Punjab-Haryana High Court का करारा जवाब! कानून के नाम पर न्याय की हत्या? HC ने फेक एनकाउंटर पर लगाई सेंसरशिप

Punjab-Haryana High Court ने 2013 में कथित फर्जी पुलिस एनकाउंटर में मारे गए युवक की मां को 15 लाख रुपये मुआवजा देने का आदेश दिया है। कोर्ट ने कहा कि पुलिस का कानून से बाहर का कोई भी कार्य स्वीकार्य नहीं है और ऐसा न्याय व्यवस्था की नींव को हिला देता है।
मामला 2013 का और युवकों की मौत
23 मई 2013 को 22 वर्षीय अरविंदर पाल सिंह उर्फ लवली की गोली लगने से मौत हो गई थी। अरविंदर उस समय अमृतसर के एक नाई की दूकान पर बैठा था। मृतक की मां दलजीत कौर ने आरोप लगाया कि पुलिस हेड कांस्टेबल प्रेम सिंह ने बिना कोई चेतावनी दिए उसे नजदीक से गोली मारी।
पुलिस की झूठी एफआईआर और पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट
पुलिस ने दावा किया कि अरविंदर एक फरार आरोपी था जिसने पुलिसकर्मी पर चाकू से हमला किया था और पुलिस ने आत्मरक्षा में गोली चलाई। लेकिन पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से पता चला कि गोली बहुत नजदीक से मारी गई थी और शरीर पर इसके निशान भी थे। साथ ही मृतक के पैर पर कोई चोट नहीं थी जो यह दिखाता है कि उसे चेतावनी तक नहीं दी गई।
हाईकोर्ट का फर्जी एनकाउंटर पर कड़ा रुख
हाईकोर्ट ने कहा कि यह मामला आत्मरक्षा के नाम पर की गई गैरकानूनी हत्या का प्रतीक है। कोर्ट ने नाराजगी जताई कि पहले से मौजूद आदेश के बावजूद पुलिसकर्मियों के खिलाफ सिर्फ धारा 304 के तहत एफआईआर दर्ज की गई जबकि यह मामला हत्या की धारा 302 के तहत आता है।
मां की लंबी कानूनी लड़ाई और न्याय की जीत
मृतक की मां ने 12 साल तक न्याय के लिए लड़ाई लड़ी। कोर्ट की दखल के कारण ही पुलिसकर्मियों के खिलाफ केस दर्ज हो सका। हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट को मामले की क्लोजर रिपोर्ट पर पुनर्विचार का आदेश दिया है ताकि सच्चाई सामने आ सके।