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Punjab: धान की खरीदारी इस दिन से होगी शुरू, शेलर मालिकों ने सीएम मान से बैठक के बाद हड़ताल समाप्त की

Punjab: पंजाब में धान की खरीद को लेकर चल रही शेलर मालिकों की हड़ताल आखिरकार समाप्त हो गई है। यह महत्वपूर्ण निर्णय शनिवार को चंडीगढ़ में मुख्यमंत्री भगवंत मान के साथ हुई बैठक के बाद लिया गया। बैठक में मुख्यमंत्री ने शेलर मालिकों की राज्य से संबंधित मांगों को स्वीकृत करने और केंद्र से जुड़ी मांगों को केंद्र सरकार के सामने उठाने का आश्वासन दिया।

इस बैठक के बाद शेलर मालिकों ने घोषणा की कि वे मंगलवार से धान की खरीदारी शुरू करेंगे। हालांकि, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अगर धान में नमी अधिक पाई गई, तो वे अपने शेलरों में धान नहीं डालेंगे।

केंद्र के सामने उठाई गई भंडारण की कमी की समस्या

मुख्यमंत्री भगवंत मान ने बैठक के दौरान बताया कि राज्य सरकार पहले ही केंद्र सरकार के सामने फसल के भंडारण की कमी का मुद्दा उठा चुकी है। इसके बाद केंद्र ने 2024 के अंत तक राज्य से 40 लाख टन अनाज उठाने और 2025 के मार्च तक 90 लाख टन अनाज उठाने की मंजूरी दी है। इतना ही नहीं, भारतीय खाद्य निगम (FCI) ने इस महीने के अंत तक राज्य से 15 लाख टन गेहूं और चावल परिवहन करने की सहमति भी दी है।

Punjab: धान की खरीदारी इस दिन से होगी शुरू, शेलर मालिकों ने सीएम मान से बैठक के बाद हड़ताल समाप्त की

तीन सदस्यीय टीम करेगी निगरानी

मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार के स्वामित्व वाले और किराए के गोदामों में लगभग 48 लाख टन गेहूं भंडारित है, जिसे 2025 के मार्च तक हटाया जाएगा। इस खाली जगह का उपयोग चावल के भंडारण के लिए किया जाएगा। जिलों में स्थान की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए एक तीन सदस्यीय टीम गठित की जाएगी, जिसका नेतृत्व डिप्टी कमिश्नर करेंगे। इस टीम में एफसीआई और राज्य खरीद एजेंसियों के सदस्य होंगे, जो अनाज के सुचारु रूप से गोदामों से निकासी की निगरानी करेंगे।

मिलर्स की इस मांग को भी मिली मंजूरी

मुख्यमंत्री ने बताया कि 5,000 टन से अधिक धान भंडारण क्षमता वाले मिलों से अधिग्रहण लागत का पांच प्रतिशत बैंक गारंटी के रूप में देने की आवश्यकता होती है। हालांकि, अब से मिलर्स से बैंक गारंटी लेने के बजाय, मिल की भूमि को विभाग के पक्ष में ‘लीन’ (अधिग्रहण का अधिकार) किया जाएगा। मिलर्स की एक और मांग को स्वीकार करते हुए उन्होंने मौजूदा मिलों के आवंटन के लिए भौतिक सत्यापन से छूट देने की भी मंजूरी दी।

डीसी सुनिश्चित करें कि 6 बजे शाम से 10 बजे सुबह तक धान की कटाई न हो

मुख्यमंत्री मान ने डिप्टी कमिश्नरों को निर्देश दिए कि धान की फसल में नमी की मात्रा को ध्यान में रखते हुए, इसकी कटाई शाम 6 बजे से सुबह 10 बजे तक न की जाए। इसके साथ ही उन्होंने मंडी बोर्ड को एफसीआई की तर्ज पर नमी मापने वाले मीटर खरीदने का भी निर्देश दिया।

मान ने बताया कि धान की खरीदारी के दौरान 17 प्रतिशत नमी सुनिश्चित की जाएगी। इसके अलावा, उन्होंने राज्य सरकार द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर धान को सुखाने की बहाली, मिल से बाहर भेजे गए चावल के परिवहन खर्च की प्रतिपूर्ति, और पिछले परिवहन खर्चों की वसूली न करने जैसे मुद्दों को भी केंद्र सरकार के सामने उठाने की बात कही।

शेलर मालिकों और सरकार के बीच लंबे समय से चली आ रही समस्या

यह पूरा मुद्दा तब उभरा जब राज्य में शेलर मालिकों ने धान की खरीदारी से इनकार कर दिया था। उनकी मांग थी कि धान की खरीदारी के दौरान फसल में नमी की उचित जांच होनी चाहिए और राज्य सरकार इस पर सख्त नियम बनाए। साथ ही, शेलर मालिकों ने फसल भंडारण की समस्या, बैंक गारंटी और अन्य कई मुद्दों को लेकर विरोध जताया था।

राज्य सरकार ने शेलर मालिकों की मांगों को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार के साथ बातचीत की और इस मुद्दे का हल निकालने का प्रयास किया। इसके बाद केंद्र सरकार ने भी राज्य से अनाज उठाने के लिए नई योजना बनाई, जिससे शेलर मालिकों की समस्याओं का कुछ हद तक समाधान हुआ।

शेलर मालिकों का आंदोलन और उसके प्रभाव

शेलर मालिकों की हड़ताल का राज्य की धान खरीदारी पर गहरा असर पड़ा था। धान की फसल तैयार होने के बावजूद, शेलर मालिकों द्वारा खरीदारी न किए जाने से किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा था। खेतों में धान की फसल तैयार खड़ी थी, लेकिन खरीदारी प्रक्रिया शुरू न होने के कारण किसानों को आर्थिक नुकसान हो रहा था।

शेलर मालिकों और सरकार के बीच हुए इस समझौते से किसानों को राहत मिलेगी और राज्य में धान की खरीदारी प्रक्रिया जल्द ही शुरू हो जाएगी। मंगलवार से शेलर मालिकों ने धान की खरीदारी शुरू करने का आश्वासन दिया है, जिससे किसानों को अब अपनी फसल बेचने का अवसर मिलेगा।

भविष्य की चुनौतियां

हालांकि सरकार और शेलर मालिकों के बीच हुए इस समझौते से वर्तमान स्थिति को संभाल लिया गया है, लेकिन भविष्य में इस प्रकार की समस्याओं को रोकने के लिए सरकार को एक स्थायी समाधान ढूंढने की आवश्यकता है। धान की खरीदारी में नमी की जांच और भंडारण की समस्या हमेशा से एक बड़ा मुद्दा रहा है। इसके समाधान के लिए सरकार को प्रभावी नीति बनानी होगी ताकि किसानों और शेलर मालिकों के बीच संतुलन बना रहे और फसल की सही तरीके से खरीदारी हो सके।

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