AP Dhillon के घर पर फायरिंग का एक आरोपी गिरफ्तार, दूसरा भारत फरार
कनाडा पुलिस ने पंजाबी गायक AP Dhillon के घर पर फायरिंग के मामले में एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। इस आरोपी का नाम अभिजीत किंग्रे है। वहीं, पुलिस का कहना है कि दूसरा आरोपी विक्रम शर्मा फरार होकर भारत भाग गया है। यह घटना 1 और 2 सितंबर की रात को हुई थी, जब दो लोगों ने कनाडा में एपी ढिल्लों के बंगले पर गोलीबारी की और वहां खड़ी गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया।
इस हमले की जिम्मेदारी लॉरेंस बिश्नोई-गोल्डी बराड़ और रोहित गोदारा गिरोह ने ली थी। इस घटना के बाद गिरोह ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट साझा कर के इस हमले की जानकारी दी। अब लगभग दो महीने बाद पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार किया है।
AP Dhillon के साथ-साथ एक जौहरी भी था निशाने पर
जिस दिन हमलावरों ने एपी ढिल्लों के घर पर फायरिंग की, उसी दिन कनाडा में एक जौहरी के बंगले के बाहर भी गोलीबारी की घटना हुई। इस फायरिंग की जिम्मेदारी भी गोल्डी और रोहित गोदारा गैंग ने ली थी। कनाडा पुलिस ने इस मामले की गहन जांच शुरू कर दी है। हाल ही में कनाडा पुलिस ने अभिजीत किंग्रे को ओंटारियो से गिरफ्तार किया है, जो कि विनिपेग क्षेत्र का निवासी है। हालांकि, फायरिंग की घटना कूलवुड क्षेत्र में हुई थी।
भारत-कनाडा के संबंधों पर पड़ सकता है असर
हाल ही में कनाडा सरकार ने भारत पर आतंकवादी निज्जर की हत्या के मामले में गंभीर आरोप लगाए थे। अब, एपी ढिल्लों के घर पर फायरिंग के मामले में अभिजीत की गिरफ्तारी के बाद, जो कि भारत का निवासी है, इस मामले में भी तनाव की संभावना बन रही है। इसके अलावा, विक्रम शर्मा भी भारतीय मूल का ही है, जिसके बारे में कनाडा पुलिस का दावा है कि वह भारत भाग गया है। कनाडा पुलिस ने विक्रम शर्मा की कोई तस्वीर होने का खंडन किया है, लेकिन उसके भारत भागने का दावा किया गया है।
इस प्रकार की घटनाएं दोनों देशों के बीच पहले से तनावपूर्ण संबंधों को और अधिक बिगाड़ सकती हैं। यह एक गंभीर मामला है जो कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दोनों देशों के रिश्तों पर असर डाल सकता है। ऐसे में जरूरी है कि भारत और कनाडा दोनों ही इस मामले को शांति से निपटाने के लिए संवाद करें और इसे राजनीतिक मुद्दा न बनाएं।
घटना के बाद की पुलिस कार्रवाई और जांच
इस फायरिंग घटना के बाद कनाडा पुलिस ने व्यापक स्तर पर कार्रवाई शुरू की है। पुलिस के अनुसार, आरोपी अभिजीत किंग्रे को गिरफ्तार कर लिया गया है, जो कि गोल्डी बराड़ और लॉरेंस बिश्नोई जैसे संगठित अपराध गिरोहों से जुड़ा हुआ माना जा रहा है। पुलिस ने कहा है कि यह घटना अन्य अपराधों से भी जुड़ी हो सकती है और इसमें और भी लोगों की संलिप्तता हो सकती है।
कनाडा पुलिस ने इस गिरोह की गतिविधियों पर नज़र रखने के लिए विशेष टीमें गठित की हैं जो कि इन गिरोहों से जुड़े अन्य मामलों की जांच कर रही हैं। पुलिस ने इसके साथ ही कनाडा में बसे भारतीय समुदाय के लोगों से अपील की है कि वे किसी भी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी पुलिस को दें ताकि इस मामले में जल्दी से जल्दी निष्कर्ष निकाला जा सके।
गिरोह का दबदबा और कनाडा में बढ़ते अपराध
पिछले कुछ समय से कनाडा में भारतीय मूल के लोगों को टारगेट करने वाले ऐसे गिरोहों की सक्रियता बढ़ी है। गोल्डी बराड़ और लॉरेंस बिश्नोई जैसे अपराधी गिरोह भारत और विदेशों में अपने आपराधिक गतिविधियों के लिए जाने जाते हैं। हाल के दिनों में, इन गिरोहों ने सोशल मीडिया पर अपनी उपस्थिति को बढ़ाया है और खुलेआम घटनाओं की जिम्मेदारी ली है। इससे यह साफ हो गया है कि इनका उद्देश्य डर फैलाना और अपने प्रभाव को बढ़ाना है।
कनाडा में बढ़ते अपराधों के चलते वहां के नागरिक और भारतीय समुदाय के लोग बेहद चिंतित हैं। एपी ढिल्लों और अन्य भारतीय नागरिकों के खिलाफ हुए हमलों से यह साफ है कि इन गिरोहों के पास एक सुव्यवस्थित नेटवर्क है जो कि कनाडा सहित अन्य देशों में सक्रिय है।
संबंध सुधारने की जरूरत
इस समय, भारत और कनाडा के बीच संबंधों में एक संवेदनशील स्थिति बनी हुई है। कनाडा सरकार द्वारा भारतीय नागरिकों को निशाना बनाना और भारतीय समुदाय के लोगों पर शक करना स्थिति को और खराब कर सकता है। दोनों देशों की सरकारों को इस प्रकार की घटनाओं पर खुल कर चर्चा करनी चाहिए और दोनों देशों के नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए संयुक्त कदम उठाने चाहिए।
आखिरकार, इस प्रकार की घटनाएं केवल दोनों देशों के बीच की तनावपूर्ण स्थिति को बढ़ा सकती हैं। इसलिए, जरूरी है कि अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो, लेकिन साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जाए कि निर्दोष लोग इस राजनीतिक तनाव का शिकार न बनें।