Punjab: चरणजीत सिंह चन्नी का विवादित बयान, महिलाओं पर टिप्पणी के बाद माफी मांगी, महिला आयोग ने भेजा नोटिस
Punjab: पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री और सांसद चरणजीत सिंह चन्नी ने गिद्दरबाहा में महिलाओं के खिलाफ दी गई विवादित टिप्पणी पर माफी मांग ली है। चन्नी ने कहा कि “मैंने एक मजाक किया था, मेरा मकसद महिलाओं के खिलाफ कोई टिप्पणी करने का नहीं था। मैं महिलाओं का बहुत सम्मान करता हूं और आज जो भी मैं हूं, उसमें महिलाओं का भी बहुत योगदान है। महिलाएं मुझे बड़ी संख्या में वोट देती हैं।”
चन्नी का कहना था कि वह राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष से यह भी कहना चाहते हैं कि पहले भी चुनावों के दौरान उन्हें नोटिस भेजा गया था और अब फिर से चुनावों के दौरान यह नोटिस जारी किया गया है। उन्होंने कहा कि यदि उनके मजाक से किसी महिला को चोट पहुंची हो तो वह सभी से माफी मांगते हैं।
महिलाओं के खिलाफ बयान का विवाद
चन्नी का यह बयान उस समय सामने आया जब वह रविवार को गिद्दरबाहा में कांग्रेस उम्मीदवार अमृता वडिंग के पक्ष में एक सार्वजनिक बैठक को संबोधित कर रहे थे। चन्नी ने सभा के दौरान एक कहानी सुनाते हुए महिलाओं पर विवादित टिप्पणी की, जिसके बाद यह मामला सोशल मीडिया पर वायरल हो गया और राज्य महिला आयोग ने इस पर संज्ञान लिया।
महिला आयोग ने इस बयान को गंभीरता से लिया और पंजाब के डीजीपी को पत्र भेजकर मामले में कार्रवाई की मांग की। इसके साथ ही आयोग ने चन्नी को मोहाली स्थित अपने कार्यालय में मंगलवार को पेश होने और स्पष्टीकरण देने के लिए नोटिस भी भेजा।
चन्नी के पुराने विवाद
चन्नी का विवादों से पुराना नाता रहा है। इस साल लोकसभा चुनाव के दौरान भी वह जालंधर में शिरोमणि अकाली दल की नेता बीबी जगिर कौर के गाल पर हाथ लगाने को लेकर विवादों में फंस गए थे। उस समय भी मामला राज्य महिला आयोग तक पहुंचा था, लेकिन बाद में इसे सुलझा लिया गया। इसके अलावा, मुख्यमंत्री पद पर रहते हुए चन्नी पर एक महिला आईएएस अधिकारी को गलत संदेश भेजने का आरोप भी लगा था।
चन्नी का यह बयान केवल महिलाओं को लेकर नहीं बल्कि चुनावी माहौल को लेकर भी चर्चा में आया। विपक्षी पार्टी पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने जातीय और धार्मिक भाईचारे का उदाहरण देते हुए एक बार फिर से विवादित बयान दिया, जिससे चुनावी माहौल और भी गर्मा गया।
महिला आयोग का पत्र और कार्रवाई की मांग
महिला आयोग ने इस बयान के बाद पंजाब पुलिस के प्रमुख डीजीपी को पत्र लिखा है, जिसमें मामले में कार्रवाई की मांग की गई है। आयोग का कहना है कि इस तरह के बयान से न केवल महिलाओं की भावनाओं को ठेस पहुंचती है, बल्कि समाज में महिलाओं के प्रति नकारात्मक मानसिकता को बढ़ावा मिलता है।
राज्य महिला आयोग ने चन्नी को तलब कर दिया है और उन्हें अपनी टिप्पणी का स्पष्टिकरण देने के लिए कहा है। इस तरह के कदम से यह स्पष्ट है कि आयोग महिला सम्मान और सुरक्षा को लेकर गंभीर है और ऐसे विवादों में तुरंत कार्रवाई करता है।
कांग्रेस पार्टी पर आरोप
चन्नी के बयान के बाद कांग्रेस पार्टी की आलोचना भी हो रही है। श्री आनंदपुर साहिब के सांसद मलविंदर सिंह कांग ने इस बयान की आलोचना करते हुए कहा कि चन्नी का यह मानसिकता पूरी कांग्रेस पार्टी की मानसिकता को दर्शाता है। उनका कहना था कि कांग्रेस पार्टी महिलाओं के सम्मान को लेकर गंभीर नहीं है और उनके नेता इस तरह के विवादों में उलझे रहते हैं।
गिद्दरबाहा से आम आदमी पार्टी (AAP) के उम्मीदवार हारदीप सिंह डिंपी ढिल्लों ने भी चन्नी के बयान की निंदा करते हुए कहा कि कांग्रेस ने एक महिला को उम्मीदवार बनाया है, लेकिन उनके नेता उसी महिला के पास खड़े होकर ऐसी आपत्तिजनक टिप्पणी करते हैं, जो कि निंदनीय है। यह कांग्रेस पार्टी की असंवेदनशीलता को दर्शाता है और यह महिलाओं के प्रति उनके नेतृत्व की सोच को भी सामने लाता है।
महिला आयोग का कार्य और समाज में प्रभाव
राज्य महिला आयोग ने जिस प्रकार से इस मामले पर तत्परता से कार्रवाई की है, वह समाज में महिलाओं के अधिकारों के प्रति एक सकारात्मक संदेश भेजता है। महिला आयोग का कार्य न केवल महिलाओं की सुरक्षा और अधिकारों की रक्षा करना है, बल्कि यह सुनिश्चित करना है कि महिलाओं के खिलाफ होने वाले किसी भी प्रकार के भेदभाव और हिंसा को रोकने के लिए सख्त कदम उठाए जाएं।
चन्नी के बयान के बाद महिला आयोग ने यह स्पष्ट कर दिया कि वह इस प्रकार के बयान को बर्दाश्त नहीं करेगा और ऐसे मामलों में कठोर कार्रवाई करेगा। इससे समाज में यह संदेश जाता है कि महिलाओं के प्रति संवेदनशीलता और सम्मान को बनाए रखने की जिम्मेदारी केवल महिला आयोग की नहीं, बल्कि समाज के हर वर्ग की है।
चरणजीत सिंह चन्नी का बयान, चाहे वह मजाक के रूप में दिया गया हो, महिला आयोग और विपक्षी पार्टियों की कड़ी आलोचना का कारण बना है। यह विवाद केवल चन्नी तक सीमित नहीं है, बल्कि यह कांग्रेस पार्टी और समाज में महिलाओं के सम्मान की सोच को लेकर गंभीर सवाल उठाता है।
महिला आयोग द्वारा उठाए गए कदम यह साबित करते हैं कि महिलाओं के अधिकारों और सम्मान के लिए कड़े कदम उठाए जाएंगे और समाज में सकारात्मक बदलाव की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है। चन्नी के लिए यह एक अवसर है कि वह अपनी टिप्पणी के लिए सार्वजनिक रूप से माफी मांगें और भविष्य में इस तरह के विवादों से बचने की कोशिश करें, ताकि महिलाओं का सम्मान बनाए रखा जा सके और समाज में सकारात्मक माहौल बना रहे।