राष्‍ट्रीय

वक्फ जमीन पर संसद और एयरपोर्ट? Badruddin Ajmal के दावे पर सबूत की मांग

ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (AIUDF) के प्रमुख Badruddin Ajmal ने हाल ही में एक बड़ा दावा किया कि दिल्ली में संसद भवन और हवाई अड्डा वक्फ़ भूमि पर बने हैं। इस दावे ने राजनीतिक हलकों में काफी हलचल मचा दी, परंतु यह दावा 24 घंटे से भी कम समय में सवालों के घेरे में आ गया। दिल्ली वक्फ बोर्ड के सूत्रों के अनुसार, उनके पास ऐसा कोई दस्तावेज़ नहीं है जो इस बात की पुष्टि कर सके कि संसद और हवाई अड्डा वक्फ़ भूमि पर बने हैं।

कांग्रेस ने उठाए सवाल 

कांग्रेस ने Badruddin Ajmal के इस बयान पर तुरंत प्रतिक्रिया दी। कांग्रेस सांसद इमरान प्रतापगढ़ी ने कहा कि अगर बदरुद्दीन के पास अपने दावे को लेकर कोई प्रमाण हैं, तो उन्हें यह संयुक्त संसदीय समिति (JPC) के सामने प्रस्तुत करना चाहिए। प्रतापगढ़ी ने इस बयान को राजनीतिक आधार पर दिया गया बताया और सबूतों की मांग की।

वक्फ़ बोर्ड की प्रतिक्रिया 

Badruddin Ajmal ने बुधवार को एक विवाद खड़ा करते हुए आरोप लगाया कि संसद भवन और उसके आसपास के क्षेत्र, जैसे वसंत विहार और यहां तक कि दिल्ली हवाई अड्डा भी वक्फ़ बोर्ड की संपत्ति पर बने हैं। हालांकि, दिल्ली वक्फ़ बोर्ड ने अजमल के इस दावे को सिरे से खारिज कर दिया। बोर्ड के अनुसार, उनके पास ऐसा कोई दस्तावेज़ नहीं है जो इस दावे की पुष्टि करता हो। वक्फ़ बोर्ड ने यह भी कहा कि उन्होंने सुना है कि हवाई अड्डे के पास एक मकबरा था, जिसे लेकर हवाई अड्डे पर दावे किए जा रहे हैं, लेकिन इसके पक्ष में कोई ठोस प्रमाण नहीं है।

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सरकार पर बड़ा आरोप 

असम में जमीयत उलमा द्वारा आयोजित एक बैठक में AIUDF नेता मौलाना Badruddin Ajmal ने वक्फ़ संपत्तियों के मामले में सरकार की नीति की कड़ी आलोचना की। उन्होंने वक्फ़ विधेयक के खिलाफ बोलते हुए कहा कि नई संसद भवन खुद वक्फ़ की जमीन पर बनी है। इसके साथ ही उन्होंने यह दावा भी किया कि सरकार वक्फ़ बोर्ड की 9.7 लाख बीघा भूमि पर कब्जा करना चाहती है। यह दावा बेहद विवादास्पद और गंभीर माना जा रहा है, क्योंकि इस दावे को लेकर अब तक कोई पुख्ता सबूत प्रस्तुत नहीं किया गया है।

मुस्लिम समुदाय के लिए भूमि की मांग 

Badruddin Ajmal ने वक्फ़ भूमि को मुस्लिम समुदाय को सौंपने की मांग की है। उन्होंने कहा कि अगर सरकार हमें यह जमीन सौंप दे, तो हम खुद मुस्लिम समुदाय के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य और अनाथालय की व्यवस्था करेंगे। इस कार्य के लिए हमें केंद्र सरकार से किसी प्रकार की मदद की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने इसे समुदाय के हक की लड़ाई करार दिया।

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कोई प्रमाण नहीं 

हालांकि, Badruddin Ajmal ने संसद और हवाई अड्डे के वक्फ़ भूमि पर बने होने का दावा किया है, लेकिन अब तक उनके पास इस दावे को साबित करने के लिए कोई ठोस प्रमाण नहीं है। दिल्ली वक्फ़ बोर्ड के मुताबिक, उन्होंने ऐसा कोई दस्तावेज़ नहीं देखा है जो इस दावे की पुष्टि कर सके। अजमल का यह बयान केवल एक राजनीतिक विवाद की ओर इशारा करता है, जिस पर जल्द ही और जांच पड़ताल होने की संभावना है।

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