राष्‍ट्रीय

US Treasury Breach: चीन हैकर्स ने अमेरिकी वित्त मंत्री को निशाना बनाया, कंप्यूटर से संवेदनशील डेटा चुराया

US Treasury Breach:  अमेरिका के ट्रेजरी डिपार्टमेंट के अधिकारियों ने हाल ही में एक साइबर हमले की जानकारी दी है, जिसके कारण वित्त मंत्री जालेत येलन के कंप्यूटर से संवेदनशील जानकारी चुराई गई है। यह हमला अब चीन के हैकर्स से जोड़ा जा रहा है, और इसे अमेरिकी वित्त विभाग की सुरक्षा पर बड़ा सवाल उठाने वाला माना जा रहा है। आइए जानते हैं इस हमले के बारे में विस्तार से।

साइबर हमले का पता कैसे चला?

बloomबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, इस साइबर हमले में कम से कम 50 अनक्लासिफाइड फाइलों तक हैकर्स ने पहुंच बनाई। ट्रेजरी डिपार्टमेंट के अधिकारियों ने कैपिटल हिल के सांसदों और उनके सहायकों को इस साइबर हमले की जानकारी दी। बुधवार और गुरुवार को इस हमले के बारे में जानकारी दी गई, जब सीनट फाइनेंस कमिटी द्वारा राष्ट्रपति-चुनाव डोनाल्ड ट्रंप के वित्त मंत्री उम्मीदवार स्कॉट बेजेंट की पुष्टि सुनवाई हो रही थी।

चीनी सरकार से जोड़ा गया साइबर हमला

यह साइबर हमला चीनी सरकार से जोड़ा जा रहा है। बloomबर्ग रिपोर्ट के अनुसार, हैकर्स ने ट्रेजरी विभाग की अंतर्राष्ट्रीय मामलों में भागीदारी, आर्थिक प्रतिबंधों और खुफिया जानकारी पर ध्यान केंद्रित किया। हालांकि, हैकर्स विभाग के ईमेल सिस्टम या गोपनीय सूचनाओं तक नहीं पहुंच पाए।

हैकर्स ने 3000 से अधिक फाइलों तक पहुंच बनाई

रिपोर्ट के अनुसार, वित्त मंत्री जालेत येलन के सहकर्मियों को लक्षित करते हुए, हैकर्स ने 400 से अधिक कंप्यूटरों में घुसपैठ की और 3000 से अधिक फाइलों तक पहुंच बनाई। इन फाइलों में अमेरिकी विदेशी निवेश समिति से संबंधित संवेदनशील कानून प्रवर्तन डेटा भी शामिल था।

बीयॉन्ड ट्रस्ट कॉर्प द्वारा सूचना देने पर खुलासा

यह सुरक्षा उल्लंघन उस समय सामने आया जब सॉफ़्टवेयर ठेकेदार बीयॉन्ड ट्रस्ट कॉर्प ने 8 दिसंबर 2024 को ट्रेजरी विभाग को सूचित किया कि हैकर्स ने उनकी नेटवर्क का उपयोग करके विभाग में घुसपैठ की है। यह घुसपैठ बहुत ही चुपके तरीके से की गई थी, और विभाग के कई कंप्यूटरों की सुरक्षा से समझौता किया गया था।

US Treasury Breach: चीन हैकर्स ने अमेरिकी वित्त मंत्री को निशाना बनाया, कंप्यूटर से संवेदनशील डेटा चुराया

अमेरिकी ट्रेजरी विभाग का बयान

अमेरिकी ट्रेजरी विभाग के प्रवक्ता क्रिस हेडन ने फिलहाल इस मामले पर टिप्पणी करने से इंकार कर दिया है। लेकिन इस मामले की गंभीरता को देखते हुए, अमेरिकी अधिकारियों ने साइबर सुरक्षा को मजबूत करने की दिशा में कदम उठाने का फैसला किया है।

क्या है इस हमले का उद्देश्य?

विशेषज्ञों के अनुसार, इस हमले का मुख्य उद्देश्य वित्त मंत्रालय की संवेदनशील जानकारी और डेटा तक पहुंच बनाना था। हैकर्स ने ऐसे दस्तावेजों और डेटा को लक्षित किया, जो अमेरिका के विदेशी निवेश और आर्थिक नीतियों से संबंधित थे। हालांकि, इस हमले में विभाग की गोपनीय जानकारी या ईमेल प्रणाली से किसी प्रकार की छेड़छाड़ की पुष्टि नहीं हुई है।

अमेरिका में साइबर सुरक्षा के लिए उठाए गए कदम

इस हमले के बाद, अमेरिकी सरकार ने अपनी साइबर सुरक्षा नीतियों को मजबूत करने और इसके परिणामस्वरूप आने वाली किसी भी अन्य सुरक्षा चुनौती से निपटने के लिए त्वरित कदम उठाने की योजना बनाई है। अमेरिकी साइबर सुरक्षा एजेंसियां इस मामले की जांच कर रही हैं और यह सुनिश्चित करने का प्रयास कर रही हैं कि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए क्या कदम उठाए जा सकते हैं।

इस साइबर हमले ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि दुनिया भर में साइबर सुरक्षा एक बड़ा मुद्दा बन चुका है। अमेरिका जैसे देशों में जहां संवेदनशील डेटा की सुरक्षा बेहद महत्वपूर्ण है, वहां इस तरह के हमलों से निपटना एक बड़ी चुनौती है। हालांकि, अमेरिकी ट्रेजरी विभाग ने इस हमले के बारे में जानकारियों को सार्वजनिक किया है, लेकिन यह हमले से जुड़े कई सवालों का जवाब अभी बाकी है।

Back to top button