Punjab News: जलंधर में धान की खरीद का भुगतान जारी, किसानों को मिल चुके 1792 करोड़ रुपये
Punjab News: पंजाब के जलंधर जिले में धान की खरीद का भुगतान जारी है, और अब तक किसानों को कुल 1792 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है। जिले में धान की खरीद प्रक्रिया को सुचारु रूप से चलाने के लिए जिला प्रशासन द्वारा लगातार निगरानी रखी जा रही है। जिला उपायुक्त डॉ. हिमांशु अग्रवाल ने कहा कि अब तक जिले में 803739 मीट्रिक टन धान मंडियों में आ चुका है, जिसमें से 799429 मीट्रिक टन धान विभिन्न खरीद एजेंसियों द्वारा खरीदी गई है।
धान की उठाईगीरी में तेज़ी लाने का आदेश
जिला उपायुक्त ने यह भी बताया कि जिले की सभी अनाज मंडियों में धान की उठाईगीरी को तेज़ी से सुनिश्चित किया जा रहा है। अब तक 398789 मीट्रिक टन धान उठाया जा चुका है, और आगामी दिनों में इसे और भी तेज़ी से उठाने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि प्रशासन धान खरीद की प्रक्रिया को सही तरीके से चलाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रहा है और पंजाब सरकार द्वारा जारी की गई सभी निर्देशों का पालन सुनिश्चित किया जा रहा है।
धान खरीद में किसी भी प्रकार की देरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी
डॉ. हिमांशु अग्रवाल ने अधिकारियों को स्पष्ट रूप से यह चेतावनी दी है कि धान की खरीद प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की देरी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और जो अधिकारी लापरवाही करेंगे, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि मंडियों में धान की उचित और प्रभावी उठाईगीरी सुनिश्चित करनी चाहिए, ताकि किसानों को किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े।
उपायुक्त ने कहा कि संबंधित एसडीएम को निर्देश दिया गया है कि वे मंडियों में धान की खरीद की प्रक्रिया पर करीबी नजर रखें, ताकि किसानों को किसी भी प्रकार की समस्या न हो। उन्होंने पंजाब सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए कहा कि राज्य सरकार किसानों की हर एक फसल को खरीदने के लिए प्रतिबद्ध है और जिला प्रशासन किसी भी प्रकार की कमी को नहीं होने देगा।
मोरिंडा में किसानों द्वारा कटा हुआ धान वापसी की मांग
वहीं, दूसरी ओर मोरिंडा में, संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा लगाए गए कटों के खिलाफ किसानों ने एसडीएम मोरिंडा सुखपाल सिंह को स्व-घोषणा पत्र सौंपे। मोर्चा के वरिष्ठ नेताओं परविंदर सिंह चलाकी और गुरचरण सिंह ढोलान माजरा ने आरोप लगाया कि कुछ आढ़तियों ने मंडी में किसानों के धान पर कट लगाए हैं। इस संदर्भ में उन किसानों द्वारा स्व-घोषणा पत्र सौंपे गए जिनके धान पर कट लगाए गए थे।
उन्होंने बताया कि धान पर लगाए गए कटों की जानकारी देते हुए हर्पाल सिंह (पुत्र तेजा सिंह), हर्पाल सिंह (पुत्र कर्नैल सिंह), और वरिंदर सिंह (पुत्र मेहर सिंह) ने एसडीएम को शिकायतें दी थीं। संयुक्त किसान मोर्चा ने यह भी स्पष्ट किया कि वे तब तक संघर्ष जारी रखेंगे जब तक किसानों के खाते में कटे हुए पैसे वापस नहीं कर दिए जाते।
एसडीएम मोरिंडा ने किसानों को आश्वासन दिया
एसडीएम मोरिंडा ने किसान नेताओं को आश्वासन दिया कि वह संबंधित आढ़तियों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे। उन्होंने कहा कि जो भी आढ़ती किसानों के साथ अनुचित व्यवहार करेंगे, उनके खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे।
इस अवसर पर किसान नेता जसविंदर सिंह कैनौर, भूपिंदर सिंह मुंडिया, जरनैल सिंह सराना, अवतार सिंह सेहरी, राजिंदर सिंह राजा, रखा सिंह डुमाना, तरलोचन सिंह ताजपुरा, और बलजीत सिंह ढोलान माजरा उपस्थित थे।
धान खरीद की व्यवस्था पर प्रशासन की निगरानी
पंजाब सरकार और जिला प्रशासन ने धान की खरीद प्रक्रिया को सही तरीके से चलाने के लिए कई कदम उठाए हैं। इसके तहत किसानों को मंडियों में अपनी उपज बेचने में किसी प्रकार की परेशानी न हो, इस पर प्रशासन की नजर बनी हुई है।
ध्यान देने वाली बात यह है कि जलंधर जिले में पिछले कुछ वर्षों में धान की खरीद में कई समस्याएं आई थीं, लेकिन इस बार प्रशासन ने पहले से तैयारी करके किसानों की समस्याओं को निपटाने के लिए प्रभावी कदम उठाए हैं।
किसानों को भुगतान में किसी प्रकार की देरी नहीं होगी
जिला उपायुक्त ने यह भी कहा कि सरकार ने तय किया है कि किसानों को भुगतान में कोई देरी नहीं होगी। उनके द्वारा की गई खरीद की पूरी राशि जल्द से जल्द उनके खाते में जमा कर दी जाएगी। इस कदम से किसानों में सरकार के प्रति विश्वास और बढ़ेगा और उन्हें महसूस होगा कि उनकी मेहनत का सही मूल्य मिल रहा है।
कृषि संबंधी योजनाओं का विस्तार
पंजाब सरकार के कृषि विभाग ने राज्य में किसानों के कल्याण के लिए कई योजनाओं का विस्तार किया है। इसके तहत किसानों को सस्ती दरों पर उर्वरक, बीज और कृषि यंत्र उपलब्ध कराए जा रहे हैं। इसके साथ-साथ सरकार ने किसानों को कर्ज माफी की योजना और अन्य वित्तीय सहायता प्रदान की है ताकि वे अपनी कृषि गतिविधियों को बेहतर तरीके से चला सकें।
जलंधर में धान खरीद का पूरा भुगतान करने और किसानों को कोई कठिनाई न हो, यह सुनिश्चित करने के लिए जिला प्रशासन पूरी तरह से सक्रिय है। इससे न केवल किसानों का विश्वास बढ़ेगा, बल्कि धान खरीद की प्रक्रिया भी सुचारु रूप से चल सकेगी। इसके साथ ही किसानों के लिए सहायक योजनाओं का क्रियान्वयन और उन्हें सही समय पर लाभ मिलना सुनिश्चित होगा।
पंजाब सरकार की कोशिश है कि किसानों की मेहनत का सही मूल्य मिले और उनकी परेशानियों का समाधान हो। जलंधर में चल रही यह प्रक्रिया एक अच्छा उदाहरण बन सकती है, जो राज्य के अन्य हिस्सों में भी धान खरीद और किसानों के कल्याण की प्रक्रिया को सुधारने में मददगार साबित हो सकती है।