Krishna Janmabhoomi Case: “मथुरा श्री कृष्ण जन्मभूमि मामले में होगी या नहीं सर्वे, सुप्रीम कोर्ट ने लगाई बड़ी टिप्पणी”
Krishna Janmabhoomi Case: सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार, 22 जनवरी 2025 को मथुरा स्थित शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के कोर्ट-निगरानी वाले सर्वे पर इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक बढ़ा दी। यह मस्जिद कृष्ण जन्मभूमि मंदिर के पास स्थित है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा, 1 अप्रैल से फिर होगी सुनवाई
मुख्य न्यायधीश संजीव खन्ना, न्यायमूर्ति संजय कुमार और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की पीठ ने शाही मस्जिद ईदगाह प्रबंधन समिति द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई को अगले दो महीने के लिए टाल दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस मामले की सुनवाई 1 अप्रैल से शुरू होगी।
इलाहाबाद उच्च न्यायालय का आदेश और सुप्रीम कोर्ट की रोक
इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने शाही ईदगाह मस्जिद परिसर का कोर्ट-निगरानी वाला सर्वे करने का आदेश दिया था, जिसमें कोर्ट कमिश्नर की नियुक्ति का भी प्रस्ताव था। उच्च न्यायालय का यह आदेश दिसंबर 2023 में दिया गया था। इसके बाद, 16 जनवरी 2024 को सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगा दी थी।
हिंदू पक्ष का दावा: परिसर में था मंदिर
हिंदू पक्ष का कहना है कि शाही ईदगाह मस्जिद परिसर में मंदिर के होने के संकेत मिलते हैं। हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा कि मस्जिद समिति का अपील उच्च न्यायालय के 14 दिसंबर 2023 के आदेश के खिलाफ दायर किया गया था और मामले में उच्च न्यायालय के बाद दिए गए आदेश अप्रभावी हो गए हैं। उन्होंने दावा किया कि इस परिसर में मंदिर के अस्तित्व के संकेत मिले हैं।
सर्वे के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट ने किया बड़ा कमेंट
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस मुद्दे पर तीन प्रमुख सवाल अभी भी लंबित हैं। पहला, अंतरन्यायालयीय अपील (हिंदू पक्ष द्वारा दायर किए गए मुकदमे के एकत्रीकरण के खिलाफ) है, दूसरा, Places of Worship (Special Provisions) Act 1991 की वैधता को चुनौती दी जा रही है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इन सभी मुद्दों पर सुनवाई 1 अप्रैल से शुरू होगी और तब तक इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश पर जारी रोक जारी रहेगी।
मुस्लिम पक्ष ने किया था उच्च न्यायालय के आदेश का विरोध
मुस्लिम पक्ष के वकीलों ने उच्च न्यायालय के आदेश का विरोध किया था और इस पर आपत्ति जताई थी। उनका कहना था कि शाही ईदगाह मस्जिद के धार्मिक स्वरूप को लेकर यह विवाद सही नहीं है। उच्च न्यायालय ने हिंदू पक्ष के पक्ष में फैसला सुनाते हुए कहा था कि मस्जिद के धार्मिक स्वरूप को निर्धारित करना जरूरी है।
सर्वे के लिए नियुक्त कोर्ट कमिश्नर
इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने कोर्ट कमिश्नर की नियुक्ति की थी, जो सर्वे की निगरानी करेंगे। कोर्ट ने आदेश दिया था कि शाही ईदगाह मस्जिद परिसर का सर्वे किया जाए ताकि यह स्पष्ट किया जा सके कि इस स्थान पर किसी समय मंदिर था या नहीं।
हिंदू पक्ष का रुख
हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन का कहना था कि उच्च न्यायालय का आदेश हिंदू पक्ष के हित में था और इसमें मस्जिद समिति के द्वारा दायर की गई याचिकाएं अप्रभावी हो गई हैं। जैन ने कहा कि हिंदू पक्ष का यह दावा है कि मस्जिद परिसर में मंदिर के अस्तित्व के प्रमाण हैं, जो इस विवाद का प्रमुख हिस्सा हैं।
क्या होगा भविष्य में?
सुप्रीम कोर्ट के आदेश से यह स्पष्ट होता है कि इस मामले में अभी और समय लगेगा और सभी पक्षों की सुनवाई के बाद ही कोई अंतिम निर्णय लिया जाएगा। 1 अप्रैल 2025 के बाद इस मामले में सुनवाई फिर से शुरू होगी और तब तक सुप्रीम कोर्ट का आदेश लागू रहेगा।
मथुरा के शाही ईदगाह मस्जिद परिसर पर होने वाले सर्वे के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक जारी रखी है। यह मामला धार्मिक और कानूनी दृष्टिकोण से अत्यंत संवेदनशील है। हिंदू पक्ष का दावा है कि इस स्थान पर कभी मंदिर था, जबकि मुस्लिम पक्ष का कहना है कि यह मस्जिद का धार्मिक स्थल है। मामले की सुनवाई आगे जारी रहेगी और 1 अप्रैल 2025 से पुनः शुरू होगी।