Punjab: चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर और उनके परिवार की कार में आग लगने से मौत
Punjab: चंडीगढ़-अंबाला हाईवे पर 3 नवंबर की रात को एक दिल दहला देने वाला हादसा हुआ, जिसमें चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर डॉ. संदीप नासियार और उनके दो बेटियों की जान चली गई। कार में अचानक आग लग गई, जिससे परिवार के सभी सदस्य उसमें फंस गए। इस हादसे में डॉ. संदीप, उनकी छह वर्षीय बेटी परी और दस वर्षीय बेटी खुशी की जलने से मौत हो गई। अब इस हादसे में डॉ. संदीप की पत्नी लक्ष्मी की भी इलाज के दौरान मौत हो गई।
आग ने पूरी कार को घेर लिया, परिवार फंसा
हादसा चंडीगढ़-अंबाला हाईवे पर शाहबाद के पास हुआ। डॉ. संदीप नासियार अपनी पत्नी लक्ष्मी, दो बेटियों, और अन्य परिवार के सदस्यों के साथ दिवाली मनाकर चंडीगढ़ लौट रहे थे, जब अचानक उनकी कार में आग लग गई। कार में सवार डॉ. संदीप, उनकी दोनों बेटियां, और अन्य सदस्य इस भयंकर आग में फंस गए।
प्रारंभिक रिपोर्टों के अनुसार, हादसा उस समय हुआ जब कार में अचानक धुआं उठने लगा, और देखते ही देखते आग फैल गई। डॉ. संदीप के भाई सुषील, जो ड्राइवर की सीट के पास बैठे थे, ने तुरंत कार को रुकवाने की कोशिश की और दरवाजे खोलने की कोशिश की, लेकिन आग इतनी विकराल हो गई थी कि जब तक दरवाजे खुले, तब तक डॉ. संदीप और उनकी बेटियां पूरी तरह से जल चुके थे।
पत्नी लक्ष्मी की इलाज के दौरान मौत
इस दुखद हादसे में डॉ. संदीप की पत्नी लक्ष्मी और मां सुधेश गंभीर रूप से घायल हो गईं। हादसे के बाद उन्हें पीजीआई (PGI) में भर्ती कराया गया, जहां इलाज के दौरान रविवार को लक्ष्मी की भी मौत हो गई। लक्ष्मी की मौत के बाद, डॉ. संदीप और उनकी बेटियों के लिए रविवार को आयोजित प्रार्थना सभा को रद्द कर दिया गया।
परिवार का दुःख और शोक व्यक्त करते हुए चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी ने दी श्रद्धांजलि
डॉ. संदीप नासियार चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी में सिविल इंजीनियरिंग के प्रोफेसर थे और हाल ही में उन्होंने अपनी पीएचडी पूरी की थी। वह विश्वविद्यालय के चांसलर और राज्यसभा सांसद सतनाम सिंह संधू के करीबी थे, जिन्होंने इस दर्दनाक घटना पर गहरा शोक व्यक्त किया।
डॉ. संदीप ने अपनी पीएचडी केवल दो सप्ताह पहले ही पूरी की थी और उनकी मृत्यु ने चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी के शैक्षिक परिवार को गहरे शोक में डुबो दिया है। विश्वविद्यालय की ओर से एक शोक संदेश जारी किया गया, जिसमें डॉ. संदीप के योगदान को सराहा गया और उनके परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की गई।
हादसे के बाद, परिवार के अन्य सदस्य कैसे बचे
हादसे से पहले, डॉ. संदीप और उनका परिवार दिवाली मनाने के लिए अपने पैतृक गांव सोनीपत गए थे। लौटते समय, डॉ. संदीप खुद गाड़ी चला रहे थे, जबकि उनके भाई सुषील उनके पास बैठे थे। गाड़ी में डॉ. संदीप की पत्नी और दस वर्षीय बेटा भी मौजूद थे।
जैसे ही कार में धुआं उठने लगा और आग ने पूरी कार को घेर लिया, डॉ. संदीप की बेटियां खुशी और परी पीछे की सीट पर बैठी हुई थीं, जहां से वे बाहर नहीं निकल पाईं। डॉ. संदीप और उनकी बेटियां कार में ही जल गए। लेकिन डॉ. संदीप के भाई सुषील और उनकी पत्नी, साथ ही उनका बेटा, किसी तरह से सुरक्षित बच गए। वे सभी गंभीर रूप से घायल हुए थे, लेकिन डॉक्टरों की कोशिशों से उनकी जान बच गई।
कार की आग ने पूरे परिवार को झकझोर दिया
इस हादसे ने न केवल चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी के शैक्षिक समुदाय को झकझोर दिया, बल्कि पूरे पंजाब और हरियाणा में इस दुर्घटना के कारण शोक की लहर दौड़ गई। इस हादसे ने यह भी स्पष्ट किया कि सड़क सुरक्षा और कारों में सुरक्षा उपकरणों की जरूरत कितनी महत्वपूर्ण है, ताकि भविष्य में इस तरह के हादसों को टाला जा सके।
आगे की कार्रवाई और सुरक्षा उपाय
पुलिस ने हादसे की जांच शुरू कर दी है और कार में आग लगने के कारणों का पता लगाने की कोशिश की जा रही है। इस घटना ने यह सवाल खड़ा किया है कि क्या कार में आग लगने की सुरक्षा उपायों को बेहतर किया जा सकता है। हादसे के समय भीषण धुआं और आग के कारण लोगों का बाहर निकलना कठिन हो गया था, जिससे घायलों को बचाने में समय लग गया।
स्थानीय प्रशासन और अधिकारियों ने इस हादसे के बाद कारों में आग लगने से संबंधित सुरक्षा मानकों की समीक्षा करने का वादा किया है। सरकार और सड़क सुरक्षा विभाग से यह उम्मीद जताई जा रही है कि वे इस घटना के बाद बेहतर सुरक्षा उपायों को लागू करेंगे, ताकि भविष्य में ऐसे हादसों को टाला जा सके।
शोक संतप्त परिवार के लिए मदद की अपील
इस त्रासदी के बाद, डॉ. संदीप नासियार के परिवार के लिए समाज और विभिन्न संगठनों की ओर से सहायता और समर्थन की अपील की जा रही है। उनकी पत्नी लक्ष्मी की इलाज के दौरान मौत ने इस घटना को और भी दुखद बना दिया है। अब डॉ. संदीप के परिवार को सहारे और मदद की आवश्यकता है, ताकि वे इस कठिन समय से उबर सकें।