Delhi News: बेटे ने मां को कनाडा जाने से मना किया तो गुस्से में आकर चाकू से मारा, सनसनीखेज हत्या
Delhi News: दिल्ली के बादलपुर थाना क्षेत्र के मोल्डाबंद गांव में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहां एक बेटे ने अपनी मां की सिर्फ इसलिए हत्या कर दी क्योंकि उसने उसे कनाडा जाने की अनुमति नहीं दी। यह घटना 6 नवंबर को हुई, जब गुस्से में आकर बेटे कृष्णकांत ने अपनी मां गीता को चाकू से गोद कर हत्या कर दी। पुलिस ने मामले की सूचना मिलने के बाद तुरंत कार्रवाई की और आरोपी कृष्णकांत को गिरफ्तार कर लिया।
क्या था पूरा मामला?
मोल्डाबंद गांव में रहने वाले कृष्णकांत ने अपनी मां गीता से कनाडा जाने की अनुमति मांगी थी। गीता ने उसे कनाडा जाने की अनुमति देने से मना कर दिया और कहा कि पहले उसकी शादी होनी चाहिए। लेकिन कृष्णकांत को अपनी मां का यह जवाब बेहद गुस्सा दिलाने वाला लगा। वह मां से इस बात को लेकर झगड़ने लगा, और धीरे-धीरे यह विवाद इतना बढ़ गया कि उसने गुस्से में आकर अपनी मां पर चाकू से हमला कर दिया।
यह घटना एक छोटी सी बात से शुरू हुई थी, लेकिन गुस्से में आकर कृष्णकांत ने अपनी मां की हत्या कर दी। हत्या के बाद कृष्णकांत ने अपने पिता सुरजीत को फोन किया और घर बुलाया।
पिता को फोन करके बुलाया, फिर हुआ ये
कृष्णकांत ने हत्या करने के बाद अपने पिता सुरजीत को फोन किया और कहा, “सॉरी पापा! आप ऊपर जाकर खुद देखिए।” सुरजीत ने फोन पर कृष्णकांत की बातों को सुना और घर पहुंचते ही पहले ऊपर की मंजिल पर जाकर देखा। जब सुरजीत ने ऊपर जाकर कमरे में देखा, तो उसका दिल दहल गया। कमरे में गीता का शव खून से सना हुआ पड़ा था और उसके शरीर पर चोटों के निशान थे। सुरजीत ने तुरंत अपनी पत्नी गीता को अपोलो अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
कृष्णकांत की जीवनशैली और परिवार का हाल
सुरजीत सिंह चौधरी एक प्रॉपर्टी डीलर हैं, और उनका एक ऑफिस टंकी रोड, जैतपुर में है। सुरजीत के दो बेटे हैं—कृष्णकांत (31 वर्ष) और साहिल (27 वर्ष)। कृष्णकांत एक ड्रग एडिक्ट है और किसी कामकाजी स्थिति में नहीं था। जबकि साहिल बैंक में काम करता है और उसकी जीवनशैली ठीक थी। दोनों बेटे अब तक अविवाहित थे।
घटना के समय घर में केवल कृष्णकांत और उसकी मां गीता ही मौजूद थे, जबकि पिता सुरजीत अपने ऑफिस में काम कर रहे थे। पुलिस ने मामले की जांच शुरू की और कृष्णकांत को गिरफ्तार कर लिया। इसके साथ ही पुलिस ने घटनास्थल से हत्या में इस्तेमाल किया गया चाकू भी बरामद किया है।
घटनास्थल पर पुलिस की जांच और आरोपी की गिरफ्तारी
घटना के बाद पुलिस ने तुरंत जांच शुरू की। मोल्डाबंद गांव में हुई इस हत्या ने स्थानीय लोगों को हैरान कर दिया, क्योंकि बेटे द्वारा अपनी मां की हत्या करना एक अत्यंत दुर्लभ और भयावह घटना है। पुलिस ने कृष्णकांत से पूछताछ की और हत्या में इस्तेमाल किया गया चाकू बरामद किया। आरोपी ने हत्या का जुर्म कबूल कर लिया है और फिलहाल पुलिस हिरासत में है।
परिवार का दर्द और प्रतिक्रिया
सुरजीत सिंह चौधरी का कहना है कि अगर पुलिस ने पहले उनकी बेटी जैसी समझदारी से मामले को संभाला होता तो शायद इस हादसे को टाला जा सकता था। उन्होंने आरोप लगाया कि कृष्णकांत पहले भी ड्रग्स का आदी था और उसके व्यवहार में हमेशा अस्थिरता रही थी। उनका कहना है कि कृष्णकांत की यह हत्या उसके गुस्से और नशे की वजह से हुई है।
सुरजीत का यह भी कहना था कि उनकी पत्नी गीता हमेशा घर की शांति बनाए रखने की कोशिश करती थीं, लेकिन कृष्णकांत के नशे की आदत और उसके मानसिक हालात ने परिवार की स्थिति को बहुत खराब कर दिया था। वह दुखी हैं कि अब उनकी पत्नी उनके साथ नहीं रही और उन्होंने अपनी बेटी के बारे में भी चिंता जताई जो अभी भी इस कष्टपूर्ण घटना से आहत है।
मां-बेटे के रिश्ते में तनाव और नशे का प्रभाव
यह घटना हमें यह सोचने पर मजबूर करती है कि नशे के प्रभाव और मानसिक तनाव के चलते रिश्तों में क्या गहरी दरारें पैदा हो सकती हैं। कृष्णकांत के ड्रग्स के आदी होने के कारण उसके व्यवहार में लगातार बदलाव आए थे। उसके लिए अपनी मां के साथ इस तरह की छोटी सी बात को लेकर झगड़ना और फिर उसे जान से मार देना कोई नया नहीं था, बल्कि यह उसकी नशे की आदत और गुस्से का नतीजा था।
मां-बेटे के रिश्ते में तनाव और मानसिक स्थिति का बिगड़ना एक गंभीर समस्या बन सकता है। ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए समाज में नशे के खिलाफ जागरूकता और परिवारों में मानसिक स्वास्थ्य पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है।
पुलिस और समाज की जिम्मेदारी
यह घटना यह सवाल खड़ा करती है कि समाज और पुलिस प्रशासन को परिवारों में तनाव और मानसिक स्वास्थ्य के मामलों को लेकर कितनी तत्परता से कार्य करना चाहिए। नशे की लत और मानसिक तनाव पर नियंत्रण पाने के लिए कड़े कदम उठाने की आवश्यकता है।
हमें समझना चाहिए कि किसी भी मानसिक तनाव से जूझ रहे व्यक्ति को सहारे की जरूरत होती है, और परिवार का समर्थन और सही दिशा में मार्गदर्शन ही उसे इस कठिन समय से बाहर निकाल सकता है।
कृष्णकांत द्वारा अपनी मां गीता की हत्या ने हमें यह समझने का मौका दिया है कि परिवारों में तनाव, नशे की लत और मानसिक स्वास्थ्य की समस्याओं का सामना करने के लिए सभी को मिलकर काम करने की जरूरत है। यह घटना इस बात का सबूत है कि अगर समय रहते कोई उपाय नहीं किए जाते तो रिश्तों में गहरे फासले पैदा हो सकते हैं, जिनका परिणाम दुखद हो सकता है।