Kangana Ranaut slap case: CISF महिला कांस्टेबल कुलविंदर कौर के भाई का बड़ा बयान, कहा- अब निर्णय का इंतजार
Kangana Ranaut slap case: चंडीगढ़ एयरपोर्ट पर बीजेपी सांसद और अभिनेत्री कंगना रनौत से हुए थप्पड़ विवाद में एक नया मोड़ आया है। इस मामले में सीआईएसएफ महिला जवान कुलविंदर कौर के भाई ने बड़ा बयान दिया है और वीडियो जारी किया है। शेर सिंह महिवाल, जो कुलविंदर कौर के भाई हैं, ने कहा कि इस मामले की जांच पूरी हो चुकी है और अब केवल फैसले का इंतजार किया जा रहा है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इस मामले में किसी भी प्रकार का पक्षपाती निर्णय नहीं होना चाहिए, दोनों पक्षों को सजा मिलनी चाहिए।
क्या था पूरा मामला?
6 जून को कंगना रनौत को चंडीगढ़ इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर सिक्योरिटी चेक के दौरान महिला सुरक्षा कर्मी कुलविंदर कौर ने थप्पड़ मारा था। यह घटना तब हुई जब कुलविंदर कौर ने कंगना के किसानों के आंदोलन पर दिए गए बयानों को लेकर सवाल उठाया था। कंगना, जो हिमाचल प्रदेश के मंडी संसदीय क्षेत्र से बीजेपी की सांसद हैं, दिल्ली में बीजेपी की बैठक में भाग लेने के लिए चंडीगढ़ एयरपोर्ट से यात्रा कर रही थीं। वह विस्तारा एयरलाइन्स की फ्लाइट नंबर UK-707 से दिल्ली जाने वाली थीं।
सुरक्षा जांच के दौरान क्या हुआ?
एयरपोर्ट पर सिक्योरिटी चेक चल रहा था। इस दौरान सीआईएसएफ की महिला सुरक्षा कर्मी कुलविंदर कौर ने कंगना से सवाल किया, “मैम, आपने बीजेपी से चुनाव जीता है, तो आपकी पार्टी किसानों के लिए कुछ क्यों नहीं कर रही?” कुलविंदर ने कंगना के किसानों के आंदोलन पर दिए गए बयानों पर भी सवाल उठाया। इस पर कंगना और कुलविंदर के बीच बहस शुरू हो गई। आरोप है कि इसी दौरान महिला सुरक्षा कर्मी ने कंगना को थप्पड़ मार दिया।
कुलविंदर कौर ने क्या कहा था?
कंगना को थप्पड़ मारने के बाद, सीआईएसएफ महिला कांस्टेबल कुलविंदर कौर ने कहा था कि वह किसानों के आंदोलन के बारे में कंगना के बयान से नाराज थीं। कुलविंदर ने शुक्रवार को एक नोट जारी करते हुए कहा, “मैं अपनी नौकरी खोने से नहीं डरती। मैं अपनी मां की इज्जत के लिए हजारों ऐसी नौकरियां खोने को तैयार हूं।” यह बयान कुलविंदर की निंदा और उनके साहस को दिखाता है, क्योंकि उन्होंने अपने विचारों और भावनाओं के आधार पर यह कदम उठाया।
कुलविंदर कौर के भाई का बयान
कुलविंदर कौर के भाई शेर सिंह महिवाल ने इस मामले में एक वीडियो जारी किया है। उन्होंने कहा कि अब तक इस मामले की जांच पूरी हो चुकी है और फैसला आना बाकी है। शेर सिंह ने साफ तौर पर यह कहा कि किसी भी पक्ष से पक्षपाती निर्णय नहीं लिया जाना चाहिए। उनका कहना था कि दोनों पक्षों को न्याय मिलना चाहिए और इस मामले में उचित कार्रवाई होनी चाहिए।
कंगना की प्रतिक्रिया
कंगना रनौत ने इस घटना के बाद कई बार मीडिया से बात की थी। उन्होंने इस मामले को लेकर सोशल मीडिया पर भी अपनी प्रतिक्रिया दी थी। कंगना का कहना था कि यह घटना उनके लिए चौंकाने वाली थी, लेकिन उन्होंने इसे अपनी स्थिति को सही साबित करने का एक तरीका भी बताया। कंगना ने यह भी कहा था कि वह इस घटना के बावजूद किसानों के आंदोलन के बारे में अपने विचारों से पीछे नहीं हटेंगी।
मामले में आगे की कानूनी प्रक्रिया
कंगना रनौत और कुलविंदर कौर के बीच हुई इस विवादास्पद घटना को लेकर अब तक कोई स्पष्ट कानूनी कार्रवाई नहीं की गई है। हालांकि, मामले की जांच पूरी हो चुकी है और अब यह केवल अदालत के निर्णय पर निर्भर करता है। इस मामले में फैसला आने के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो पाएगी कि इस घटना का कानूनी परिणाम क्या होगा।
प्रदर्शन और विचार
यह मामला एक ऐसी घटना को उजागर करता है, जिसमें सार्वजनिक व्यक्तित्व और सरकारी अधिकारी के बीच की व्यक्तिगत भावनाओं और विचारों के टकराव की स्थिति देखी जा रही है। कुलविंदर कौर ने अपनी नाराजगी और व्यक्तिगत विचारों को सामने रखते हुए कंगना रनौत पर थप्पड़ मारा, लेकिन क्या यह कदम सही था या नहीं, यह अब कानून के अधीन है। इस घटना से यह भी सवाल उठता है कि क्या किसी सार्वजनिक व्यक्तित्व के लिए उनके बयान के कारण सुरक्षा कर्मियों को अपने व्यक्तिगत विचारों को इस तरह से व्यक्त करने का अधिकार होना चाहिए।
निर्णय का इंतजार
अब सभी की नजरें अदालत के फैसले पर हैं। कुलविंदर कौर के भाई शेर सिंह महिवाल ने कहा है कि वे फैसले का इंतजार कर रहे हैं, और यह फैसला दोनों पक्षों के लिए उचित होना चाहिए। इस मामले में अब तक जो बयान और प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं, वे यह दर्शाती हैं कि यह मामला केवल व्यक्तिगत मतभेदों से ज्यादा कुछ है। यह मामला सरकार, सुरक्षा कर्मियों और सार्वजनिक व्यक्तित्व के बीच के रिश्तों और जिम्मेदारियों पर भी सवाल उठाता है।
कंगना रनौत और सीआईएसएफ महिला कांस्टेबल कुलविंदर कौर के बीच चंडीगढ़ एयरपोर्ट पर हुई घटना अब एक कानूनी विवाद का रूप ले चुकी है। मामले की जांच पूरी हो चुकी है और अब अदालत का निर्णय इस पर अंतिम रूप से स्थिति स्पष्ट करेगा। इस घटना से यह भी स्पष्ट होता है कि किसी भी विवाद का हल कानूनी तरीके से ही निकाला जाना चाहिए, और किसी भी व्यक्ति को अपनी भावनाओं या विचारों को इस प्रकार से नहीं व्यक्त करना चाहिए, जो दूसरों के अधिकारों या सम्मान को नुकसान पहुंचाता हो।