Punjab: निशांत यादव की नियुक्ति के साथ प्रशासन में बड़े बदलाव, हरियाणा के आईएएस अधिकारी को मिला चंडीगढ़ का जिम्मा
Punjab: चंडीगढ़ में शुक्रवार को हरियाणा कैडर के 2013 बैच के आईएएस अधिकारी निशांत यादव ने डिप्टी कमिश्नर (DC) का पद संभाल लिया। निशांत यादव ने चंडीगढ़ प्रशासन में अपनी नई जिम्मेदारी को स्वीकार करने के बाद सबसे पहले चंडीगढ़ यूटी सचिवालय में जाकर अधिकारियों से मुलाकात की, फिर वे डिप्टी कमिश्नर ऑफिस पहुंचे, जहां कर्मचारियों ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। निशांत यादव को चंडीगढ़ के डिप्टी कमिश्नर के रूप में आईएएस विनय प्रताप सिंह की जगह नियुक्त किया गया है।
निशांत यादव का प्रशासनिक करियर: कर्नाल और गुरुग्राम में रही महत्वपूर्ण भूमिका
निशांत यादव ने इससे पहले कर्नाल और गुरुग्राम जैसे महत्वपूर्ण जिलों में डिप्टी कमिश्नर के तौर पर अपनी सेवाएं दी हैं, जहां उन्होंने प्रशासनिक मामलों को बखूबी संभाला। उनकी प्रशासनिक कुशलता को देखते हुए उन्हें चंडीगढ़ का डिप्टी कमिश्नर नियुक्त किया गया है। यादव की नियुक्ति से पहले, गृह मंत्रालय ने बुधवार को उनकी नियुक्ति की मंजूरी दी थी और हरियाणा सरकार को निर्देश दिए थे कि वे निशांत यादव को तत्काल प्रभाव से चंडीगढ़ प्रशासन में शामिल कर लें।
चंडीगढ़ में तीन साल के लिए सेवा देंगे निशांत यादव
निशांत यादव चंडीगढ़ प्रशासन में तीन साल के लिए डिप्टी कमिश्नर के तौर पर अपनी सेवाएं देंगे। 25 अक्टूबर को गृह मंत्रालय के उच्चाधिकारियों ने चंडीगढ़ के डिप्टी कमिश्नर पैनल से निशांत यादव का नाम मंजूर किया था।
चंडीगढ़ के डिप्टी कमिश्नर के पद के लिए सिविल सेवा में कई अन्य अधिकारी भी दौड़ में थे, जिनमें सोनीपत के डिप्टी कमिश्नर डॉ. मनोज कुमार और रोहतक के डिप्टी कमिश्नर अजय कुमार भी शामिल थे। हालांकि, यादव को प्रशासनिक कौशल और उनकी कार्यक्षमता को देखते हुए यह महत्वपूर्ण पद सौंपा गया।
बुधवार को पंजाब कैडर के 2005 बैच के आईएएस अधिकारी दीप्रावा लकड़ा ने चंडीगढ़ सचिवालय में वित्त सचिव के तौर पर कार्यभार संभाला। चंडीगढ़ के यूटी प्रशासन द्वारा दीप्रावा लकड़ा को आठ महत्वपूर्ण विभागों के सचिव और मुख्य प्रशासक के रूप में नियुक्त किया गया है।
वित्त सचिव के रूप में दीप्रावा लकड़ा को संपत्ति, खजाना और लेखा, योजना, सांख्यिकी, श्रम और रोजगार, और आवास विभागों की जिम्मेदारी दी गई है। लकड़ा ने पदभार संभालने के तुरंत बाद सभी विभागों से रिपोर्ट लेना शुरू कर दिया है और उनके कार्यों की समीक्षा की जा रही है।
परिवहन विभाग की जिम्मेदारी पंजाब कैडर को, इंजीनियरिंग विभाग UT कैडर को सौंपा गया
चंडीगढ़ प्रशासन में विभागों के पुनर्वितरण में एक दिलचस्प बदलाव देखा गया। परिवहन विभाग की जिम्मेदारी अब पंजाब कैडर के अधिकारी दीप्रावा लकड़ा को सौंपी गई है, जबकि इंजीनियरिंग विभाग की जिम्मेदारी UT कैडर को दे दी गई है।
इंजीनियरिंग विभाग की जिम्मेदारी 2006 बैच की आईएएस अधिकारी प्रेर्ना पुरी को सौंपी गई है, जो अब इस विभाग के सचिव के तौर पर कार्य करेंगी। इसके अलावा, गृह सचिव मंडीप सिंह ब्रार को पर्यटन विभाग का सचिव नियुक्त किया गया है, जो इस विभाग की जिम्मेदारी संभालेंगे।
चंडीगढ़ में नियुक्तियों की प्रक्रिया जारी: 18 सहायक प्रोफेसरों की नियुक्ति
चंडीगढ़ प्रशासन में फिलहाल कई अहम नियुक्तियों का सिलसिला जारी है। हरियाणा के विभिन्न कॉलेजों से 18 सहायक प्रोफेसरों की नियुक्ति चंडीगढ़ प्रशासन में की गई है। यह नियुक्तियां हरियाणा के सरकारी कॉलेजों से डेपुटेशन के आधार पर की गई हैं। इन प्रोफेसरों को विभिन्न फैकल्टी में नियुक्त किया गया है और कॉलेजों में उन्हें कार्यभार सौंपा गया है।
इसके साथ ही, चंडीगढ़ के सरकारी स्कूलों में भी शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया चल रही है। लंबे समय से शिक्षकों की नियुक्ति न होने के कारण यहां शिक्षा संस्थानों में शिक्षकों की कमी हो गई थी। अब इस कमी को पूरा करने के लिए डेपुटेशन पर शिक्षकों की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू की गई है।
चंडीगढ़ प्रशासन में बड़े बदलाव, कामकाजी माहौल में बदलाव की उम्मीद
निशांत यादव की नियुक्ति और अन्य प्रशासनिक अधिकारियों के पदभार संभालने के साथ चंडीगढ़ प्रशासन में एक नई ऊर्जा का संचार हुआ है। प्रशासन में पदों का पुनर्वितरण और नई नियुक्तियों से यह उम्मीद जताई जा रही है कि कार्यकुशलता में वृद्धि होगी और प्रशासनिक व्यवस्था को सुदृढ़ किया जाएगा।
इसके अलावा, चंडीगढ़ प्रशासन की योजना है कि प्रमुख विभागों में UT कैडर के अधिकारियों को जिम्मेदारी दी जाए, ताकि स्थानीय प्रशासन को मजबूती मिल सके।
चंडीगढ़ के नए डिप्टी कमिश्नर निशांत यादव का प्रशासनिक करियर प्रभावी और सफल रहा है, और उनकी नियुक्ति से यह उम्मीद जताई जा रही है कि वह चंडीगढ़ प्रशासन को नई दिशा देंगे। इसके साथ ही, चंडीगढ़ प्रशासन में हो रहे विभिन्न बदलाव प्रशासनिक दक्षता को और बेहतर बनाने के प्रयासों के रूप में देखे जा रहे हैं।