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Indian Navy Day: पुरी के ब्लू फ्लैग बीच पर नौसेना की समुद्री ताकत का प्रदर्शन, चेतक विमान और मार्कोस कमांडो ने दिखाया जौहर

Indian Navy Day: भारतीय नौसेना ने नौसेना दिवस के अवसर पर ओडिशा के पुरी स्थित ब्लू फ्लैग बीच पर अपनी समुद्री ताकत का भव्य प्रदर्शन किया। बुधवार को आयोजित इस समारोह में समुद्र और तट पर कुल 3500 से अधिक कर्मियों ने हिस्सा लिया। इस दौरान चेतक लड़ाकू विमान से बमबारी, एडवांस लाइट हेलीकॉप्टर से मार्कोस कमांडो का समुद्र में उतरना और दुश्मन पोस्ट को ध्वस्त करते हुए बंधकों को मुक्त कराने का प्रदर्शन कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण रहा।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को गार्ड ऑफ ऑनर

कार्यक्रम की शुरुआत राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को गार्ड ऑफ ऑनर देने से हुई। नौसेना बैंड की मधुर धुनों के बीच राष्ट्रपति ने परेड का निरीक्षण किया और इसके बाद उन्हें सलामी दी गई। इस अवसर पर भारतीय नौसेना ने 2047 तक के लिए अपना दृष्टि पत्र (विजन डॉक्यूमेंट) भी जारी किया।

Indian Navy Day: पुरी के ब्लू फ्लैग बीच पर नौसेना की समुद्री ताकत का प्रदर्शन, चेतक विमान और मार्कोस कमांडो ने दिखाया जौहर

चेतक विमान ने बिखेरा जलवा

नौसेना दिवस के इस विशेष प्रदर्शन में चेतक विमान द्वारा की गई बमबारी ने लोगों का ध्यान आकर्षित किया। इसके बाद चेतक हेलीकॉप्टर ने आकाश में नौसेना का झंडा फहराया और औपचारिक रूप से कार्यक्रम की शुरुआत की।

मार्कोस कमांडो की वीरता

एडवांस लाइट हेलीकॉप्टर से समुद्र में उतरने वाले मार्कोस कमांडो ने दुश्मन के पोस्ट को ध्वस्त करने और बंधकों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने का साहसिक प्रदर्शन किया। ऑपरेशन पूरा करने के बाद कमांडो रस्सी की मदद से हेलीकॉप्टर में वापस सवार हुए। इसके बाद हवाई, मार्कोस, उभयचर, डेमो, पनडुब्बी सेल पास्ट, हवाई और सतही फायरिंग का प्रदर्शन भी किया गया।

90 हजार टन वजनी इकाइयों ने दिखाया दमखम

नौसेना के कैप्टन विवेक मधवाल ने बताया कि इस प्रदर्शन में 90 हजार टन वजनी इकाइयों ने हिस्सा लिया। ये इकाइयां सतह या हवा से आने वाले किसी भी खतरे को 300 किलोमीटर के दायरे में नष्ट करने में सक्षम हैं।

दूसरी बार नौसेना दिवस समुद्री तट पर मनाया गया

यह दूसरी बार है जब नौसेना दिवस को किसी बड़े नौसेना स्टेशन के अलावा किसी अन्य समुद्री तट पर मनाया गया। पिछले साल नौसेना दिवस पर पश्चिमी तट पर स्थित सिंधुदुर्ग किले पर नौसेना की संचालन क्षमताओं का प्रदर्शन किया गया था।

‘ऑपरेशन ट्राइडेंट’ की याद में मनाया जाता है नौसेना दिवस

भारतीय नौसेना हर साल 4 दिसंबर को नौसेना दिवस मनाती है। यह दिन 1971 के भारत-पाक युद्ध के दौरान कराची बंदरगाह पर नौसेना के साहसिक हमले ‘ऑपरेशन ट्राइडेंट’ की स्मृति में मनाया जाता है। इस अभियान ने भारतीय नौसेना के साहस और कौशल को पूरी दुनिया में प्रसिद्ध किया।

स्वदेशी तकनीक का प्रदर्शन

नौसेना दिवस के दौरान भारतीय नौसेना की अत्याधुनिक स्वदेशी तकनीक का भी प्रदर्शन किया गया। यह प्रदर्शन ‘आत्मनिर्भर भारत’ की सरकार की प्रतिबद्धता को आगे बढ़ाने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। इस तकनीक में देश में निर्मित हथियार और उन्नत सेंसर शामिल हैं, जो नौसेना की शक्ति को और अधिक प्रभावी बनाते हैं।

ओडिशा में नौसेना हेलीकॉप्टर की इमरजेंसी लैंडिंग

नौसेना दिवस के जश्न के बीच, ओडिशा के मयूरभंज जिले के एक खेत में नौसेना के हेलीकॉप्टर की इमरजेंसी लैंडिंग की खबर ने लोगों को चौंका दिया। पुलिस के अनुसार, हेलीकॉप्टर को रासगोविंदपुर थाना क्षेत्र के अरमदा गांव में उतारा गया, जहां किसान खेतों में काम कर रहे थे। हेलीकॉप्टर का पायलट उतरा और जांच की। लगभग 30 मिनट बाद हेलीकॉप्टर ने उड़ान भरी।

‘दुनिया की शीर्ष पांच नौसेनाओं में शामिल’

नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी ने कहा कि युद्ध क्षमता, मानव संसाधन और संचालन की अवधारणा के मामले में हम दुनिया की शीर्ष पांच नौसेनाओं में शामिल हैं। उन्होंने कहा, “इस गौरवशाली विरासत के लिए मैं अपने सभी पूर्ववर्तियों का धन्यवाद करता हूं, जिन्होंने नौसेना का नेतृत्व और मार्गदर्शन किया और इसे आज के स्तर तक पहुंचाया।”

नौसेना दिवस 2023 ने भारतीय नौसेना की ताकत, क्षमता और प्रतिबद्धता को प्रदर्शित किया। पुरी के ब्लू फ्लैग बीच पर आयोजित यह कार्यक्रम न केवल हमारी समुद्री शक्ति का प्रतीक है, बल्कि स्वदेशी तकनीक और आत्मनिर्भरता की दिशा में देश के प्रयासों को भी उजागर करता है। चेतक विमान की बमबारी से लेकर मार्कोस कमांडो की वीरता तक, हर प्रदर्शन ने भारतीय नौसेना के साहस, कौशल और तकनीकी उत्कृष्टता की झलक पेश की।

‘ऑपरेशन ट्राइडेंट’ की याद में मनाया जाने वाला यह दिवस न केवल हमारे वीर जवानों के बलिदान को सम्मानित करता है, बल्कि आने वाली पीढ़ियों को भी प्रेरित करता है। भारतीय नौसेना की ये ताकत देश की सुरक्षा और समुद्री सीमाओं की रक्षा में एक महत्वपूर्ण स्तंभ बनी हुई है।

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