सत्यखबर फरीदाबाद (मनोज सूर्यवंशी) – ऊंची दुकान फीके पकवान इस पुरानी कहावत को पृथला विधानसभा के गांव खजूरका का राजकीय माध्यमिक विद्यालय पूरा कर रहा है। आठवीं कक्षा तक का स्कूल बाहर से चमचमाता हुआ बेशक नजर आता है मगर अंदर से देश के भविष्य को खोखला कर रहा है। सब पढ़े सब बढ़े यह स्लोगन देने वाले शिक्षा विभाग को बता दें कि इस स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री, क्षेत्र के विधायक, गांव के सरपंच इतना ही नहीं जिस स्कूल में पढ़ते हैं उसी स्कूल का नाम तक मालूम नहीं है।
यह सब उन शिक्षकों की वजह से हो रहा है जो कागजों में तो ड्यूटी पर रहते हैं लेकिन स्कूल में नजर नहीं आते। 8 शिक्षकों वाले इस स्कूल में रियलिटी चेक करने पर सिर्फ तीन ही शिक्षक मिले। स्कूल के हेड मास्टर राकेश कुमार से इस बेहद गंभीर विषय के बारे में बातचीत की गई तो वह भी अपने साथी शिक्षकों को बचाते हुए नजर आए ऐसा लगा कि उनकी रजामंदी से ही स्कूल के शिक्षक स्कूल के बाहर ही रहते हैं।
बचपन से सुनते आ रहे हैं कि बच्चे देश का भविष्य होते हैं जिन्हें अच्छी गुणवत्ता की सही तालीम मिलनी चाहिए जिसका रियलिटी चेक करने के लिए फरीदाबाद की पृथला विधानसभा के गांव खजूरका के राजकीय माध्यमिक विद्यालय पहुंचे। जहां स्कूल के बाहर पहुंचते ही रंग रोगन से रंगी हुई दीवारें और सुंदर स्कूल का गेट चमकता हुआ दिखाई दिया। अंदर भी स्कूल में बेहद साफ सफाई और सभी सुख सुविधाएं भी दिखाई दी, मगर जब स्कूल में पढ़ने वाले देश के भविष्य यानी कि बच्चों से बातचीत की गई तो बुजुर्गों की पुरानी कहावत फिर से याद आ गई। ऊंची दुकान फीके पकवान।
जी हां बच्चों का शिक्षा का स्तर बहुत ही निम्न पाया गया हैरानी की बात तो तब हुई जब बच्चों को पढ़ाने वाले स्कूल का नाम तक मालूम नहीं था। इतना ही नहीं बच्चों को प्रधानमंत्री मुख्यमंत्री शिक्षा मंत्री, क्षेत्र के विधायक और गांव के सरपंच तक का नाम नहीं मालूम था बच्चों के विषयों की बात की गई तो बच्चे अंग्रेजी में लो दिखे। बच्चों ने बताया कि उनके कई विषयों के अध्यापक हफ्ते में एक बार आते हैं इससे उनकी पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है।
बच्चों की शिक्षा के गिरते स्तर पर जब हेड मास्टर राकेश कुमार से संपर्क करने की कोशिश की तो मालूम हुआ हेड मास्टर साहब जिला पलवल में चल रहे सेमिनार में गए हुए हैं। स्कूल में मौजूद शिक्षकों से बात की तो पता चला कि पूरे स्कूल में हेड मास्टर सहित 9 अध्यापक है मगर तीन ही उपस्थित दिखे। जब शिक्षकों की अनुपस्थिति के बारे में उपस्थित शिक्षकों से पूछा गया तो वह हड़बड़ाते हुए अपने साथियों को बचाते हुए नजर आए और माना कि उनके स्कूल में बच्चों का शिक्षा स्तर थोड़ा सा कम है जिसे वह जल्द ही उठाने की कोशिश करेंगे।
वहीं गांव के सरपंच से बात की गई तो उन्होंने हैरान कर देने वाली बात बताई कहा कि गांव के स्कूल में गिरते शिक्षा के स्तर को लेकर उन्होंने कई बार शिक्षकों और हेड मास्टर के साथ मिलकर बैठक की है मगर कोई भी सुधार नहीं आया है। अब उन्होंने फैसला लिया है कि वह जल्द ही उच्च शिक्षा अधिकारियों से मिलकर हेड मास्टर और अन्य शिक्षकों की शिकायत करेंगे। क्योंकि उन्हें जानकारी मिली है कि हेड मास्टर की रजामंदी से कुछ शिक्षक सरकारी कागजों में इसी स्कूल में काम करते हैं लेकिन उपस्थिति कहीं और ही रहती है।
Aluminium recycling valuation Aluminium scrap recycling services Metal reclaiming and repurposing
Metal recovery center Demolition ferrous metal recycling Iron scrap brokerage
Ferrous material baling methods, Iron and steel recovery, Metal waste logistics