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Atul Subhash suicide: आत्महत्या मामले में बेंगलुरु पुलिस की बडी कार्रवाई, अतुल सुभाष की पत्नी, मां और भाई गिरफ्तार

Atul Subhash suicide: बेंगलुरु के एआई इंजीनियर अतुल सुभाष आत्महत्या मामले में पुलिस ने बडी कार्रवाई की है। आत्महत्या के इस मामले में आरोपित अतुल सुभाष की पत्नी निकिता सिंघानिया, मां निशा सिंघानिया और भाई अनुराग सिंघानिया को गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस ने निकिता को गुरुग्राम से और निशा तथा अनुराग को प्रयागराज (इलाहाबाद) से गिरफ्तार किया।

बेंगलुरु कोर्ट में पेश किया गया

गिरफ्तारी के बाद तीनों आरोपितों को बेंगलुरु लाया गया और वहां की अदालत में पेश किया गया। अदालत ने तीनों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। 13 दिसंबर को बेंगलुरु पुलिस ने अतुल सुभाष की पत्नी निकिता सिंघानिया के जौनपुर स्थित आवास के बाहर एक नोटिस चिपकाया था, जिसमें उन्हें पूछताछ के लिए हाजिर होने का निर्देश दिया गया था।

बेटे से मिलने के लिए 30 लाख की मांग

पुलिस जांच में पता चला है कि तीनों आरोपितों ने आत्महत्या मामले को वापस लेने के लिए 3 करोड़ रुपये और अपने बेटे से मिलने के अधिकार के लिए 30 लाख रुपये की मांग की थी। पुलिस ने उत्तर प्रदेश पुलिस की मदद से इन आरोपितों को पकड़ा।

Atul Subhash suicide: आत्महत्या मामले में बेंगलुरु पुलिस की बडी कार्रवाई, अतुल सुभाष की पत्नी, मां और भाई गिरफ्तार

24 पन्नों का सुसाइड नोट छोड़ा

34 वर्षीय एआई इंजीनियर अतुल सुभाष ने सोमवार को बेंगलुरु स्थित अपने अपार्टमेंट में आत्महत्या कर ली थी। उन्होंने अपनी आत्महत्या से पहले 24 पन्नों का एक सुसाइड नोट लिखा और रंबल नामक प्लेटफॉर्म पर 90 मिनट का वीडियो भी छोड़ा। यह वीडियो और सुसाइड नोट इस मामले की जांच में अहम सबूत बने हैं।

सुसाइड नोट में लगाए गंभीर आरोप

अतुल सुभाष ने अपने सुसाइड नोट में अपनी पत्नी और ससुराल पक्ष पर मानसिक उत्पीड़न और प्रताड़ना के गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने यह भी लिखा कि एक जज ने मामला निपटाने के लिए 5 लाख रुपये की मांग की थी। इन आरोपों ने न्यायपालिका और कानून व्यवस्था पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं।

आत्महत्या के बाद फरार हो गए थे ससुराल वाले

अतुल सुभाष की आत्महत्या के बाद उनके ससुराल वाले फरार हो गए थे। उनका जौनपुर स्थित घर खाली मिला। पुलिस लगातार उनकी तलाश में जुटी हुई थी। अब पुलिस की कार्रवाई के बाद तीनों आरोपित गिरफ्त में हैं।

गिरफ्तारी के बाद का घटनाक्रम

गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने तीनों आरोपितों को अलग-अलग स्थानों से पकड़ा। निकिता को गुरुग्राम से गिरफ्तार किया गया, जबकि निशा और अनुराग को प्रयागराज से पकड़ा गया। गिरफ्तारियों के बाद तीनों को बेंगलुरु लाया गया और वहां की अदालत में पेश किया गया। अदालत ने तीनों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।

घटना का पूरा घटनाक्रम

अतुल सुभाष बेंगलुरु में एक प्रतिष्ठित एआई इंजीनियर थे। उनके जीवन में सब कुछ सामान्य लग रहा था, लेकिन घरेलू विवाद और मानसिक उत्पीड़न के कारण उन्होंने आत्महत्या जैसा बड़ा कदम उठा लिया। उनकी पत्नी निकिता और ससुराल वालों पर आरोप है कि उन्होंने अतुल को मानसिक रूप से प्रताड़ित किया।

ससुराल पक्ष पर लगाए गए आरोप

अतुल के सुसाइड नोट में लिखा गया है कि उनकी पत्नी और ससुराल पक्ष ने उन पर लगातार दवाब बनाया और उन्हें आर्थिक और मानसिक रूप से कमजोर कर दिया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि उनकी पत्नी ने उन्हें उनके बेटे से मिलने से रोका और इसके लिए 30 लाख रुपये की मांग की।

जज पर भी आरोप

अतुल सुभाष ने सुसाइड नोट में लिखा है कि एक जज ने उनके मामले को सुलझाने के लिए 5 लाख रुपये की मांग की थी। यह आरोप बेहद गंभीर है और न्याय व्यवस्था पर सवाल उठाता है।

पुलिस की जांच और कदम

बेंगलुरु पुलिस ने इस मामले में तेजी से कार्रवाई की। उन्होंने उत्तर प्रदेश पुलिस की मदद ली और आरोपितों को पकड़ने के लिए अलग-अलग स्थानों पर छापेमारी की। इस मामले में पुलिस ने आरोपितों के खिलाफ साक्ष्य जुटाए हैं और उन्हें अदालत में पेश किया।

न्याय की उम्मीद

यह मामला न केवल एक व्यक्तिगत त्रासदी है, बल्कि यह समाज में घरेलू हिंसा और मानसिक उत्पीड़न के मुद्दों को उजागर करता है। अतुल सुभाष की आत्महत्या ने एक बार फिर से यह सवाल खड़ा किया है कि कैसे घरेलू विवाद और उत्पीड़न किसी की जान ले सकता है।

अतुल सुभाष आत्महत्या मामला एक गहरी त्रासदी है, जिसमें एक प्रतिभाशाली एआई इंजीनियर ने मानसिक उत्पीड़न और घरेलू विवाद के चलते अपनी जान गंवा दी। पुलिस की कार्रवाई सराहनीय है, लेकिन इस मामले में न्याय तभी मिलेगा जब आरोपितों को सख्त सजा दी जाएगी। यह घटना समाज को यह संदेश देती है कि घरेलू हिंसा और उत्पीड़न के खिलाफ सख्त कदम उठाने की जरूरत है, ताकि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।

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