Attack on Sukhbir Badal: पंजाब सरकार की जांच पर उठे सवाल, सीएम भगवंत मान का बयान
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Attack on Sukhbir Badal: पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने श्री हरिमंदिर साहिब में शिरोमणि अकाली दल प्रमुख सुखबीर बादल पर हुए जानलेवा हमले के मामले में एक बड़ा बयान दिया है। दिल्ली में संसद के बाहर मीडिया से बातचीत करते हुए सीएम मान ने कहा कि इस हमले को नरायण सिंह चौरा ने भावनात्मक स्थिति में अंजाम दिया है। उनका कहना था कि पुलिस ने जब एसजीपीसी से सुखबीर बादल पर हमले के मामले में सीसीटीवी फुटेज की मांग की, तो एसजीपीसी ने उसे देने से मना कर दिया। इसके बाद पंजाब सरकार को उच्च न्यायालय का रुख करना पड़ा, जिसके बाद ही एसजीपीसी ने फुटेज मुहैया कराया।
दो-तीन दिनों में पूरी जांच रिपोर्ट जारी करेगी पुलिस: सीएम मान
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि अगले दो से तीन दिनों में पंजाब पुलिस इस मामले की पूरी जांच रिपोर्ट जारी करेगी। 8 दिन गुजरने के बाद भी इस हमले के मामले में पुलिस किसी को गिरफ्तार करने में सफल नहीं हो पाई, सिवाय नरायण सिंह चौरा के। इस मामले में शिरोमणि अकाली दल (SAD) के वरिष्ठ नेता बिक्रम सिंह मजीठिया ने पुलिस पर सवाल उठाए हैं। मजीठिया ने चौरा की बातचीत का एक वीडियो जारी किया, जिसमें चौरा एसपी हरपाल रंधावा से बातचीत करते हुए दिखाई दे रहा है। वीडियो में चौरा और अन्य संदिग्धों को हमले से पहले एसजीपीसी परिसर में देखा गया है।
चौरा ने हमले से पहले एसजीपीसी प्रमुख से की मुलाकात: वकील जगदीप सिंह रंधावा
वकील जगदीप सिंह रंधावा ने मीडिया से बातचीत में एक नई जानकारी दी। रंधावा ने बताया कि हमले से पहले चौरा ने श्री गुरुद्वारा प्रबंधक समिति के प्रमुख हरजिंदर सिंह ढामी से मुलाकात की थी। यह सीसीटीवी फुटेज एसजीपीसी ने वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को प्रदान किया है, और पुलिस इस फुटेज की जांच कर रही है। रंधावा ने कहा कि पुलिस हमले के दिन और हमले से पहले के फुटेज में सभी कड़ियों की जांच कर रही है, लेकिन अगर पुलिस के विश्वसनीय सूत्रों की मानी जाए, तो वे इस हमले को व्यक्तिगत दुश्मनी और धार्मिक भावनाओं की आहत के कारण अंजाम देने की थ्योरी पर काम कर रहे हैं।
मजीठिया का आरोप: पुलिस जानबूझकर एसपी और संदिग्धों की भूमिका की जांच नहीं कर रही
बिक्रम सिंह मजीठिया ने पंजाब पुलिस की जांच पर गंभीर सवाल उठाए हैं। मजीठिया का कहना है कि पुलिस जानबूझकर एसपी और संदिग्धों की भूमिका की जांच नहीं कर रही है, जिनकी पहचान सीसीटीवी फुटेज में की गई है। मजीठिया ने यह भी दावा किया कि फुटेज में दिखाई दे रहे दो संदिग्धों और एसपी को अभी तक एफआईआर में शामिल नहीं किया गया है, और न ही इन लोगों से कोई पूछताछ की गई है। मजीठिया ने कहा, “पहला आतंकवादी धर्म सिंह धर्म उर्फ धर्म बाबा के रूप में पहचाना गया है, जबकि दूसरा साथी जसपाल सिंह जस्सा मोटा उर्फ सिरलत के रूप में पहचाना गया है। दोनों का आतंकवादी रिकॉर्ड है। इसके बावजूद, पुलिस इन दोनों को जांच में शामिल करने की बजाय मामले को कमजोर करने का प्रयास कर रही है।”
पुलिस पर मजीठिया का आरोप: मामले को कमजोर करने की कोशिश
मजीठिया ने आगे आरोप लगाया कि पुलिस ने जानबूझकर दोनों संदिग्ध आतंकवादियों और एसपी रंधावा की भूमिका को नजरअंदाज किया है। मजीठिया ने कहा कि पंजाब पुलिस के अधिकारियों की ओर से की जा रही कार्रवाई में एक स्पष्ट रणनीति नजर आती है, जिसमें मुख्य संदिग्धों को जांच से बाहर रखा जा रहा है। उनका कहना था कि यदि पुलिस मामले में निष्पक्षता से काम करती, तो उन संदिग्धों की गिरफ्तारी पहले ही हो चुकी होती, जिनकी पहचान सीसीटीवी फुटेज में की गई है।
सीएम मान की चुप्पी पर उठे सवाल
हालांकि सीएम भगवंत मान ने जांच की बात कही है, लेकिन इस पूरे मामले में उनकी चुप्पी पर भी सवाल उठ रहे हैं। अकाली दल और अन्य विपक्षी पार्टियों का कहना है कि सीएम मान को इस मामले में सख्त कदम उठाने चाहिए थे, ताकि आरोपियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जा सके। विपक्षी नेताओं ने आरोप लगाया कि सरकार इस मामले में सख्ती से काम करने की बजाय केवल बयानबाजी कर रही है।
पंजाब में राजनीतिक उथल-पुथल और पुलिस जांच का दबाव
सुखबीर बादल पर हमले के बाद पंजाब में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। अकाली दल और अन्य राजनीतिक पार्टियों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला जारी है। पुलिस जांच पर भी दबाव बढ़ गया है, खासकर जब आरोपितों की पहचान सीसीटीवी फुटेज से हो चुकी है और फिर भी गिरफ्तारी में देरी हो रही है।
इस घटना के राजनीतिक और सामाजिक असर को लेकर पंजाब में अब तक कई चर्चा हो चुकी हैं। राज्य सरकार और विपक्ष दोनों के पास अपने-अपने तर्क हैं। जहां एक ओर मुख्यमंत्री भगवंत मान और पंजाब पुलिस जांच की प्रक्रिया में लगे हुए हैं, वहीं दूसरी ओर विपक्षी नेता इस मामले में सरकार की निष्क्रियता पर सवाल उठा रहे हैं।
पंजाब में सुखबीर बादल पर हुए हमले की जांच पर निगाहें बनी हुई हैं। सीसीटीवी फुटेज, पुलिस जांच और राजनीतिक बयानबाजी के बीच इस मामले में कोई स्पष्टता आना बाकी है। हालांकि, अगले दो से तीन दिनों में पंजाब पुलिस अपनी पूरी जांच रिपोर्ट जारी करने का वादा कर रही है, लेकिन विपक्षी नेताओं के आरोपों के बाद यह देखना होगा कि क्या पुलिस इस मामले में सही दिशा में कदम उठाती है या यह मामला और पेचीदा हो जाएगा।