Sharda Sinha Death: चढ़ते सूर्य को अर्पित गायिका का अंतिम अलविदा, बिहार और संगीत जगत में शोक की लहर
Sharda Sinha Death: चाहे वह बिहार हो, उत्तर प्रदेश हो, या अन्य प्रदेशों के गांव-शहर, हर जगह जब भी छठ पूजा की बात होती है, शारदा सिन्हा का नाम सबसे पहले आता है। उनका नाम छठ गीतों की आवाज़ के रूप में लिया जाता था। बिहार की प्रसिद्ध लोक गायिका शारदा सिन्हा का निधन छठ पूजा के पहले दिन ही हुआ, जिससे उनके चाहने वालों के दिलों पर गहरी चोट पहुंची है। शारदा सिन्हा का जाना एक अपूरणीय क्षति है, न सिर्फ बिहार बल्कि पूरे देश के संगीत और संस्कृति जगत के लिए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और अन्य नेताओं ने शारदा सिन्हा के निधन पर शोक व्यक्त किया है। उनका निधन छठ पूजा के पहले दिन हुआ, जो एक अप्रत्याशित दुख के रूप में आया। शारदा सिन्हा के निधन से हर घर में शोक की लहर दौड़ गई है, क्योंकि उन्होंने अपने गीतों से छठ पूजा को एक नई पहचान दी थी।
प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री ने व्यक्त किया शोक
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शारदा सिन्हा के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया और उनके परिवार को शोक की घड़ी में सांत्वना दी। पीएम मोदी ने डॉक्टरों से नियमित रूप से शारदा सिन्हा के स्वास्थ्य की जानकारी ली और उनके परिवार को हर प्रकार की सहायता का भरोसा दिया। अब, प्रधानमंत्री मोदी भी इस दुखद समाचार से गहरे शोक में डूबे हुए हैं। उन्होंने अपनी शोक संवेदनाएं व्यक्त करते हुए कहा कि शारदा सिन्हा के निधन से संगीत की दुनिया ने एक महान आवाज़ खो दी है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी शारदा सिन्हा के निधन पर गहरा दुख जताया। उन्होंने कहा कि शारदा सिन्हा बिहार कोकिला थीं और उनका योगदान संगीत जगत में अतुलनीय था। मुख्यमंत्री ने शारदा सिन्हा के परिवार को शोक की इस घड़ी में संबल देने की बात की और भगवान से उनकी आत्मा को शांति देने की प्रार्थना की। मुख्यमंत्री ने कहा, “शारदा सिन्हा की आवाज़ छठ के गीतों में अमर रहेगी और उनका योगदान हमेशा याद रखा जाएगा।”
एक काव्यात्मक आवाज का सफर
शारदा सिन्हा ने बिहार और उत्तर प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में छठ पूजा के दौरान गाए गए गीतों को प्रसिद्ध किया। उनके द्वारा गाए गए गीत न केवल छठ पूजा की महिमा को फैलाते थे, बल्कि पूरे देश में लोक संगीत की एक नई धारा को जन्म देते थे। उन्होंने मैथिली, भोजपुरी, बज्जिका और हिंदी जैसी भाषाओं में भी गीत गाए, जिससे उनकी पहचान और भी व्यापक हो गई।
शारदा सिन्हा को 1991 में पद्मश्री और 2018 में पद्मभूषण से नवाजा गया था। इन पुरस्कारों के जरिए भारत सरकार ने उनके संगीत और लोक कला के प्रति उनके योगदान को मान्यता दी। छठ पूजा के दौरान उनका संगीत सुनकर हर किसी के मन में श्रद्धा और भक्तिभाव उत्पन्न होता था। शारदा सिन्हा का निधन केवल एक व्यक्ति की नहीं, बल्कि एक पूरी लोक संगीत धारा की क्षति है।
सभी वर्गों से शोक संदेश
शारदा सिन्हा के निधन पर विभिन्न नेताओं, कलाकारों और समाज के हर वर्ग से शोक संदेश आ रहे हैं। पूर्व राज्यसभा सांसद आरके सिन्हा, पटना सांसद रविशंकर प्रसाद, पूर्व पाटलिपुत्र सांसद रामकृपाल यादव, भाजपा राष्ट्रीय मंत्री रितुरत्न सिन्हा, भाजपा सांसद मनोज तिवारी और कांग्रेस नेता सूरज सिन्हा ने भी शारदा सिन्हा के निधन पर शोक व्यक्त किया।
आरजेडी के प्रवक्ता चित्तरणजन गगन ने शारदा सिन्हा के निधन को एक बड़ी क्षति बताया और कहा कि छठ पूजा के साथ उनका गहरा संबंध था। उन्होंने कहा कि शारदा सिन्हा के गीतों ने छठ पूजा को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई, और उनका निधन इस महान लोक पर्व के प्रति उनके अटूट प्यार को दर्शाता है।
संगीत जगत में शोक की लहर
शारदा सिन्हा का निधन संगीत जगत के लिए एक अपूरणीय क्षति है। उनकी आवाज़ ने भारतीय लोक संगीत को एक नया मुकाम दिया था। उनका संगीत न केवल बिहार और उत्तर प्रदेश के गांवों में गूंजता था, बल्कि उन्होंने भारतीय फिल्मों में भी अपनी आवाज़ दी थी। शारदा सिन्हा की आवाज़ में वह जादू था, जो छठ पूजा के दौरान हर दिल को छू जाता था। उनके द्वारा गाए गए गीतों में भक्ति, श्रद्धा और संगीत का एक अद्वितीय मिश्रण था, जिसने लाखों दिलों में स्थान बना लिया था।
नैतिक धरोहर और अंतिम श्रद्धांजलि
शारदा सिन्हा के निधन के साथ ही छठ पूजा के गीतों का वह युग समाप्त हो गया, जो शारदा सिन्हा की आवाज़ से जुड़ा था। उनका योगदान और संगीत हमेशा याद रखा जाएगा। आज, जब हम छठ पूजा के गीतों की सुनते हैं, तो शारदा सिन्हा की अविस्मरणीय आवाज़ हमेशा हमारे दिलों में जीवित रहेगी। उनके परिवार, उनके प्रशंसकों और उनके अनुयायियों को इस कठिन समय में धैर्य और शक्ति मिले, यही हमारी कामना है।
शारदा सिन्हा का निधन बिहार और संगीत जगत के लिए एक बड़े नुकसान के रूप में आया है। उनका संगीत, उनकी आवाज़ और उनका योगदान हमेशा याद किया जाएगा। शारदा सिन्हा के निधन ने छठ पूजा के इस शुभ अवसर पर शोक की लहर फैला दी है, लेकिन उनका संगीत और छठ पूजा के प्रति उनका प्रेम हमेशा जीवित रहेगा।