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CM Yogi Adityanath ने ‘विश्व हिंदू आर्थिक मंच’ में श्रमिकों के सम्मान पर दिया जोर

CM Yogi Adityanath: मुंबई के बीकेसी स्थित जियो वर्ल्ड कन्वेंशन सेंटर में आयोजित ‘विश्व हिंदू आर्थिक मंच’ (WHEF) के वार्षिक सम्मेलन में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री Yogi Adityanath ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा करते हुए भारतीय श्रमिकों के सम्मान और देश की सांस्कृतिक विरासत पर चर्चा की। तीन दिवसीय यह सम्मेलन 13 दिसंबर से शुरू हुआ और 15 दिसंबर तक चला। अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने राम मंदिर निर्माण में श्रमिकों को सम्मानित किए जाने और इतिहास में श्रमिकों के साथ हुए अन्याय पर बात की।

राम मंदिर निर्माण में श्रमिकों को सम्मान

योगी आदित्यनाथ ने अपने संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी द्वारा राम मंदिर निर्माण में लगे श्रमिकों को सम्मानित किए जाने का उल्लेख किया। उन्होंने कहा, “आपने देखा होगा कि 22 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किस तरह राम मंदिर निर्माण में लगे श्रमिकों को सम्मानित किया। प्रधानमंत्री ने उन पर फूल बरसाए, उन्हें गौरव का अनुभव कराया।”

ताजमहल के श्रमिकों के हाथ काटने का इतिहास

मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में इतिहास के उस अंधेरे पक्ष को उजागर किया, जब ताजमहल निर्माण में लगे श्रमिकों के हाथ काट दिए गए थे। उन्होंने कहा, “आज जब हम श्रमिकों का सम्मान कर रहे हैं, तब यह याद करना भी जरूरी है कि इतिहास में ऐसे शासक थे जिन्होंने श्रमिकों के हाथ काटकर उनकी परंपराओं और विरासत को नष्ट कर दिया। ताजमहल बनाने वाले कारीगरों के साथ जो हुआ वह केवल एक उदाहरण है।”

CM Yogi Adityanath ने 'विश्व हिंदू आर्थिक मंच' में श्रमिकों के सम्मान पर दिया जोर

कपड़ा उद्योग और बुनकरों की दुर्दशा

योगी आदित्यनाथ ने इतिहास में भारत के कपड़ा उद्योग और बुनकरों के साथ हुए अन्याय की भी चर्चा की। उन्होंने कहा, “इतिहास में ऐसे भी समय आए जब बुनकरों और कारीगरों की कला को खत्म करने के लिए उनके हाथ काट दिए गए। इससे न केवल उनकी परंपरा नष्ट हुई, बल्कि भारत के कपड़ा उद्योग पर भी गहरा प्रभाव पड़ा।” उन्होंने आगे कहा, “ऐसी घटनाओं ने भारत के समृद्ध सांस्कृतिक और आर्थिक इतिहास को नुकसान पहुंचाया।”

आज भारत में श्रमिकों का सम्मान

मुख्यमंत्री ने वर्तमान भारत की स्थिति पर प्रकाश डालते हुए कहा, “आज का भारत श्रमिकों का सम्मान करता है, उन्हें सुरक्षा प्रदान करता है। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में हम उन परंपराओं को फिर से जीवित कर रहे हैं, जिन्हें इतिहास में नष्ट कर दिया गया था।” उन्होंने कहा कि भारत अब अपने श्रमिकों और कारीगरों को वह सम्मान दे रहा है, जिसके वे हकदार हैं।

भारत की ऐतिहासिक आर्थिक समृद्धि

योगी आदित्यनाथ ने भारत की ऐतिहासिक आर्थिक स्थिति का जिक्र करते हुए कहा, “पहली सदी से 15वीं सदी तक भारत का वैश्विक अर्थव्यवस्था में योगदान 40 प्रतिशत से अधिक था। यह स्थिति यूरोपीय विद्वानों द्वारा भी स्वीकार की गई है।” उन्होंने कहा कि उस समय भारत न केवल आर्थिक रूप से समृद्ध था, बल्कि सांस्कृतिक और सामाजिक दृष्टि से भी पूरे विश्व में अग्रणी था।

प्रधानमंत्री मोदी ने बचाई भारत की पहचान

मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व की प्रशंसा करते हुए कहा, “2014 से पहले भारत पहचान के संकट का सामना कर रहा था। लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले 10 वर्षों में भारत को इन ‘दानवी ताकतों’ से मुक्त कर एक नए भारत का सपना दिखाया।” उन्होंने कहा, “आज जब कुछ लोग आतंकवाद को बढ़ावा दे रहे हैं और हमारी विरासत पर दावा कर रहे हैं, तब प्रधानमंत्री मोदी ने हमारी पहचान और सांस्कृतिक धरोहर को सुरक्षित किया है।”

आत्मनिर्भर भारत की ओर बढ़ते कदम

मुख्यमंत्री ने आत्मनिर्भर भारत की दिशा में उठाए गए कदमों का जिक्र करते हुए कहा, “प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में देश न केवल आर्थिक रूप से मजबूत हो रहा है, बल्कि आत्मनिर्भर भारत का सपना भी साकार कर रहा है। आज हम अपनी सांस्कृतिक और आर्थिक विरासत को पुनर्जीवित करने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।”

भारतीय अर्थव्यवस्था और वैश्विक मंच पर पहचान

योगी आदित्यनाथ ने भारत की अर्थव्यवस्था और वैश्विक मंच पर उसकी पहचान को लेकर कहा, “आज भारत वैश्विक मंच पर अपनी ताकत दिखा रहा है। हमारी अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ रही है और हम अपने श्रमिकों और कारीगरों को वह सम्मान दे रहे हैं, जो उन्हें हमेशा से मिलना चाहिए था।”

सम्मेलन के महत्व पर विचार

मुख्यमंत्री ने ‘विश्व हिंदू आर्थिक मंच’ के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा, “यह मंच न केवल आर्थिक चर्चा का स्थान है, बल्कि यह हमारी सांस्कृतिक और सामाजिक पहचान को भी मजबूत करता है। ऐसे मंच हमें अपनी परंपराओं और विरासत को समझने और उन्हें पुनर्जीवित करने का अवसर देते हैं।”

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने संबोधन में श्रमिकों के सम्मान, सांस्कृतिक विरासत की सुरक्षा, और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की प्रशंसा की। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि भारत अब उस दौर से बहुत आगे निकल चुका है, जब श्रमिकों और कारीगरों के साथ अन्याय होता था। आज का भारत अपने श्रमिकों को सम्मान देता है और उनके योगदान को पहचानता है। इस दिशा में ‘विश्व हिंदू आर्थिक मंच’ जैसे आयोजन एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।

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