Delhi: दिल्लीवासियों को राहत, दो दिनों बाद हवा में सुधार, जानिए आज का मौसम कैसा रहेगा
Delhi: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में अब तापमान गिरना शुरू हो गया है और मंगलवार को इस महीने का सबसे कम न्यूनतम तापमान दर्ज किया गया। साथ ही, वायु गुणवत्ता में भी कुछ सुधार देखा गया है। यहाँ वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) का स्तर 198 दर्ज किया गया, जिससे दिल्ली की हवा ‘खराब’ से सुधरकर ‘मध्यम’ श्रेणी में आ गई है। पिछले दो दिनों से राजधानी की हवा ‘खराब’ श्रेणी में थी, लेकिन मंगलवार को इसका AQI 207 था, जो शाम 4 बजे तक घटकर 198 पर आ गया। यह ‘मध्यम’ श्रेणी में आता है। इसके साथ ही पराली जलाने की घटनाओं में भी कमी आई है। इस वर्ष की शुरुआत से लेकर 15 अक्टूबर तक पराली जलाने की 2,399 घटनाएं दर्ज की गई हैं, जबकि पिछले साल इसी अवधि में 2,791 घटनाएं हुई थीं।
आज का मौसम कैसा रहेगा?
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार, बुधवार को दिल्ली में आंशिक रूप से बादल छाए रहने की संभावना है। आज अधिकतम तापमान लगभग 35 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान लगभग 17 डिग्री सेल्सियस रहने की संभावना है। इससे यह साफ होता है कि दिल्ली में ठंड का मौसम धीरे-धीरे दस्तक दे रहा है। सुबह और शाम के समय तापमान में गिरावट हो सकती है, जिससे लोगों को राहत मिलेगी।
AQI स्तर के अनुसार, AQI का मान 0 से 50 तक ‘अच्छा’, 51 से 100 तक ‘संतोषजनक’, 101 से 200 तक ‘मध्यम’, 201 से 300 तक ‘खराब’, 301 से 400 तक ‘बहुत खराब’ और 401 से 500 तक ‘गंभीर’ माना जाता है। इसलिए, दिल्ली की वर्तमान वायु गुणवत्ता ‘मध्यम’ श्रेणी में है, जो कि पिछले कुछ दिनों की तुलना में सुधार का संकेत है।
GRAP-1 लागू, इन गतिविधियों पर लगा प्रतिबंध
दिल्ली की बिगड़ती वायु गुणवत्ता को देखते हुए मंगलवार से ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के पहले चरण के अंतर्गत प्रतिबंध लगाए गए हैं। विशेषकर सर्दियों में प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए उठाए गए इन कदमों का उद्देश्य निर्माण स्थलों पर धूल को नियंत्रित करना, कचरे के सही प्रबंधन और सड़कों की नियमित सफाई के माध्यम से प्रदूषण को कम करना है। GRAP के पहले चरण में प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों की सख्त जांच, बेहतर ट्रैफिक प्रबंधन और उद्योगों, पावर प्लांट्स तथा ईंट भट्ठों में उत्सर्जन नियंत्रण के उपायों को अनिवार्य किया गया है।
GRAP-1 के अंतर्गत लगाए गए प्रतिबंध:
- 500 वर्ग मीटर या उससे अधिक के निजी निर्माण और ध्वस्तीकरण परियोजनाओं पर प्रतिबंध
बड़े निर्माण स्थलों पर उड़ती हुई धूल प्रदूषण का मुख्य कारण बनती है, जिससे हवा की गुणवत्ता में गिरावट आती है। GRAP-1 के तहत 500 वर्ग मीटर या उससे अधिक की परियोजनाओं पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है ताकि हवा में धूल के कणों की मात्रा को कम किया जा सके। - दिल्ली से 300 किमी की परिधि में प्रदूषण फैलाने वाली औद्योगिक इकाइयों और ताप बिजली संयंत्रों के खिलाफ कार्रवाई
दिल्ली के आसपास के क्षेत्रों में स्थित उद्योग और बिजली संयंत्र प्रदूषण का एक प्रमुख स्रोत हैं। इनके द्वारा छोड़े गए हानिकारक कण और गैसें हवा को दूषित करती हैं, जिसके परिणामस्वरूप दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता खराब हो जाती है। अब इन इकाइयों पर सख्त नियंत्रण रखा जाएगा। - पटाखों के उत्पादन, भंडारण और बिक्री पर प्रतिबंध
सर्दियों के मौसम में पटाखों का जलाना वायु प्रदूषण को और बढ़ा देता है। इसलिए, पटाखों के उत्पादन, भंडारण और बिक्री पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाया गया है। - 10 से 15 साल पुराने डीजल और पेट्रोल वाहनों पर प्रतिबंध
पुराने वाहन, विशेषकर डीजल और पेट्रोल इंजन वाले वाहन, प्रदूषण का एक बड़ा कारण होते हैं। GRAP-1 के तहत 10 से 15 साल पुराने वाहनों के चलने पर प्रतिबंध लगाया गया है ताकि प्रदूषण कम हो सके। - खुले में कचरा जलाने पर प्रतिबंध
दिल्ली में कचरा जलाना एक आम प्रथा बन चुकी है, जो वायु प्रदूषण को बढ़ावा देती है। अब खुले में कचरा जलाने पर सख्त प्रतिबंध लगाया गया है, और दोषी व्यक्तियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
दिल्ली सरकार का उद्देश्य
दिल्ली सरकार का उद्देश्य सर्दियों में प्रदूषण के स्तर को नियंत्रित करना और नागरिकों को स्वच्छ हवा उपलब्ध कराना है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अगुवाई में सरकार ने कई कदम उठाए हैं, जिनमें गाड़ियों की सख्त जांच, निर्माण कार्यों पर रोक और प्रदूषण फैलाने वाले उद्योगों के खिलाफ कार्रवाई जैसे उपाय शामिल हैं।
इसके साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता की निगरानी के लिए कड़े उपाय किए जा रहे हैं, और प्रदूषण के बढ़ते स्तर को रोकने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। सरकार ने लोगों से भी अपील की है कि वे इस मौसम में प्रदूषण को कम करने में सहयोग करें और अनावश्यक तौर पर प्रदूषण फैलाने वाले कारकों से बचें।
समाज पर सकारात्मक प्रभाव
GRAP-1 के तहत लागू किए गए ये प्रतिबंध लोगों की जागरूकता और सहयोग से सफल होंगे। यह निर्णय प्रदूषण पर नियंत्रण के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण के प्रति सरकार की गंभीरता को दर्शाता है। वायु गुणवत्ता में सुधार से न केवल स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा बल्कि लोगों को स्वच्छ और सुरक्षित वातावरण में रहने का मौका मिलेगा।
इस कदम से एक सकारात्मक संदेश भी जाएगा कि सरकार आम जनता के स्वास्थ्य को प्राथमिकता देती है और स्वच्छ पर्यावरण के लिए निरंतर प्रयासरत है। दिल्लीवासियों को अब उम्मीद है कि आने वाले दिनों में वायु गुणवत्ता और बेहतर होगी और प्रदूषण को नियंत्रित किया जा सकेगा।