सत्यखबर
भारत के इतिहास में ये पहली बार है जब बजट पूरी तरह पेपरलेस पेश किया गया है। अब इस बजट पर किसान नेता राकेश टिकैत ने प्रतिक्रिया दी है। राकेश टिकैत ने दो टूक कहा कि बजट में किसानों को कुछ नहीं मिला है। इसमें कर्जा देने की बात है, लेकिन फसलों के दामों पर कोई बात नहीं कही गई है। उन्होंने कहा कि किसान पिछले दो महीनों से कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। कृषि क्षेत्र के लिए एक अलग बजट होना चाहिए।
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राकेश टिकैत ने आगे कहा कि, कृषि कानूनों को वापस लिया जाए और एमएसपी की गारंटी सरकार दे, इसके बाद ही वह धरना समाप्त करेंगे। वह वार्ता के लिए तैयार हैं और नए सिरे से वार्ता होनी चाहिए, वार्ता से ही हल निकल सकता है, लेकिन सरकार की तरफ से अभी तक वार्ता का कोई न्योता नहीं आया है। कार्डिनेशन कमेटी फैसला करेगी कि आगे क्या करना है, वह तो इस समिति के एक सदस्य मात्र हैं।
बजट पर सवाल उठाते हुए सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि, इस बजट ने उन सभी प्रदर्शनकारी किसानों को क्या दिया। भाजपा हमेशा कहती थी कि वो सभी की आय दोगुनी करेगी। क्या इस बजट से किसानों की आय दोगुनी हो रही। हमारे युवा जो पढ़ाई करना चाहते हैं उनके लिए काम, रोजगार के लिए इस बजट में क्या व्यवस्था की गई है। क्या इनको रोजगार मिलेगा। सरकार सब कुछ बेंचने पर लगी हुई है। बड़े पैसे वालों को लाभ मिल रहा है।
बसपा प्रमुख मायावती ने आम बजट पर प्रक्रिया देते हे ट्वीट किया, संसद में आज पेश केंद्र सरकार का बजट पहले मन्दी व वर्तमान में कोरोना प्रकोप से पीडि़त देश की बिगड़ी अर्थव्यवस्था को संभालने तथा यहां की अति-गरीबी, बेरोजगारी व महंगाई आदि की राष्ट्रीय समस्या को क्या दूर कर पाएगा। इन्हीं आधार पर सरकार के कार्यकलापों व इस बजट को भी आंका जाएगा। उन्होंने दूसरे Tweet में कहा कि, हमारे देश की करोड़ों गरीब, किसान व मेहनतकश जनता केंद्र तथा राज्य सरकारों के अनेकों प्रकार के लुभावने वायदे, खोखले दावे व आश्वासनों आदि से काफी थक चुकी है। उनका जीवन लगातार त्रस्त है। केंद्र तथा राज्य सरकार अपने वायदों को जमीनी हकीकत में लागू करे तो यह सभी के लिए बेहतर होगा।
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