Amritsar एयरपोर्ट पर कम प्रशिक्षित पायलटों के कारण विमान उतारने में परेशानी, कई फ्लाइट्स डायवर्ट
Amritsar के श्री गुरु रामदास अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर CAT III की सुविधा उपलब्ध है, जिसके माध्यम से घने कोहरे के बावजूद विमान आसानी से उतर सकते हैं। लेकिन कम प्रशिक्षित पायलटों के कारण यह सुविधा प्रभावी नहीं हो पा रही है, जिसके परिणामस्वरूप शनिवार को दुबई से आने वाली स्पाइस जेट की फ्लाइट और रविवार को दो अन्य विमान दिल्ली की ओर डायवर्ट हो गए। इस कारण अमृतसर में लैंड करने वाले यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा।
दुर्लभ दृश्यता के कारण फ्लाइट्स डायवर्ट हुईं
रविवार को, पहले पुणे से अमृतसर आ रही इंडिगो की फ्लाइट और फिर दुबई से आ रही स्पाइस जेट की फ्लाइट को कम दृश्यता के कारण दिल्ली की ओर डायवर्ट किया गया। इसने यात्रियों को काफी परेशानी में डाल दिया। इंडिगो की फ्लाइट 6E-721 जो पुणे से 5:20 बजे सुबह अमृतसर लैंड होने वाली थी, उसे यहां धुंध के कारण अमृतसर में लैंड करने में समस्या आई और उसे दिल्ली डायवर्ट कर दिया गया। इसके बाद स्पाइस जेट की फ्लाइट SG-56, जो दुबई से सुबह 7:40 बजे आ रही थी, उसे भी दिल्ली डायवर्ट किया गया। इस फ्लाइट को करीब सात घंटे बाद 3:30 बजे अमृतसर वापस लाया गया।
कतर एयरलाइंस की फ्लाइट QR-548 जो सुबह 9:30 बजे अमृतसर पहुंचने वाली थी, वह भी देर से 4:10 बजे लैंड हुई। इसके अलावा जम्मू में घने कोहरे के कारण मुंबई से आने वाली फ्लाइट को भी अमृतसर लैंड कराना पड़ा।
CAT III सुविधा के बावजूद समस्या का समाधान नहीं
अमृतसर एयरपोर्ट के निदेशक संदीप अग्रवाल ने बताया कि हवाई अड्डे पर CAT III सिस्टम मौजूद है, जो शून्य दृश्यता तक भी विमानों को सुरक्षित लैंड कराने की क्षमता रखता है। उन्होंने कहा कि यह प्रणाली ठीक तरीके से काम कर रही है, लेकिन विमानन कंपनियां अपने पायलटों को घने कोहरे या धुंध में सुरक्षित लैंडिंग के लिए प्रशिक्षित नहीं करतीं।
एयरलाइंस कंपनियां इस प्रशिक्षण पर खर्च बचाने के लिए पायलटों को ऐसे प्रशिक्षण से मुक्त रखती हैं। इसके कारण, जब धुंध या कोहरा ज्यादा होता है, तो विमानन कंपनियां यात्रियों की सुरक्षा को जोखिम में डालकर विमानों को डायवर्ट कर देती हैं।
पायलटों के प्रशिक्षण का अभाव
संदीप अग्रवाल ने कहा कि हालांकि पंजाब में अभी इतनी अधिक धुंध नहीं है, लेकिन भविष्य में यह समस्या बढ़ने की संभावना है। यदि विमानन कंपनियां अपने पायलटों को इस तरह के विशेष प्रशिक्षण प्रदान नहीं करतीं, तो यात्रियों को लगातार परेशानियों का सामना करना पड़ेगा।
उन्होंने बताया कि भारतीय हवाई अड्डों पर CAT III जैसी सुविधाएं मौजूद हैं, लेकिन प्रशिक्षण की कमी और सुरक्षा के लिए कंपनियों द्वारा किये गए कटौतियों के कारण यह सुविधाएं पूरी तरह से उपयोग में नहीं लाई जा रही हैं।
पंजाब और हिमाचल में घना कोहरा, यातायात पर असर
रविवार को पंजाब में धुंध के कारण दृश्यता 200 मीटर से भी कम हो गई थी। इससे न केवल हवाई यातायात बल्कि सड़क यातायात भी प्रभावित हुआ। मौसम विभाग के अनुसार, सोमवार को भी पंजाब में घना से बहुत घना कोहरा रहेगा, जिससे दृश्यता में और कमी आएगी। मौसम साफ होने में कुछ समय लगेगा।
हिमाचल प्रदेश में भी रविवार को गग्गल और भुंतर एयरपोर्ट्स पर भी कोई विमान नहीं पहुंच पाया क्योंकि वहां भी कोहरा था। इसके साथ ही रोहतांग, शिंकुला और बरलाचा पास सहित अन्य पहाड़ी क्षेत्रों में बर्फबारी भी शुरू हो चुकी है, जो आगामी दिनों में और बढ़ने की संभावना है।
यात्रियों को परेशानियों का सामना
अमृतसर एयरपोर्ट पर विमान न उतरने के कारण यात्रियों को बहुत परेशानी का सामना करना पड़ा। जो यात्री सुबह के समय अमृतसर पहुंचने की उम्मीद कर रहे थे, उन्हें दिल्ली में अतिरिक्त समय बिताना पड़ा और फिर बाद में अपनी यात्रा को अमृतसर के लिए जारी रखना पड़ा। इस कारण न केवल यात्रियों का समय बर्बाद हुआ बल्कि उन्हें मानसिक और शारीरिक थकान भी हुई।
विशेषज्ञों का कहना है कि अगर एयरलाइंस कंपनियां अपने पायलटों को ऐसे विशेष प्रशिक्षण देतीं, तो ऐसी स्थिति से बचा जा सकता था। CAT III जैसी अत्याधुनिक तकनीकी सुविधाओं का सही तरीके से इस्तेमाल करना आवश्यक है, ताकि धुंध या कोहरे के बावजूद विमान सुरक्षित तरीके से उतर सकें।
मौसम में सुधार की उम्मीद
हालांकि, मौसम विभाग के अनुसार सोमवार को भी धुंध की स्थिति बनी रहेगी, लेकिन उसके बाद मौसम साफ होने की उम्मीद है। अगर कंपनियां अपने पायलटों को आवश्यक प्रशिक्षण देतीं और टेक्नोलॉजी का सही इस्तेमाल किया जाता, तो आने वाले दिनों में यात्रियों को इस प्रकार की समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ेगा।
अमृतसर एयरपोर्ट पर उपलब्ध CAT III जैसी सुविधाएं उच्चतम स्तर की तकनीकी प्रगति का प्रमाण हैं, लेकिन इनका सही उपयोग तभी संभव है जब पायलटों को उचित प्रशिक्षण प्राप्त हो। यदि विमानन कंपनियां इस दिशा में कदम उठाती हैं और पायलटों को उपयुक्त प्रशिक्षण देती हैं, तो आने वाले समय में ऐसी समस्याओं का समाधान हो सकता है। इसके साथ ही यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा भी सुनिश्चित की जा सकती है।