Punjab News: हरियाणा में कांग्रेस की वापसी का पंजाब पर असर, सरकार बनाना होगा ‘बूस्टर डोज़’
Punjab News: हाल ही में संपन्न हुए हरियाणा विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने बड़ी मजबूती से वापसी की है। यदि हरियाणा में कांग्रेस सरकार बनाती है, तो इसका सीधा प्रभाव पंजाब की राजनीति पर भी पड़ सकता है। हरियाणा में कांग्रेस भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से सीधे टक्कर ले रही थी। पंजाब की तरह, हरियाणा में भी कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (आप) के बीच कोई गठबंधन नहीं हो पाया। हरियाणा में कांग्रेस की जीत पंजाब कांग्रेस के लिए ‘बूस्टर डोज़’ का काम कर सकती है, क्योंकि 2022 के विधानसभा चुनावों में करारी हार के बाद पंजाब कांग्रेस को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ था।
हरियाणा में 10 साल बाद कांग्रेस की वापसी संभव
हरियाणा और पंजाब की राजनीति का सीधा संबंध शायद ही कभी रहा हो, लेकिन पंजाब कांग्रेस की नजरें हमेशा हरियाणा पर टिकी रही हैं। हाल के एक्जिट पोल में यह संकेत मिले हैं कि कांग्रेस 10 साल बाद हरियाणा में सरकार बनाने की स्थिति में है। पंजाब कांग्रेस के नेताओं की पहल के परिणामस्वरूप कांग्रेस ने हरियाणा में आम आदमी पार्टी से गठबंधन नहीं किया।
हालांकि, कांग्रेस के हाईकमान ने हरियाणा में ‘आप’ से गठबंधन के लिए पूरी तरह तैयार था, लेकिन पंजाब कांग्रेस के नेताओं ने हरियाणा कांग्रेस नेताओं से संपर्क किया और उन पर दबाव डाला कि वे यह गठबंधन न करें।
अकाली दल और बीजेपी हाशिये पर
जानकारी के अनुसार, पंजाब कांग्रेस ‘आप’ से गठबंधन इसलिए नहीं चाहती थी क्योंकि इससे 2027 के पंजाब विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के लिए अनुकूल माहौल नहीं बनता। शिरोमणि अकाली दल और भाजपा पहले से ही पंजाब में हाशिये पर हैं।
बीजेपी को लोकसभा चुनावों में एक भी सीट नहीं मिली और अकाली दल के खाते में केवल एक सीट है। ऐसे में कांग्रेस की रणनीति आम आदमी पार्टी के खिलाफ सीधा मुकाबला करने की है, जो वर्तमान में पंजाब की सत्ता में है। अगर हरियाणा में कांग्रेस और ‘आप’ का गठबंधन हो जाता, तो यह रणनीति कमजोर हो जाती।
पंजाब में कांग्रेस के लिए अनुकूल संदेश
अगर हरियाणा में कांग्रेस की सरकार बनती है, तो इसका असर पंजाब की कांग्रेस पर भी पड़ेगा। इसका मुख्य कारण यह है कि इससे पंजाब में कांग्रेस को मजबूत होने का मौका मिलेगा। अगर हरियाणा में कांग्रेस की जीत होती है, तो इसका संदेश पंजाब में भी जाएगा कि दोनों राज्यों की कांग्रेस एकजुट है और आपसी सहमति से आगे बढ़ रही है।
पंजाब में कांग्रेस के कई नेता, जो पार्टी छोड़ चुके थे, उनके वापसी की संभावना भी बढ़ जाएगी। इसके साथ ही, कार्यकर्ताओं के बीच उत्साह भी बढ़ेगा, जो पार्टी के पुनर्निर्माण में मददगार साबित हो सकता है।
लोकसभा में कांग्रेस की मजबूत पकड़
पंजाब में कांग्रेस की मजबूत स्थिति को इससे भी समझा जा सकता है कि पिछले लोकसभा चुनावों में कांग्रेस ने 13 में से 7 सीटों पर जीत हासिल की थी। ऐसे में हरियाणा में अगर कांग्रेस जीत दर्ज करती है तो इससे पंजाब में भी कांग्रेस के पक्ष में माहौल बन सकता है।