Haridwar: रामलीला में बंदर बनकर भागे दो कैदी, 6 पुलिसकर्मी सस्पेंड, फरार कैदियों की तलाश में 10 टीमें गठित
Haridwar जेल से दो कैदियों के फरार होने के मामले में बड़ी कार्रवाई की गई है। लापरवाही सामने आने के बाद जेल मुख्यालय ने जेलर और प्रभारी अधीक्षक समेत 6 लोगों को निलंबित कर दिया है। वरिष्ठ जेल अधीक्षक मनोज कुमार आर्य पर फिलहाल कोई कार्रवाई नहीं की गई है क्योंकि वह अवकाश पर हैं। इसी बीच, हरिद्वार पुलिस भी फरार कैदियों की तलाश में जुटी हुई है और उत्तर प्रदेश तक छापेमारी कर रही है। एसएसपी प्रमोद सिंह डोबाल ने 10 टीमें गठित की हैं और सिडकुल थाना प्रभारी के नेतृत्व में एसआईटी भी बनाई गई है। एसआईटी की निगरानी एसपी सिटी को सौंपी गई है। पुलिस ने फरार कैदियों के घरों और संभावित ठिकानों पर छापेमारी शुरू कर दी है। पुलिस का दावा है कि जल्द ही दोनों कैदियों को पकड़ लिया जाएगा।
एसएसपी ने बनाई रणनीति
हरिद्वार के एसएसपी प्रमोद सिंह डोबाल ने इस मामले को लेकर अन्य अधिकारियों के साथ बैठक की और फरार कैदियों को पकड़ने के लिए रणनीति बनाई। उन्होंने बताया कि इस मामले में छह पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है और कैदियों को पकड़ने के लिए 10 टीमें गठित की गई हैं।
जेल की रामलीला में हुआ था हादसा
हरिद्वार जिला जेल में दशहरे के अवसर पर रामलीला का आयोजन किया गया था। इस रामलीला में दो कैदी बंदर का किरदार निभा रहे थे। दोनों कैदी मंच पर उछल-कूद कर रहे थे और दर्शक उनका आनंद ले रहे थे। हालांकि, उछल-कूद करते समय दोनों ने जेल की दीवार फांद कर भागने की योजना बनाई और ऐसा करके वे फरार हो गए। रामलीला में दोनों बंदर माता सीता की खोज में निकले थे, लेकिन इसी बीच वे खुद जेल से फरार हो गए। जब उनकी तलाश शुरू की गई तो पता चला कि दोनों कैदी जेल की दीवार फांदकर भाग चुके थे।
सीढ़ी का इस्तेमाल कर दीवार फांदी
एसएसपी प्रमोद सिंह डोबाल ने बताया कि यह घटना शाम के समय रामलीला कार्यक्रम के दौरान हुई। रामलीला के समय कैदियों ने निर्माण स्थल पर पड़ी एक सीढ़ी का फायदा उठाकर उसे दीवार पर रखा और रात के समय जेल से भाग गए। इनमें से एक कैदी, पंकज, जो पहले से ही धारा 302 के तहत दोषी है, मंगलौर में हत्या के मामले में सजा काट रहा था। दूसरा कैदी रामकुमार, जिसका अभी मुकदमा चल रहा है, उसे अपहरण के मामले में गिरफ्तार किया गया था।
कैदियों की तलाश में जुटी पुलिस
हरिद्वार पुलिस ने फरार कैदियों को पकड़ने के लिए व्यापक स्तर पर छानबीन शुरू कर दी है। पुलिस के 10 विशेष दल फरार कैदियों के संभावित ठिकानों पर लगातार छापेमारी कर रहे हैं। हरिद्वार के अलावा उत्तर प्रदेश में भी पुलिस द्वारा छानबीन की जा रही है, क्योंकि ऐसी संभावना है कि कैदी राज्य की सीमा पार कर सकते हैं। एसआईटी के गठन के बाद पुलिस अधिकारियों ने संभावित स्थानों पर अपनी कार्रवाई तेज कर दी है। साथ ही, स्थानीय मुखबिरों की मदद से कैदियों की लोकेशन का पता लगाने की कोशिश की जा रही है।
पुलिसकर्मियों पर गिरी गाज
कैदियों के फरार होने की घटना के बाद जेल प्रशासन में हड़कंप मच गया। जांच में लापरवाही का खुलासा होने पर जेलर और प्रभारी अधीक्षक समेत 6 पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है। इसके अलावा, अन्य कर्मचारियों से भी सख्ती से पूछताछ की जा रही है ताकि घटना की पूरी सच्चाई का पता चल सके। वरिष्ठ जेल अधीक्षक मनोज कुमार आर्य पर फिलहाल कोई कार्रवाई नहीं की गई है क्योंकि वह अवकाश पर हैं। लेकिन, उनके वापस आने के बाद उनसे भी इस मामले पर स्पष्टीकरण मांगा जा सकता है।
कैदियों के भागने से उठे सुरक्षा सवाल
इस घटना ने जेल प्रशासन और पुलिस के सुरक्षा इंतजामों पर बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं। जेल में होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रमों के दौरान इतनी बड़ी चूक कैसे हो गई, यह सवाल अब सुरक्षा एजेंसियों के सामने हैं। एक तरफ जहां रामलीला में कैदियों को भागने का मौका मिला, वहीं दूसरी तरफ पुलिसकर्मियों की लापरवाही भी सामने आई। इस घटना के बाद जेल प्रशासन ने सभी जेलों में सुरक्षा व्यवस्था को और कड़ा करने के निर्देश दिए हैं।
प्रशासन पर बढ़ा दबाव
कैदियों के फरार होने की इस घटना के बाद स्थानीय प्रशासन और पुलिस पर दबाव बढ़ गया है। जनता में इस घटना को लेकर काफी गुस्सा और चिंता है, खासकर तब जब फरार कैदियों में से एक हत्या का दोषी है और दूसरा अपहरण के आरोप में बंद था। लोग मांग कर रहे हैं कि दोषी अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो और फरार कैदियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाए।