Siddharth Nigam: ‘ये सिर्फ बिजनेस है मां’ – बेटे के इन शब्दों ने बयां किया बॉलीवुड का कड़वा सच

Siddharth Nigam: मार्च 2024 में रिलीज हुई फिल्म ‘आज़ाद’ के साथ दो स्टार किड्स ने बॉलीवुड में कदम रखा। ये दो कलाकार हैं अजय देवगन के भतीजे अमन देवगन और रवीना टंडन की बेटी रशा ठडानी। इस फिल्म को लेकर शुरुआत में काफी चर्चा थी क्योंकि इसके जरिए नए चेहरों को लॉन्च किया जा रहा था। लेकिन अब इस फिल्म को लेकर एक और कहानी सामने आई है जिसने नेपोटिज़्म यानी भाई-भतीजावाद की बहस को फिर से हवा दे दी है।
सिद्धार्थ निगम को मिला था फिल्म का ऑफर फिर हटाया गया
टीवी और फिल्मों में अपने अभिनय से पहचान बना चुके एक्टर सिद्धार्थ निगम को पहले ‘आज़ाद’ फिल्म में मुख्य भूमिका के लिए चुना गया था। ये जानकारी खुद उनकी मां विभा निगम ने एक इंटरव्यू में दी। विभा ने बताया कि उन्होंने खुद सिद्धार्थ को लेकर फिल्म के डायरेक्टर से मुलाकात की थी। उन्हें फिल्म की पूरी स्क्रिप्ट सुनाई गई और मेकर्स ने कहा था कि फिल्म के लिए एक साल इंतज़ार करना पड़ेगा। इस भरोसे पर सिद्धार्थ ने करीब एक साल से ज्यादा इंतज़ार किया लेकिन बाद में पता चला कि फिल्म में उनकी जगह अमन देवगन को ले लिया गया है।
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मां ने जताया दर्द कहा – ये नेपोटिज़्म है
सिद्धार्थ की मां विभा निगम ने इंटरव्यू में साफ तौर पर नेपोटिज़्म को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि जब फिल्म का पोस्टर आया तो उन्हें गहरा झटका लगा क्योंकि उसमें उनके बेटे की जगह स्टार किड्स को लिया गया था। उन्होंने कहा, “सिद्धार्थ ने जब मुझे फिल्म का पोस्टर दिखाया और बताया कि अब इसमें अजय देवगन का भतीजा और रवीना टंडन की बेटी हैं तो मेरे लिए ये बहुत दुखद पल था। हमने दो साल का लंबा इंतज़ार किया और अंत में हमें फिल्म से ही हटा दिया गया।”
सिद्धार्थ की प्रतिक्रिया – मां को समझाया ये बिजनेस है
इस पूरे मामले में सिद्धार्थ निगम ने बेहद समझदारी से प्रतिक्रिया दी। उन्होंने अपनी मां को समझाया कि इसमें किसी का दोष नहीं है क्योंकि ये फिल्म इंडस्ट्री का हिस्सा है और यहां बिजनेस चलता है। उन्होंने नकारात्मकता से दूर रहते हुए अपने काम पर ध्यान देने की बात कही। वहीं उनकी मां का कहना है कि उन्हें यकीन है कि सिद्धार्थ का टैलेंट एक दिन जरूर पहचाना जाएगा। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि इंडस्ट्री में बाहरी कलाकारों के साथ आज भी भेदभाव होता है और यही वजह है कि कई बार टैलेंट को मौका नहीं मिल पाता।