ने कुल्हाड़ी से वार कर दी। तीन साल पहले हुए प्रेम विवाह से नाराज ससुर ने यह घिनौना कदम उठाया। पुलिस ने मृतक के भाई के बयान के आधार पर ससुर और तीन अन्य लोगों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया है। आरोपी ससुर को गिरफ्तार कर लिया गया है, जबकि अन्य तीन आरोपियों की तलाश जारी है। पुलिस ने शव का पोस्टमॉर्टम करवाने के बाद उसे परिजनों को सौंप दिया है।

तीन साल पहले हुई थी प्रेम विवाह

मृतक गुरदीप सिंह के भाई मंजीत सिंह ने बताया कि उनके भाई गुरदीप सिंह उर्फ़ घोगड़ ने तीन साल पहले अपने गांव के ही गुरजंत सिंह की बेटी रजनी से प्रेम विवाह किया था। शादी के बाद से ही रजनी के परिवार वाले गुरदीप से नाराज थे। रजनी का परिवार इस प्रेम विवाह को स्वीकार नहीं कर पाया था और यह नाराजगी समय के साथ बढ़ती गई। यह प्रेम विवाह अंततः गुरदीप की मौत का कारण बन गया।


Punjab crime: प्रेम विवाह से नाराज ससुर ने दामाद की हत्या की, कुल्हाड़ी से किया वार - शादी को हुए थे तीन साल

शराब के ठेके पर हुई वारदात

घटना की शाम, गुरदीप सिंह और उसके भाई मंजीत सिंह बाइक पर बैठकर गांव के शराब के ठेके से शराब लेने गए थे। उसी वक्त, रजनी का पिता गुरजंत सिंह अपने कुछ साथियों के साथ वहां पहले से बैठा शराब पी रहा था। मंजीत सिंह ने बताया कि वहां मौजूद गुरजंत सिंह और उसके साथियों के पास धारदार हथियार भी थे, जो उन्होंने शराब पीते समय अपने पास रखे हुए थे।

कुल्हाड़ी से सिर पर किया वार, मौके पर हुई मौत

जैसे ही गुरदीप सिंह ठेके के पास पहुंचा, गुरजंत सिंह ने उसे चुनौती दी और कहा, “तूने मेरी बेटी रजनी से प्रेम विवाह किया है, अब मैं तुझे सबक सिखाऊंगा।” यह कहते ही गुरजंत सिंह ने अपने हाथ में पकड़ी कुल्हाड़ी से गुरदीप के सिर पर जोरदार वार कर दिया। कुल्हाड़ी का वार इतना गंभीर था कि गुरदीप सिंह मौके पर ही खून से लथपथ होकर गिर पड़ा और उसकी मौत हो गई।

घटना के बाद इलाके में सनसनी फैल गई। लोग इस घटना से स्तब्ध थे कि किस तरह एक प्रेम विवाह को लेकर एक पिता ने अपने दामाद की बेरहमी से हत्या कर दी। गुरदीप सिंह की इस दर्दनाक मौत ने पूरे गांव को हिलाकर रख दिया।

पुलिस की कार्रवाई

लहरागागा के पुलिस प्रमुख इंस्पेक्टर विनोद ने बताया कि मंजीत सिंह के बयान के आधार पर पुलिस ने गुरजंत सिंह और उसके तीन अन्य साथियों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस ने गुरजंत सिंह को गिरफ्तार कर लिया है और अन्य आरोपियों की तलाश की जा रही है। घटना स्थल से प्राप्त साक्ष्यों के आधार पर जांच जारी है और पुलिस जल्द ही अन्य आरोपियों को भी गिरफ्तार करने की कोशिश कर रही है।

पोस्टमॉर्टम के बाद शव सौंपा गया परिजनों को

पुलिस ने गुरदीप सिंह के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए अस्पताल भेजा, जहां डॉक्टरों ने पोस्टमॉर्टम किया और शव को उसके परिजनों को सौंप दिया। गुरदीप सिंह की मौत के बाद उनके परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। उनके भाई मंजीत सिंह ने बताया कि गुरदीप सिंह और रजनी एक-दूसरे से बहुत प्यार करते थे और उन्होंने समाज के विरोध के बावजूद शादी की थी। लेकिन उनके ससुराल वाले इस शादी को कभी स्वीकार नहीं कर पाए और इसी नाराजगी ने इस खूनी वारदात को अंजाम दिया।

प्रेम विवाह की त्रासदी

यह घटना एक बार फिर इस कड़वी सच्चाई को उजागर करती है कि भारतीय समाज के कई हिस्सों में आज भी प्रेम विवाह को लेकर गहरी अस्वीकृति और विरोध है। जहां एक ओर युवा अपनी पसंद से जीवन साथी चुनने का हक रखते हैं, वहीं दूसरी ओर परिवार की मान्यताओं और परंपराओं की जकड़न उनके जीवन के लिए खतरनाक साबित हो सकती है। गुरदीप सिंह और रजनी का प्रेम विवाह इसी सामाजिक अस्वीकृति की भेंट चढ़ गया, जिसमें गुरदीप को अपनी जान गंवानी पड़ी।

समाज में बढ़ती हिंसा और असहिष्णुता

गुरदीप सिंह की हत्या समाज में बढ़ती असहिष्णुता और हिंसा की एक और मिसाल है। प्रेम विवाह को लेकर परिवारों के बीच उपजी असहमति अक्सर हिंसा का रूप ले लेती है, जो न केवल व्यक्तियों के जीवन को नष्ट करती है बल्कि सामाजिक ताने-बाने को भी हानि पहुंचाती है। यह घटना यह सवाल खड़ा करती है कि क्या हम एक ऐसे समाज में जी रहे हैं, जहां प्रेम विवाह को लेकर परिवारों में हिंसक प्रतिक्रियाएं सामान्य होती जा रही हैं?

क्या होना चाहिए आगे?

इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए समाज में जागरूकता फैलाने की जरूरत है। लोगों को समझना होगा कि हर व्यक्ति को अपनी पसंद से जीवनसाथी चुनने का अधिकार है और इसे सम्मान के साथ स्वीकार करना चाहिए। साथ ही, कानून को सख्त होना चाहिए ताकि इस तरह की हिंसा को रोका जा सके। समाज के हर वर्ग को यह समझना होगा कि प्रेम और विवाह व्यक्तिगत फैसले हैं और इन्हें सामाजिक और पारिवारिक स्वीकृति मिलनी चाहिए, न कि हिंसा और नाराजगी।

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