Punjab news: जलंधर के युवक की अमेरिका में दिल का दौरा पड़ने से मौत, परिवार में मातम
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Punjab news: जलंधर जिले के खल्लेवाल गांव के रहने वाले 34 वर्षीय युवक सुखविंदर सिंह उर्फ सुखा की अमेरिका में दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई। सुखा अमेरिका में पिछले दो साल से रहकर अपने परिवार की जिम्मेदारी निभा रहे थे। उनका अचानक निधन न केवल उनके परिवार, बल्कि पूरे क्षेत्र में शोक की लहर छोड़ गया है। सुखविंदर सिंह का निधन उनके परिवार के लिए एक बड़ा आघात है, क्योंकि वह न केवल अपने परिवार का अकेला कमाने वाला सदस्य थे, बल्कि अपनी दो बहनों के भी इकलौते भाई थे।
सुखा का अचानक दिल का दौरा
सुखविंदर सिंह, जो पिछले दो वर्षों से कैलिफोर्निया में एक ड्राइवर के रूप में काम कर रहे थे, अपने परिवार का पालन-पोषण कर रहे थे। परिवार के अनुसार, सुखा को कल दिल का दौरा पड़ा। उनकी स्थिति इतनी गंभीर हो गई कि उनके दोस्त उन्हें अस्पताल ले गए, लेकिन तब तक उनकी मृत्यु हो चुकी थी। इस दुखद घटना की सूचना उनके परिवार को अमेरिका से मिली। परिवार के लोग यह सुनकर स्तब्ध रह गए और उन्हें विश्वास ही नहीं हो रहा था कि उनका इकलौता सहारा अब इस दुनिया में नहीं रहा।
सुखा का परिवार और स्थिति
सुखविंदर सिंह की मौत के बाद उनका परिवार पूरी तरह से टूट चुका है। सुखा के निधन से उनकी पत्नी और दो बच्चों की जिंदगी में अंधेरा छा गया है। उनकी पत्नी और बच्चे अमेरिका में नहीं हैं और अब उनका एकमात्र सहारा, सुखविंदर, इस दुनिया में नहीं रहा। इसके अलावा, सुखा दो बहनों का इकलौता भाई था, जो इस दुख को सहन नहीं कर पा रही हैं। परिवार का कहना है कि सुखा के बिना घर की स्थिति बहुत कठिन हो गई है, और उन्हें अब अपने जीवन की मुश्किलों का सामना करना होगा।
परिवार ने सरकार से मदद की अपील की
सुखविंदर सिंह के परिवार ने सरकार से अपील की है कि उनके मृत शरीर को जल्दी से भारत लाया जाए ताकि उन्हें अंतिम विदाई दी जा सके। सुखा के परिवार का कहना है कि उनकी आर्थिक स्थिति इस समय बहुत नाजुक है और शव को भारत लाने के लिए उन्हें सरकार से मदद की जरूरत है। परिवार ने आशा जताई है कि सरकार उनकी मदद करेगी और शव को भारत लाने की प्रक्रिया को शीघ्र पूरा किया जाएगा।
परिवार की भावना और आक्रोश
सुखविंदर सिंह के परिवार के सदस्य अब तक इस दुखद घटना को ठीक से स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं। परिवार के सदस्य अपनी पूरी जिंदगी को सुखा के साथ जोड़कर जी रहे थे और अब उनका अचानक निधन उनकी दुनिया को पल भर में उलट-पुलट कर गया है। परिवार के लोग अब सरकार से मदद की उम्मीद लगाए हुए हैं, ताकि सुखा का शव भारत लाया जा सके और उन्हें अंतिम संस्कार की रस्म पूरी की जा सके।
अमेरिका में काम कर रहे भारतीयों की कठिनाइयाँ
सुखविंदर सिंह की मौत ने अमेरिका में काम कर रहे भारतीयों की कठिनाइयों को भी उजागर किया है। वहां काम करने वाले भारतीय अक्सर परिवारों से दूर रहते हैं और अपनी मेहनत से अपने परिवार की देखभाल करते हैं। हालांकि, उन्हें जीवन की कई मुश्किलों का सामना करना पड़ता है, लेकिन सुखा जैसे मामलों में सबसे बड़ी चुनौती उनके निधन के बाद शव को घर भेजने की होती है। यह एक बहुत ही संवेदनशील और दर्दनाक प्रक्रिया है, जिसे भारतीय परिवारों को कष्टसाध्य तरीके से पूरा करना पड़ता है।
सुखा के परिवार के लिए उम्मीद
सुखविंदर सिंह की मौत के बाद, उनका परिवार अब इस उम्मीद के साथ जी रहा है कि सरकार जल्दी से जल्दी उनकी मदद करेगी। सरकार की मदद से वे सुखा का शव भारत ले आ सकेंगे और उन्हें सही तरीके से अंतिम विदाई दे सकेंगे। परिवार ने यह भी आशा जताई है कि भविष्य में ऐसे मामलों में भारतीय सरकार द्वारा मदद के लिए कोई ठोस कदम उठाए जाएंगे, ताकि विदेश में काम कर रहे भारतीयों के परिवारों को ऐसी मुश्किलों का सामना न करना पड़े।
सुखा की यादें और उनका योगदान
सुखविंदर सिंह उर्फ सुखा, जिन्होंने अमेरिका में रहकर अपने परिवार को आर्थिक रूप से सहारा दिया, उन्हें परिवार और समाज में एक ईमानदार और मेहनती व्यक्ति के रूप में याद किया जाएगा। उनके योगदान और मेहनत को लोग हमेशा सराहेंगे। सुखा की मौत ने यह सिद्ध कर दिया कि हर व्यक्ति की मेहनत और संघर्ष अपने परिवार के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है, लेकिन कभी-कभी जीवन का कोई भरोसा नहीं होता और ऐसे दुखद घटनाएँ हमें चौंका देती हैं।
जलंधर के सुखविंदर सिंह का निधन न केवल उनके परिवार, बल्कि पूरे समुदाय के लिए एक बड़ा शोक है। उनका निधन अचानक हुआ, और उनके परिवार को इस दुख का सामना करना पड़ रहा है। सुखा के परिवार ने सरकार से मदद की अपील की है, ताकि उनका शव भारत लाया जा सके और अंतिम संस्कार की प्रक्रिया को सही तरीके से पूरा किया जा सके। इस दुखद घटना ने यह भी जाहिर किया है कि विदेशों में काम करने वाले भारतीयों को कई बार अपनी जान की कीमत पर परिवार की देखभाल करनी पड़ती है।
हम सभी को यह सिखने की जरूरत है कि जीवन कितना अनमोल है और हमें हर पल को महत्व देना चाहिए। इस दुख की घड़ी में हम सब सुखविंदर सिंह के परिवार के साथ खड़े हैं और आशा करते हैं कि वे जल्द ही इस मुश्किल घड़ी से उबर पाएंगे।