Punjab news: गरीबी से जूझते परिवार को मिली मदद, बच्चे की मासूमियत ने बदल दी जिंदगी
Punjab news: आज के समय में गरीबी और कठिनाइयों के बावजूद जब कोई मासूम बच्चे की आंखों में भविष्य के सपने झलकते हैं, तो वह न सिर्फ अपने परिवार के लिए उम्मीद की किरण बन जाता है, बल्कि समाज के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बनता है। ऐसा ही एक मामला पंजाब के गुरूहरसाहाई के सईदके नो़ल गांव में सामने आया, जहाँ एक छोटे से बच्चे की मासूमियत ने न केवल अपने परिवार की मुश्किलें कम कीं, बल्कि कई लोगों का दिल भी छू लिया। इस बच्ची की मासूमियत ने उसकी स्थिति को बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और समाज से जुड़े कई लोग उसकी मदद के लिए आगे आए।
शिक्षा के साथ-साथ भूख का सामना कर रहा बच्चा
गुरूहरसाहाई के सईदके नो़ल गांव में रहने वाले एक छोटे से बच्चे ने, जो कक्षा 6 में पढ़ाई कर रहा था, अपनी मासूम बातों से न केवल अपने शिक्षक बल्कि समाज को भी प्रभावित किया। शिक्षक लखविंदर सिंह जब उस दिन स्कूल में बच्चे को उदास देखा तो उन्होंने पूछा कि क्या हुआ, तुम इतने गुमसुम क्यों हो? बच्चे ने बिना किसी हिचकिचाहट के जवाब दिया, “घर में आटा नहीं है, इसलिए खाना नहीं बना था, मैं भूखा स्कूल आया हूं।”
इस मासूमियत ने शिक्षक लखविंदर सिंह को भावुक कर दिया। उन्होंने बच्चे की हालत के बारे में और जानकारी जुटाई तो पता चला कि उसके पिता तेजिंदर सिंह की आंखों की रोशनी कुछ समय से खराब हो गई थी, जिसके कारण वह काम पर नहीं जा पा रहे थे। परिवार के पास कोई और आय का स्रोत नहीं था, जिससे वे अपनी रोज़मर्रा की ज़िंदगी को चला सकें। तेजिंदर सिंह का नीला कार्ड भी नहीं बना था, जिसकी वजह से उन्हें सरकारी राशन का लाभ भी नहीं मिल पा रहा था। ऐसे में यह परिवार मुश्किल हालात में जी रहा था। कभी घर में रोटी बनाने के लिए आटा नहीं होता, तो कभी वे भूखे सोते थे।
मासूम बच्चे की वीडियो ने बदल दी स्थिति
गुरूहरसाहाई के सरकारी स्कूल में शिक्षक लखविंदर सिंह ने बच्चे का वीडियो बनाया, जिसमें वह यह बताता हुआ नजर आया कि उसके घर में आटा नहीं है और वह आज भूखा स्कूल आया है। इस वीडियो को सोशल मीडिया पर वायरल किया गया और देखते ही देखते यह वीडियो लोगों के दिलों तक पहुंच गया। वीडियो वायरल होते ही समाज के लोगों ने इस परिवार के लिए मदद का हाथ बढ़ाना शुरू किया।
वीडियो के वायरल होने के बाद शिक्षक लखविंदर सिंह ने बच्चे के घर का दौरा किया और देखा कि परिवार एक छोटे से कमरे में रहता है, जिसमें न तो खिड़की थी और न ही दरवाजा। इस कमरे में परिवार के सदस्य कपड़े की चादर से पर्दा लगाकर रहते थे। घर के अंदर के हालात देख शिक्षक को और भी दुख हुआ कि इस परिवार के पास कोई स्थिर आय का स्रोत नहीं था। बच्चे की मां जो कुछ घरों में काम करती थी, उसी से किसी तरह खाने का प्रबंध होता था।
कांग्रेस नेता और समाजसेवी ने की मदद
वीडियो देखने के बाद कांग्रेस नेता और समाजसेवी रामिंदर अवला ने बच्चे के घर जाने का निर्णय लिया। उन्होंने परिवार के घर पहुंचकर वहाँ के हालात देखे और तुरंत 51,000 रुपये की आर्थिक मदद देने का निर्णय लिया। रामिंदर अवला ने बच्चे के माता-पिता को अपनी बिजली फैक्ट्री में नौकरी भी दी। इसके साथ ही उन्होंने परिवार को हर तरह से मदद करने का भरोसा दिलाया। इस सहायता से परिवार के सदस्य बेहद भावुक हो गए और उन्होंने रामिंदर अवला के प्रति आभार व्यक्त किया।
परिवार की स्थिति में सुधार
रामिंदर अवला की मदद से अब परिवार की स्थिति में सुधार आ चुका है। बच्चों के माता-पिता को रोजगार मिल गया है, और परिवार को अब रोज़ाना की दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ेगा। आर्थिक सहायता के अलावा, समाज से जुड़े अन्य संगठनों ने भी परिवार की मदद के लिए कदम बढ़ाए हैं। इन सभी प्रयासों से अब इस परिवार के जीवन में एक नई उम्मीद जागी है।
समाज का जागरूक होना जरूरी
इस घटना ने यह सिद्ध कर दिया कि समाज में अगर लोग एक-दूसरे की मदद के लिए आगे बढ़ें तो बड़े से बड़े संकट का समाधान संभव हो सकता है। एक छोटे से बच्चे की मासूमियत ने समाज को यह दिखाया कि हमें हमेशा अपनी परिस्थितियों से हार मानने के बजाय, एक-दूसरे की मदद करने की दिशा में कदम बढ़ाने चाहिए। समाज के सक्षम वर्ग का दायित्व है कि वह समाज में उठ रही समस्याओं को समझे और किसी की मदद के लिए आगे आए।
गरीबी और मुसीबतें जीवन का हिस्सा हो सकती हैं, लेकिन अगर इंसान में संघर्ष करने की इच्छाशक्ति हो तो वह किसी भी कठिनाई को पार कर सकता है। सईदके नो़ल गांव के इस बच्चे ने अपनी मासूम बातों से यह साबित कर दिया कि कभी-कभी एक छोटी सी मदद किसी के जीवन को बदल सकती है। समाज से जुड़े लोग जब जरूरतमंदों के लिए कदम उठाते हैं, तो यह एक प्रेरणा बनकर सामने आता है। रामिंदर अवला की मदद ने इस परिवार के जीवन में उजाला लाया, और अब इस परिवार के पास अपने भविष्य के लिए उम्मीद की एक नई रोशनी है।